जानें आज शपथ लेने वाले मंत्रियों का परिचय

Chief Minister Vishnu Dev Sai, Deputy CM Arun Sao, Vijay Sharma, Ministry Brijmohan Agarwal, Ramvichar Netam, Dayaldas Baghel, Kedar Kashyap, Lakhan Lal Dewangan, Shyam Bihari Jaiswal, OP Chaudhary, Lakshmi Rajwade and Tankram Verma, Khabargali.

रायपुर (khabargali) मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करते हुए 9 सदस्यों को शामिल किया। हम आपको इन मंत्रियों से परिचय कराते हैं।

1. बृजमोहन अग्रवाल

 भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में से एक और राज्य में अग्रवाल समुदाय के सबसे बड़े नेता। अग्रवाल (64) अविभाजित मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में मंत्री रह चुके हैं। अग्रवाल ने इस बार कांग्रेस के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ सबसे अधिक 67,719 वोटों के अंतर से चुनाव जीता। इस जीत के साथ, अग्रवाल लगातार आठवीं बार विधायक बन गए हैं और 1990 से लगातार जीत रहे हैं। अग्रवाल ने चुनाव में 1,09,263 वोट हासिल किए और इस बार रायपुर शहर दक्षिण सीट पर कांग्रेस के महंत रामसुंदर दास को 67,919 वोटों के अंतर से हराया। महंत को 41544 वोट मिले। कहा जाता है कि कांग्रेस के पास राजधानी में अग्रवाल के कद का कोई नेता नहीं है।

2. रामविचार नेताम

उत्तरी छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग में पार्टी के एक प्रमुख आदिवासी चेहरे नेताम (61) ने इस बार कांग्रेस के अजय तिर्की को 29,663 वोटों के अंतर से हराकर रामानुजगंज सीट जीती है। छह बार के विधायक नेताम 2016 में राज्यसभा सांसद के रूप में भी चुने गए थे और उन्होंने छत्तीसगढ़ में रमन सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में दो बार (2003 और 2008) मंत्री के रूप में कार्य किया था। नेताम को नवनिर्वाचित विधानसभा का प्रोटेम स्पीकर भी नियुक्त किया गया।

3. केदार कश्यप

कश्यप (49) पार्टी के एक अन्य प्रमुख आदिवासी नेता हैं, जो बस्तर क्षेत्र- दक्षिण छत्तीसगढ़ से आते हैं। कश्यप ने इस बार नारायणपुर सीट पर कांग्रेस के मौजूदा विधायक चंदन कश्यप को 19188 वोटों के अंतर से हराया है। चार बार के विधायक, कश्यप ने 2008 और 2013 में रमन सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में दो बार मंत्री के रूप में कार्य किया है। कश्यप ने बस्तर क्षेत्र में धर्म परिवर्तन के मुद्दे पर कांग्रेस के खिलाफ भाजपा के हमले का नेतृत्व किया, जिससे पार्टी को मदद मिली। चुनाव में आदिवासी बहुल क्षेत्र में पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन किया है। वह भाजपा के कद्दावर नेता और पूर्व सांसद स्वर्गीय बलिराम कश्यप के बेटे हैं।

4. दयालदास बघेल

बघेल (69) अनुसूचित जाति समुदाय से हैं। उन्होंने इस बार नवागढ़ विधानसभा सीट पर एससी समुदाय के प्रभावशाली नेता और पिछली कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे गुरु रुद्र कुमार को हराया है। राजनीतिक सफर की शुरुआत सरपंच के रूप में करने वाले बघेल 2003 में पहली बार विधायक बने। उन्होंने राज्य में रमन सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के तीसरे कार्यकाल (2013-18) में मंत्री के रूप में कार्य किया।

5. लखनलाल देवांगन

 देवांगन (61) ने कोरबा सीट पर पिछली कांग्रेस सरकार के प्रभावशाली मंत्री जयसिंह अग्रवाल को हराया है और दूसरी बार विधायक बने हैं। अन्य पिछड़ा वर्ग से आने वाले देवांगन 2013 में कटघोरा से पहली बार विधायक चुने गए थे। उन्होंने 2005-10 तक कोरबा जिले में महापौर के रूप में भी कार्य किया था।

6. श्याम बिहारी जायसवाल

 मनेंद्रगढ़ सीट पर जायसवाल (47) ने कांग्रेस के रमेश सिंह वकील को हराया है और दूसरी बार विधायक बने हैं। वह 2013 में पहली बार विधायक चुने गए थे। वह ओबीसी समुदाय से आते हैं। वह भाजपा के किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में कार्यरत थे।

7. ओपी चौधरी

 2005 बैच के आईएएस अधिकारी चौधरी (42) नौकरी छोड़कर 2018 में राजनीति में आए और भाजपा में शामिल हो गए। उन्होंने रायगढ़ जिले की खरसिया सीट से 2018 का विधानसभा चुनाव लड़ा लेकिन हार गए । यह सीट 1977 में अस्तित्व में आने के बाद से भाजपा कभी नहीं जीत पाई है। इस बार, चौधरी ने निकटवर्ती रायगढ़ जिले से चुनाव लड़ा और कांग्रेस के मौजूदा विधायक प्रकाश शक्रजीत नायक को हराया। वह "अघरिया" जाति से आते हैं, जो रायगढ़ और आसपास के क्षेत्रों में एक प्रभावशाली अन्य पिछड़ा वर्ग समुदाय है। राज्य में विधानसभा चुनाव के दौरान रायगढ़ क्षेत्र में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोगों से चौधरी को "बड़ा आदमी" बनाने का वादा करते हुए उन्हें जिताने का आग्रह किया था। उन्होंने गणित से बीएससी की है।

8. टंक राम वर्मा

 पहली बार विधायक बने वर्मा (61) ने कांग्रेस नेता शैलेश नितिन त्रिवेदी को हराकर बलौदाबाजार सीट से जीत हासिल की है। वे सेवानिवृत्त शिक्षक हैं। वह भाजपा के पूर्व सांसद रमेश बैस और मंत्री पद की शपथ लेने वाले केदार कश्यप के निजी सहायक के रूप में काम कर चुके हैं। वह राज्य में प्रभावशाली कुर्मी समुदाय से आते हैं।

9. लक्ष्मी राजवाड़े

 राजवाड़े (31) भटगांव विधानसभा क्षेत्र से पहली बार विधायक बनी हैं। वह कैबिनेट की एकमात्र महिला सदस्य और सबसे कम उम्र की हैं। उन्होंने कांग्रेस के मौजूदा विधायक पारसनाथ राजवाड़े को हराया है। वह भी ओबीसी समुदाय से आती हैं। वह सूरजपुर जिले में भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष रह चुकी हैं।

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