BIG NEWS: 20 जनवरी को जो बाइडेन होंगे 46वें राष्ट्रपति ..ट्रंप बोले- शांतिपूर्ण ढंग से होगा सत्ता का हस्तांतरण

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206 साल बाद अमेरिकी संसद में हुई हिंसा, 4 की मौत..जिम्मेदार ट्रम्प पर महाभियोग की तैयारी

चीनी अखबार ने कसा तंज

वॉशिंगटन (khabargali) अमेरिकी संसद ने इलेक्टोरल कॉलेज के फैसले को स्वीकार कर लिया। बाइडन की जीत के लिए जरूरी 270 इलेक्टोरल कॉलेज वोटों को संसद के दोनों सदनों ने प्रमाणित कर दिया है। इस लिहाज से 3 नवंबर को चुनाव में जीत दर्ज करने वाले जो बाइडेन के 46वें राष्ट्रपति बनने का रास्ता साफ हो गया। उनके साथ कमला हैरिस अमेरिका की पहली अश्वेत और दक्षिण एशियाई मूल की उपराष्ट्रपति होंगी। ट्रंप के 20 जनवरी को पद से हटने के बाद दोनों शपथ लेंगे। अमेरिका के पर शपथ लेंगे। वहीं डोनाल्ड ट्रंप को उनके कार्यकाल से पहले हटाया जा सकता है, इसके लिए 25वें संविधान संशोधन की मदद ली जा सकती है। यह उपराष्ट्रपति और कैबिनेट को एक राष्ट्रपति को हटाने की अनुमति देता है अगर उसे 'अपने कार्यालय की शक्तियों और कर्तव्यों का निर्वहन करने में असमर्थ' माना जाता है। हालांकि अमेरिकी कांग्रेस के इस फैसले के ठीक बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि यूं तो वे इस चुनाव के नतीजे नहीं मानते, पर नियमों के अनुसार 20 जनवरी को शांतिपूर्ण ढंग से सत्ता का हस्तांतरण कर दिया जाएगा। इससे पहले बुधवार (स्थानीय समयानुसार) को डोनाल्ड ट्रंप दबाव बना रहे थे कि चुनाव में धांधली हुई है। उनके समर्थकों ने इसी सिलसिले में कैोपिटल बिल्डिंग पर धावा बोल दिया। इस दौरान उपद्रवियों को रोकने में अमेरिका संसद में ही गोली चल गई। इसमें एक महिला की जान भी चली गई। पुलिस का कहना है कि अब तक कुल चार लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से तीन लोगों की मौत मेडिकल इमरजेंसी के दौरान हुई। 206 साल बाद अमेरिकी संसद में ऐसी हिंसा हुई।

हमले की घटना के बाद ट्रम्प के साथी भी हुए उनके खिलाफ

इस घटना के बाद ट्रंप के कई साथी और रिपब्लिकन सांसद भी उनके खिलाफ खड़े हो गए हैं और राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने की मांग कर रहे हैं। साथ ही ट्रंप से जुड़े कई अफसरों ने पद छोड़ने भी शुरू कर दिए हैं। अब तक डिप्टी एनएसए मैट पोटिंजर और व्हाइट की डिप्टी प्रेस सेक्रेटरी सारा मैथ्यू इस्तीफा दे चुकी हैं। खबर है कि ट्रंप के एनएसए रॉबर्ट ओ ब्रायन और डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ क्रिस लिडेल भी कैपिटल बिल्डिंग हिंसा के विरोध में पद छोड़ सकते हैं। इससे पहले फर्स्ट लेडी मेलानिया ट्रंप की पत्नी की चीफ ऑफ स्टाफ स्टेफनी ग्रिशम ने भी इस्तीफा दे दिया।

संसद में हमला राजद्रोह : बाइडेन

दूसरी तरफ जो बाइडेन ने इस हमले को राजद्रोह बताया है। साथ ही कहा है कि यह वह अमेरिका नहीं, जिसकी हम कल्पना करते हैं। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी इस मामले में ट्रम्प को दोषी ठहराया। बता दें कि कैपिटल बिल्डिंग में ही संसद के दोनों सदनों (हाउज ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स और सीनेट) की बैठक होनी थी। इसमें ट्रंप और बाइडेन को मिले इलेक्टोरल कॉलेज वोटों की गिनती होनी थी। हालांकि, ट्रंप समर्थक संख्याबल में कम पड़े पुलिसवालों को छकाते हुए संसद के अंदर घुस गए और उपद्रव करने लगे। अमेरिकी पुलिस के मुताबिक हिंसा में कई अधिकारी भी घायल हो गए। बताया गया है कि कैपिटल बिल्डिंग में नेशनल गार्ड्स के पहुंचने के बाद स्थितियां नियंत्रित कर ली गईं। फिलहाल स्थिति को देखते हुए वॉशिंगटन डीसी में कर्फ्यू लगा है। साथ ही मेयर ने 15 दिन की इमरजेंसी का भी ऐलान कर दिया।

कैपिटल बिल्डिंग के आसपास सेना की विशेष टुकड़ी तैनात

वॉशिंगटन डीसी पुलिस ने कैपिटल बिल्डिंग में हिंसा भड़काने के आरोप में अब तक 52 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। घटना के बाद वॉशिंगटन डीसी में मौजूद अमेरिकी सेना की स्पेशल यूनिट को बुलाया गया। महज 20 मिनट में इसने मोर्चा संभाला। कुल मिलाकर 1100 स्पेशल गार्ड्स अब भी कैपिटल हिल के बाहर और अंदर तैनात हैं। राजधानी में कर्फ्यू है।

वॉशिंगटन डीसी में 15 दिन की इमरजेंसी, मेयर ने किया ऐलान

अमेरिकी राजधानी वॉशिंगटन डीसी स्थित कैपिटल बिल्डिंग में ट्रंप समर्थकों की हिंसा के बाद शहर की मेयर ने 15 दिन की सार्वजनिक इमरजेंसी का ऐलान कर दिया है। मेयर म्यूरियल बाउजर ने कहा कि 21 जनवरी तक इमरजेंसी लागू रहेगी। बता दें कि 20 जनवरी को जो बाइडेन राष्ट्रपति के तौर पर कार्यभार संभाल लेंगे।

206 साल बाद अमेरिकी संसद में ऐसी हिंसा हुई

आपको बता दें कि 24 अगस्त 1814 में ब्रिटेन ने अमेरिका पर हमला कर दिया था। अमेरिकी सेना की हार के बाद ब्रिटिश सैनिकों ने यूएस कैपिटल में आग लगा दी थी। तब से अब तक पिछले 206 साल में अमेरिकी संसद पर ऐसा हमला नहीं हुआ था।

चीनी अखबार ने कसा तंज

चीनी अखबार ने अमेरिकी लोकतंत्र पर कसा तंज चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अमेरिकी संसद में ट्रंप समर्थकों द्वारा की गई हिंसा का मजाक उड़ाया है। अखबार ने पहले स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी का मजाक उड़ाया। इसके बाद हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी पर तंज कसा जा रहा है। नैंसी ने हांगकांग में हुए प्रदर्शन की तस्वीरों को सुंदर दृश्य बताया था। अब चीनी वेबसाइट ने अमेरिकी कैपिटल बिल्डिंग हिंसा को शानदार दृश्य करार देकर पेलोसी पर तंज कसा है।