बड़ी खबर: छत्तीसगढ़ में 7 दिन में 5 हाथियों की मौत पर मचा हड़कंप..PCCF वाइल्ड लाइफ अतुल शुक्ला से सरकार नाराज

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रायपुर (khabargali) छत्तीसगढ़ में 7 दिन में 5 हाथियों की मौत पर हड़कंप मच गया है। हाल के दिनों में बलरामपुर और सूरजपुर में 3 हाथियों की मौत हुई थी, जबकि रायगढ़ और धमतरी में आज एक ही दिन में दो हाथियों का शव मिला है, वहीं कोरबा में एक हाथी जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहा है। रायगढ़ के धर्मजयगढ़ में हाथी की मौत करंट लगने से बतायी जा रही है, जबकि धमतरी में एक हाथी के बच्चे की दलदल में फंसकर मौत हो गयी। आपको बता दें कि गरियाबंद से 21 हाथियों का दल भटककर धमतरी पहुंचा था। थे। बताया गया कि आज सुबह हाथियों का दल उटपुटी डुबान क्षेत्र के ग्राम मोगरी गांव की ओर विचरण कर रहा था। इस दौरान हाथी का एक बच्चा दलदल में फंस गया जो लाख कोशिशों के बाद भी बाहर नहीं आ सका।

मुख्यमंत्री भूपेश एक्शन के मूड में

प्रदेश में गजराज की मौत के ब़ढ़ते आंकड़ों को देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश एक्शन के मूड में आ गए है , एक ही दिन में दो हाथियों की मौत के बाद मुख्यमंत्री ने वन विभाग के CCF स्तर के अफसर को मौके पर रवाना किया है। रायपुर के CCF एसएस बड़गैय्या को जहां तुरंत धमतरी रवाना किया गया है, जबकि बिलासपुर के CCF अनिल सोनी को रायगढ़ भेजा गया है। इससे पहले PCCF वाइल्ड लाइफ अतुल शुक्ला पिछले दो दिनों से लगातार कोरबा में कैंप किये हुए हैं, जहां एक हाथी जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहा है। वो दो हाथियों की मौत के बाद सूरजपुर गये थे, जहां से वापस लौटने के दौरान कोरबा की घटना सामने आ गयी, जिसके बाद वो बेहतर उपचार के लिए कोरबा में ही डटे हैं।

9, से 11 जून तक तीन मादा हाथियों की मौत

बता दें कि छ्त्तीसगढ़ के बलरामपुर और सूरजपुर जिलों के जंगलों में 9, 10 और 11 जून को तीन मादा हाथियों के मौत की खबर से प्रदेश सरकार में हड़कंप मच गया था। पहला शव 20 महीने की गर्भवती हथिनी का 9 जून को सूरजपुर जिले के प्रतापपुर वनक्षेत्र में पाया गया था। इसे ठीक 24 घण्टे बाद दूसरी हथिनी का शव भी थोड़ी ही दूरी पर पाया गया था। इस शव के पास कुछ कीटनाधक के पैकेट भी पाए गए थे, जिन्हें अधिकारियों ने बरामद कर लिया है। तीसरी हथिनी का शव 11 जून को बलरामपुर जिले के राजपुर वनमंडल के अंदर पाया गया जो प्रतापपुर वनमंडल से लगता है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार तीसरी हथिनी की मौत संभवतः उसके मौत से 6 दिन पहले हुई थी, जिसकी जानकारी स्थानीय अधिकारियों द्वारा उच्च अधिकारियों को नहीं दी गई।

Pccf वाईल्ड लाइफ अतुल शुक्ला पर गिर सकती है गाज

सरकार ने इस पर कटघोरा के डीएफओ को सस्पेंड कर दिया था। अब पांच हाथियों की मौत के बाद सरकार ने पीसीसीएफ वाईल्ड लाइफ अतुल शुक्ला को हटाने का फैसला कर लिया है। बताते हैं, उनकी जगह पर नरसिम्हा राव को नया वाईल्डलाइफ प्रमुख बनाने पर विचार किया जा रहा है। वन मंत्री मोहम्मद अकबर के यहां से फाइल अनुमोदित होकर सीएम हाउस चली गई है। किसी भी समय वाईल्डलाइफ चीफ को हटाया जा सकता है।

वन मंत्री अकबर ने कमेटी गठित की

ज्ञात हो कि प्रदेश के वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने शुक्रवार को एक वक्तव्य जारी कर बताया था कि प्रदेश हाथियों की मृत्यु के मामले की जांच के लिए सेवानिवृत्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक केसी बेवर्ता की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है, जो एक माह में अपनी रिपोर्ट दे देगी। कमेटी हाथियों की मृत्यु के कारण, परिस्थितियां, किसी स्तर पर कोई चूक, उत्तरदायित्व का निर्धारण जिसे बिन्दुओं पर जांच करेगी।

एक्टिविस्टों को पोचिंग का शक, समय सीमा पर उठाये सवाल

छत्तीसगढ़ में लगातार हाथियों की मौत के बाद राज्य सरकार द्वारा गठित एसआईटी को दिए गए एक माह के समय पर वन्यजीव एक्टिविस्ट्स ने संदेह जताया है। राज्य के वन्यजीव एक्टिविस्ट्स का कहना है कि मादा हाथियों की मौत स्वाभाविक नहीं हो सकती। प्रदेश के एक्टिविस्टों ने आरोप लगाया कि यह अवैध शिकार या जानबूझकर जहर देकर हत्या का मामला हो सकता है। वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी संभावित पॉइज़निंग को देखते हुए राजपुर और प्रतापपुर की वनमंडल की जांच दल लगातार ग्रामीणों के घरों में दबिश दे रहीं हैं। उल्लेखनीय है कि दो हथियों के शवों में केमिकल पाये गए हैं जिससे पॉइज़निंग की आशंका है। हालांकि, राज्य वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सरकार द्वारा बनाई गयी चार सदस्यीय जांच समिति के लिए दिया समय उचित है. लेकिन वन्य जीव एक्टिविस्टस मानते हैं की यदि जांच को सही अंजाम तक लेकर जाना है तो इसकी समय सीमा कम करनी होगी, अन्यथा कई सबूत मिट जाएंगे।

वन्य जीव एक्टिविस्ट्स हाईकोर्ट जाने की तैयारी में

राज्य के वन्य जीव एक्टिविस्ट्स जल्द ही प्रदेश में हो रही हाथियों की मौत के संबंध में हाईकोर्ट जाने की तैयारी में हैं। बताया गया कि राज्य बनने के बाद पिछले 20 सालों में छ्त्तीसगढ़ में 50 से भी ज्यादा हथियों की मौत हो चुकी है। लेकिन सरकार द्वारा इसे रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। इसी मुद्दे को लेकर वन्य जीव एक्टिविस्ट्स जल्द ही हाइकोर्ट में जाएंगे और हाईकोर्ट के सामने वे प्रदेश में खत्म होते जा रहे हथियों के कॉरिडोर्स को भी बचाने का उपाय सुझाएंगे और सरकार पर इसे लागू करने के लिए दबाव बनाया जाएगा।

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