अण्डे के दाम, क्यों है बेलगाम?

Eggs khabargali

डेस्क(khabargali)। कोरोना के दौर में अंडे की कीमतों में बड़ी तेजी देखी जा रही है. दिल्ली-एनसीआर के खुदरा बाजार में एक अंडे की कीमत 7 रुपये तक पहुंच गई है. जबकि थोक में प्रति अंडे की दर 5.18 रुपये और एक दर्जन का दाम 62.16 पैसे के आसपास है. यह रेट 20 जून की है. एक दर्जन अंडे पर खुदरा दुकानदार 20 रुपये से ज्यादा की कमाई क रहे हैं. मई महीने से लेकर अब तक जून में अंडे का थोक भाव 5 रुपये से लगभग सवा 5 रुपये तक हुआ है. लेकिन खुदरा में यह बढ़ोतरी तेजी से देखी गई है.

अंडे के दाम में एक जगह से दूसरी जगह के बीच अंतर हो सकता है, लेकिन बहुत ज्यादा नहीं. दामों में अंतर अंडा मंडी से होलसेल और होलसेल से रिटेल दुकानों में देखा जा सकता है. कोरोना में थोक और खुदरा कीमतों के बीच बड़ा अंतर देखा जा रहा है. कोरोना काल में लोगों ने अंडे को प्रोटीन का सबसे सस्ता और सुलभ स्रोत मानते हुए इस्तेमाल बढ़ा दिया है. इससे मांग में बड़ी तेजी आई है जबकि गर्मियों में अंडे की सप्लाई कम होती है. सप्लाई कम होने लेकिन मांग में बढ़ोतरी के चलते दामों में इजाफा देखा जा रहा है।

इस वजह से बढ़ रहे दाम

अंडे से शरीर की इम्युनिटी बढ़ती है. कोरोना में इम्युनिटी बढ़ाए रखने और खुद को तंदुरुस्त बनाए रखने के लिए लोगों ने अंडे की खपत बढ़ा दी है. लोगों ने अपनी डेली डायट में अंडे को शामिल कर लिया है जिससे मांग बढ़ गई है. मांग के अनुरूप सप्लाई नहीं होने से अंडे के दाम में बेतहाशा बढ़ोतरी देखी जा रही है. थोक में 5 रुपये मिलने वाला अंडा लगभग पूरे देश में 6-7 रुपये की दर से बेचा जा रहा है. जो लोग थोक में कई अंडा ले रहे हैं उन्हें एक बड़ा घाटा यह हो रहा है कि कुछ अंडे खराब निकल रहे हैं. गर्मी के चलते कई अंडे जल्दी खराब हो जाते हैं.

पॉल्ट्री फीड के भाव बढ़े

पॉल्ट्री फीड में इस साल तेजी देखी गई है. कोरोना के चलते परिवहन व्यवस्था ठप हुई है और इसका असर पॉल्ट्री फीड की ढुलाई पर पड़ा है. बाजार में जो भी फीड बची है, वह पहले की तुलना में महंगे रेट पर बिक रही है. सोयाबीन केक जो पहले 35 रुपये किलो मिलता था, अब वह 75 रुपये किलो पर पहुंच गया है. मक्का फीड की बोरी पिछले साल 1400 रुपये थी, इस बार वह 1750 रुपये पर पहुंच गई है. गर्मी बढ़ने और फीड महंगा होने से 20 परसेंट तक अंडे का उत्पादन घट गया है. लॉकडाउन में मीट, मछली और अंडे की दुकानें बंद रही हैं जिससे मांग में लगातार बढ़ोतरी देखी गई.

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