बच्चों के वैक्सीनेशन के लिए जल्द आएगी नई पॉलिसी
नई दिल्ली (khabargali) कोरोना के नए स्वरूप ओमिक्रॉन वैरिएंट के विदेशों से आर रहे यात्रियों के जरिए भारत पहुंचने की भी आशंका जताई जा रही है। इस बीच, भारत में कोविड टास्क फोर्स के अध्यक्ष डॉ एन के अरोड़ा ने कहा है कि 18 साल की उम्र से नीचे 44 करोड़ बच्चों की इम्यूनिटी बढ़ाने की योजना जल्द ही देश के सामने रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीन दिए जाने की प्रक्रिया पर काम किया जा रहा है। जिससे कॉमरेडिडिटी वाले बच्चों कोरोना वैक्सीन लगाई जा सके।
डॉ. अरोड़ा ने कहा कि उसके बाद स्वस्थ्य बच्चों को कोरोना का टीका दिया जाएगा। अरोड़ा ने यह भी कहा कि सरकार गंभीर रोगियों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों के लिए वैक्सीन की एडिशनल डोज (बूस्टर डोज) पर नई पॉलिसी लाने जा रही है। कोरोना के नए वैरिएंट के सामने आने के बाद कई देशों में बुजुर्गों को बूस्टर डोज दिया जा रहा है। इनमें अमेरिका, ब्रिटेन और इजराइल शामिल हैं। अरोड़ा ने कहा- देश में 12 से 15 करोड़ लोगों को वैक्सीन का एक भी डोज नहीं लगा है। 30 करोड़ लोगों को दूसरा डोज नहीं लगा है। साफ है कि हमें वैक्सीनेशन तेज करना होगा। इसे प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाना चाहिए।
उधर, सरकार ने मंगलवार को राज्यसभा में बताया कि 2-18 आयु वर्ग के लिए भारत बायोटेक की कोवैक्सिन अभी प्रक्रिया में है। इसके इमरजेंसी यूज की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए एक्सपर्ट्स कमेटी ने अतिरिक्त जानकारी मांगी है। इधर कोवीशील्ड की निर्माता सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (CII) के CEO अदार पूनावाला ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा है कि बच्चों के लिए वैक्सीन तैयार करने का काम भी तेजी से चल रहा है। पूनावाला ने स्पष्ट किया कि यह कोवीशील्ड नहीं बल्कि कोवावैक्स होगी।
पूनावाला ने कहा कि कोवावैक्स अगले छह महीनों में उपलब्ध होगी। ट्रायल चल रहे हैं। अभी तक कोई सुरक्षा संबंधी मुद्दा सामने नहीं आया है। सात साल तक की उम्र के बच्चों को भी ये वैक्सीन दी गई है। उन्होंने कहा कि बच्चों को वैक्सीन देने की मुहिम में हमारा मकसद कम से कम दो साल तक के बच्चे के लिए टीका तैयार करना है। कोवावैक्स का स्टॉक भारत और दुनिया भर में उपलब्ध कराने के लिए हम तैयार हैं। हमें बस नियामक मंजूरी का इंतजार है।
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