विधायक विकास उपाध्याय ने बढ़ती महंगाई को लेकर कहा- ‘‘देश आज स्टैगफ्लैशन से गुजर रही है‘‘

Vikas upadhyai, khabargali, congress, chhattisgarh

महंगाई को लेकर देश भर में आंदोलन की जरूरत है वे इसकी शुरूआत रायपुर से करेंगे

रायपुर (khabargali) विधायक एवं संसदीय सचिव विकास उपाध्याय ने पूरे देश में बढ़ती महंगाई को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा,देश आज "स्टैगफ्लैशन" से गुजर रही है। विकास उपाध्याय ने कहा बढ़ती महंगाई को लेकर देश व्यापी आंदोलन होना चाहिए। वे इसकी शुरूआत 17 दिसम्बर से रायपुर से करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा मोदी सरकार जिस मुद्दे को लेकर सत्ता में आई आज वही मुद्दा समाज के अंतिम व्यक्ति के लिए परेशानी का सबब बन गया है। बीते छः सालों में मोदी शासनकाल के आने के बाद देश के इतिहास में सबसे ज्यादा महंगाई दर बढ़ा है वहीं दूसरे तरफ खुदरा मूल्य सूचकांक बीते एक वर्ष के अपने सबसे ऊँचे स्तर पर है। इन दोनों आंकड़ों का सीधा असर आम आदमी की रसोई पर पड़ रहा है।

विधायक विकास उपाध्याय ने बढ़ते महंगाई को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी यूपीए शासनकाल के दौरान जिस मुद्दे को लेकर पूरे देश में ताण्डव कर सत्ता में आई। आज उसी देश को महंगाई के भँवर में ढकेल दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी एक रणनीति के तहत देश के सभी वर्ग के लोगों को पूरे देश में किसी न किसी जनविरोधी नीतियों को लेकर आंदोलन करने झोंक दिया है, जिसमें किसान से लेकर कर्मचारी तक सम्मिलित हैं और इस उद्देश्य से कि लोगों का ध्यान बढ़ती महंगाई पर न जाए। इसका खामियाजा देश का अंतिम व्यक्ति भुगत रहा है। महंगाई दर 7.35 प्रतिशत से लेकर 7.59 पहुँच चुकी है। खुदरा मूल्य सूचकांक भी बढ़कर 3.1 प्रतिशत तक पहुँच चुका है। ऐसे में महंगाई की बढ़ती रफ्तार को मोदी सरकार द्वारा रोक पाना असंभव सा है। उन्होंने कहा घर के राशन का सारा सामान सब्जियाँ, दालें, गैस सिलेण्डर, मसालें महंगी हो चुकी हैं वहीं लगातार रोज बढ़ते तेल के दामों में वृद्धि आसमान छू रही हैं।

विधायक विकास उपाध्याय ने बढ़ती महंगाई को लेकर देश व्यापी आंदोलन चलाये जाने की वकालत करते हुए कहा कि वे 17 दिसम्बर 2020 से रायपुर से इसकी शुरूआत करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा मोदी शासनकाल में पहली बार ऐसा हो रहा है जब बीते 20 महिनों में पहली बार गाँव तक महंगाई दर में तेजी आई है। भारत की दो तिहाई आबादी ग्रामीण क्षेत्रों पर निर्भर रहती है और खेती-किसानी से जुड़ी है। ये भारत की 2.8 ट्रीलियन अर्थव्यवस्था का लगभग 15 प्रतिशत है। ऐसे में किसान विरोधी तीन नये कृषि कानून के आ जाने के बाद जो ताकत किसानों के हांथ में लौटनी थी उस पर भी ग्रहण लग गया है।

विकास उपाध्याय ने कहा भारत वाकई आज "स्टैगफ्लैशन" के दौर से गुजर रहा है। यानि ऐसी स्थिति जब खुदरा महंगाई दर लगातार बढ़ने के कारण मंदी की स्थिति पैदा हो जाती है और सकल घरेलू उत्पाद यानि जी.डी.पी. गिरने लगती है। विधायक विकास उपाध्याय ने कहा कभी सत्ता पर आसिन मोदी मंत्रीमंडल के लोग रोड पर गैस सिलेण्डर और साईकिल चलाकर बढ़ती कीमतों का विरोध करने थकते नहीं थे वे आज मौन हैं। बढ़ती महंगाई को लेकर रोकने कोई पहल नहीं की जा रही है। खाद्यान्न गोदामों में पड़े सड़ रहे हैं, कालाबाजारी चरम पर है। इस वजह से जहाँ एक तरफ लोगों को अनाज पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल रहे हैं वहीं दूसरी तरफ बड़े-बड़े व्यापारी इस अनाज को अपने गोदाम में जमा करके रखे हुए हैं। जब बाजार में इनका भाव बढ़ जाता है तब वे अपने अनाज को ऊँचे दाम में बेचते हैं। यही कारण है जो महंगाई तो बढ़ ही रही है साथ ही मोदी सरकार का इन पर कोई नियंत्रण भी नहीं है। महंगाई का बढ़ना समाज के लिए बहुत ही घातक है और सरकार को जमाखोरी, कालाबाजारी जैसे चीजों पर अंकुश लगाना चाहिये।