आज वर्ल्ड हैप्पीनेस डे पर " उर्मि" की कविता
ख़बरगली@विशेष
दुनिया में जो आए हैं , कर कुछ ऐसा जाएं । खुशियां लेकर थोड़ी , खुशियां तो लुटा जाएं ।।
देती है सदा रोकर दर्द में लिपटी आहें । रिसते हुए जख्मों पर मरहम तो लगा जाएं ।।
फूलों पर चल कर तो मिलते हैं मुकाम आसाँ । कांटों से निभालें और कुछ खास भी पा जाएं ।।
नहीं सच्चे धर्म इमाँ , इंसानों को जो बाँटें । . हर सांस में रब रहता , पैगाम सुना जाएं ।।
दुनिया से जो रुखसत हों खुशियों के साथ ही हों । गम जिनसे मिले ऐसे वज्हात मिटा जाएं ।।
रोशन करे हर दिल को, दे नूर इश्क का जो । हर तरफ "उर्मि " ऐसी शम्आ तो जला जाएं । ।
- उर्मिला देवी उर्मि , साहित्यकार , समाजसेवी, शिक्षाविद रायपुर, छत्तीसगढ़ , भारत
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