एमपी में जंग: स्पीकर ने 26 मार्च तक विधानसभा स्थगित की लेकिन राज्यपाल ने 17 मार्च को फ्लोर टेस्ट के दोबारा आदेश दिए

Mp political drama, khabargali

भाजपा के 106 विधायकों की राजभवन में परेड हुई, राज्यपाल लालजी टंडन ने कहा- अब लोकतंत्र बचाना मेरी जिम्मेदारी

भोपाल (khabargali) मध्य प्रदेश की विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के मुद्दे पर नाटकीय घटनाक्रम अभी तक जारी है। आज सोमवार सुबह करीब 11:10 बजे राज्यपाल लालजी टंडन 36 पन्नों के अभिभाषण के साथ विधानसभा तो पहुंचे, लेकिन उन्होंने एक मिनट से भी कम वक्त लेकर आखिरी पन्ने का आखिरी पैरा ही पढ़ा। इसके बाद राज्यपाल लालजी टंडन ने हिदायती लहजे में ‘लोकतांत्रिक मूल्यों का निर्वहन’ करने की बातें कहीं। इशारा मुख्यमंत्री कमलनाथ और स्पीकर एनपी प्रजापति की ओर ही था। लेकिन इसके महज 5 मिनट बाद स्पीकर ने अपने ‘अधिकारों का निर्वहन’ करते हुए काेरोनावायरस के खतरों का हवाला देकर 26 मार्च तक कार्यवाही स्थगित कर दी। 26 मार्च यानी ठीक वही तारीख, जिस दिन राज्यसभा चुनाव के लिए वोटिंग होनी है। इन घटनाक्रम को देखकर ऐसा लगने लगा कि 26 मार्च से पहले फ्लोर टेस्ट के आसार बेहद कम हैं। भाजपा ने शाम 5 बजे अपने विधायकों को दोबारा मानेसर भेजने के लिए होटल से एयरपोर्ट रवाना भी कर दिया, लेकिन ठीक उसी वक्त घटनाक्रम फिर बदला। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को चिट्‌ठी लिखकर 17 मार्च को फ्लोर टेस्ट कराने को कहा।

भाजपा के 106 विधायकों की परेड

इससे पहले, विधानसभा की कार्यवाही स्थगित होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ भाजपा के 106 विधायक नाराजगी जताने राजभवन पहुंचे और राज्यपाल लालजी टंडन के सामने परेड की। शिवराज ने राज्यपाल को 106 विधायकों के साथ का पत्र भी सौंपा। राज्यपाल ने पूछा कि यहां सभी लोग स्वेच्छा से आए हैं? विधायकों ने कहा- हां। फिर राज्यपाल ने कहा कि निश्चिंत रहें, आपके अधिकारों के हनन नहीं होगा। लोकतंत्र बचाने की जिम्मेदारी मेरी है।

 हालात पर दिल्ली की भी नजर

एम पी में विधानसभा की कार्यवाही स्थगित होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। मामला सुप्रीम कोर्ट में, कल सुनवाई फ्लोर टेस्ट में देरी के विरोध में भाजपा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी है। सुनवाई मंगलवार सुबह होगी। अगर स्पीकर अगले 10 दिन के भीतर बागी विधायकों को अयोग्य करार देते हैं तो भी मामला हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में जा सकता है। कोर्ट में तुरंत सुनवाई हुई तो 26 मार्च से पहले भी फ्लोर टेस्ट हो सकता है।

16 विधायकों ने फिर भेजे इस्तीफे

कांग्रेस के 16 विधायकों ने रविवार को दोबारा विधानसभा स्पीकर प्रजापति को अलग-अलग पत्र भेजकर उनके इस्तीफे स्वीकार करने की मांग की थी। इसमें उन सभी ने अध्यक्ष के सामने प्रत्यक्ष उपस्थित होने में असमर्थता जताई है। इसके लिए उन्होंने वर्तमान में प्रदेश की खराब कानून-व्यवस्था और अनिश्चितता का वातावरण होने का हवाला दिया है। उन्होंने लिखा है कि जिस तरह आपने 6 विधायकों के इस्तीफे स्वीकृत किए हैं, उसी प्रकार हमारे भी स्वीकार करें।

शिवराज के साथ विधानसभा पहुंचे बीजेपी विधायक

बीजेपी के सभी विधायको को तीन बसों में सवार करके विधानसभा लाया गया। इनके साथ पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान भी बस में मौजूद रहे। बीजेपी के विधायक विधानसभा पहुंच चुके हैं। एक बस में शिवराज सिंह चौहान आगे यानी कंडक्टर सीट पर बैठे थे। वहीं दूसरी बस में नरोत्तम मिश्रा कंडक्टर सीट पर बैठे दिखे।

कहां हैं कांग्रेस के बागी विधायक

बेंगलुरु में रखे गए सिंधिया खेमे के विधायक फिलहाल कहां हैं यह फिलहाल साफ नहीं है। सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने से पहले ही ये विधायक बेंगलुरु भेज दिए गए थे।

कांग्रेस-बीजेपी दोनों ने 'छिपाए' विधायक

कांग्रेस ने अपने विधायकों को जयपुर में रखा था और रविवार को इन विधायकों को भोपाल लाया गया। यहां इन्हें होटल मेरियट में रखा गया था। वहीं बीजेपी के विधायकों को मनेसर से रविवार की देर रात को भोपाल लाया गया और उन्हें आमेर ग्रीन होटल में ठहराया गया। दोनों दलों ने अपने विधायकों को होटलों में रखकर आम लोगों से दूर रखा है, यह विधायकों को एकजुट रखने की रणनीति का हिस्सा रहा।

विधानसभा का गणित 

स्पीकर ने कांग्रेस के छह विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। कुल 230 सदस्यीय विधानसभा में दो स्थान रिक्त हैं। अब कांग्रेस के 108, बीजेपी के 107, बीएसपी के दो, एसपी का एक और निर्दलीय चार विधायक बचे हैं। यानी विधानसभा में सदस्यों की कुल संख्या 222 रह गई है। लिहाजा बहुमत के लिए 112 विधायकों की जरूरत होगी। इस तरह कांग्रेस के पास चार विधायक कम है। कांग्रेस के पास एसपी, बीएसपी और निर्दलीयों को मिलाकर कुल सात अतिरिक्त विधायकों का समर्थन हासिल है। यदि यह स्थिति रहती है तो कांग्रेस के पास कुल 115 विधायकों का समर्थन होगा। लेकिन 16 विधायकों के इस्तीफे मंजूर होने पर कांग्रेस के विधायकों की संख्या 92 ही रह जाएगी।

Related Articles