रायपुर (khabargali) देश में कोरोना वायरस के खौफ और लॉकडाउन के 16 वे दिन घरों में कैद आम जनता की शाम अचानक ख़ुशनुमा हो उठी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर ठीक रात 9 बजे पूरे देश के साथ छत्तीसगढ़ की राजधानी के सभी इलाकों में एक साथ सारे घरों की बत्तियाँ बंद हो गई। जैसे ही बत्तियाँ बंद हुईं, दियों की रौशनी जगमगा उठी। लोगों ने अपने बाल्कनी, खिड़कियों और छतों पर आकर अपने मोबाइल के फ्लैश लाइट को भी जला कर बड़े उत्साह से हाथों को हिलाया। लोगों ने दीपावली की रंगीन इलेक्ट्रॉनिक झालरों को भी अपने घर मे लगा कर आनंद उठाया। बच्चों में तो इतना उत्साह दिखा कि बहुत सारे बच्चों ने अपने अभिभावकों से फटाखे की मांग की।
लाइटों को बंद करने और दियों से रौशनी कर जहाँ लोगों ने एकजुटता का परिचय दिया, तो लोगों ने पटाखे फोड़ कर अपनी खुशियों का इजहार भी किया। रविवार रात नौ बजते ही, ज्यादातर घरों में बत्तियां बुझा दी गईं और लोगों ने बालकनी में खड़े होकर मोबाइल फोन की फ्लैशलाइट जलाई। कइयों ने दीये और मोमबत्ती भी जलाये। उस दौरान आतिशबाजी, थाली बजाने की आवाज, सीटी और पुलिस वाहन की सायरन भी सुनाई दी। कुछ स्थानों पर हिंदू भक्ति गीत बजाये गये तो कहीं मंत्रोच्चार किया गया।
दरअसल ये खुशियाँ आपसी सद्भाव और एकजुटता का प्रतिबिंब था जो दियों के रूप में राजधानी सहित प्रदेश और पूरे देश मे दिखा। भारत के लोगों ने प्रधानमंत्री की अपील पर अपनी जबरदस्त प्रतिक्रिया के जरिये एक बार से यह फिर जता दिया कि देश इस महामारी से पैदा हुए संकट से उबरने के लिये कृत संकल्पित है।
बिजली योद्धा मुस्तैदी से तैनात थे
पूरे देश में नौ मिनट तक अचानक बिजली बंद करने के दौरान किसी तरह का फॉल्ट या तकनीकी समस्या नहीं हो इसके लिए सभी केवी जीएसएस पर एईएन सहित इंजीनियर्स और बिजली योद्धा तैनात थे ताकि किसी तरह की परेशानी नहीं हो और बिजली सप्लाई भी निर्बाध जारी रह सके।
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