Exclusive News: कोरोना वैक्सीन लगवाने से पहले अवश्य करें रक्तदान..वर्ना देश के ब्लड बैंकों में हो जाएगी रक्त की भारी कमी

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क्योंकि टीके लगने के 56 दिनों तक रक्तदान पर इस वजह से है प्रतिबंध

थैलेसीमिया मरीज, सड़क दुर्घटनाग्रस्त लोग, कैंसर पीडि़त और एचआईवी संक्रमित समेत अन्य मरीजों को रक्त की समस्या होगी

भारत में अधिकतर रक्तदाता 18 से 45 वर्ष के आयुवर्ग की श्रेणी में हैं

रायपुर (khabargali) 1 मई से 18 वर्ष एवं उससे ऊपर के सभी नागरिकों के लिए कोरोना का वैक्सीनेशन शुरू हो रहा है, ध्यान देने योग्य बात है यह है कि भारत में अधिकतर रक्तदाता 18 से 45 वर्ष के आयुवर्ग की श्रेणी में आते हैं, एवं सरकार द्वारा निर्धारित गाइडलाइन के अनुसार वैक्सीन के प्रथम डोज़ लगाने के साथ ही रक्तदान और प्लाज़्मा दान करने पर प्रतिबंध रहेगा, यह प्रतिबंध द्वितीय डोज़ लगने के 28 दिन बाद तक जारी रहेगा। तो संभव है कि आने वाले 2 से 3 महीने तक नियमित रक्तदाताओं के रक्त दे पाने में असमर्थता के कारण देश के ब्लड बैंकों में रक्त की भारी कमी हो जायेगी। जिससे थैलेसीमिया मरीज, सड़क दुर्घटनाग्रस्त लोग, कैंसर पीडि़त और एचआईवी संक्रमित समेत अन्य मरीजों को रक्त की समस्या होगी, क्योंकि उनके इलाज में कई रक्त आधान होते हैं। मौजूदा हालातों और कोरोना महामारी के इस मुश्किल दौर में अस्पतालों में रक्त और प्लाज्मा की बहुत ज्यादा आवश्यकता पड़ रही है।

एनबीटीसी ने आदेश जारी किया

राष्ट्रीय रक्त संचरण परिषद् (एनबीटीसी) ने हाल में एक आदेश जारी कर कहा है कि कोविड-19 टीके की अंतिम खुराक लेने के 28 दिन बाद तक कोई व्यक्ति रक्तदान नहीं कर सकता है। एनबीटीसी के शासकीय निकाय की 17 फरवरी को हुई 30वीं बैठक में कोविड-19 टीका लगवाने के बाद रक्तदान नहीं करने की अवधि ‘टीके की अंतिम खुराक लेने के 28 दिन बाद तक की तय की गई। आदेश में कहा गया कि टीके की दूसरी खुराक लगवाने के बाद रक्तदान करने वाले को 28 दिनों तक इंतजार करना होगा, जिसका मतलब है कि पहली खुराक लेने के बाद वह 56 दिनों तक रक्तदान नहीं कर सकेगा। रक्तदान लेने से पहले संबंधित चिकित्सकों को भी इस बात की पुष्टि कर लेनी चाहिए। एनबीटीसी के निदेशक डॉ. सुनील गुप्ता ने पांच मार्च को आदेश जारी किया था।

इतने दिनों का प्रतिबंध क्यो?

एनबीटीसी के विशेषज्ञों का कहना है कि टीके की दूसरी खुराक लेने के करीब 14 दिनों के बाद से शरीर में एंटीबॉडी का प्रभाव शुरू होता है। 28 दिनों से पहले किए गए रक्तदान का सामान्यरूप से असर नहीं होता है और इससे रक्त प्राप्त करने वाले को कोरोना से भी संभावित सुरक्षा भी नहीं मिल पाती है।

रूपरेला भाई- बहन का रक्तदान का वीडियो हो रहा जमकर वायरल

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर विष्णु रूपरेला अपने दो युवा बच्चों के लेकर आशीर्वाद ब्लड बैंक में रक्तदान कराने पहुंचे। जिसका वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है। समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझ ग्रेजुएट 23 वर्षीय रोहित रुपरेला व सीए की छात्रा 22 वर्षीय चित्रा रुपरेला को लेकर पिता विष्णु रुपरेला आज रक्तदान करने ब्लड बैंक पहुँचे तो वहाँ के स्टाफ ने एक विडियो बनाकर जनहित में वायरल कर दिया। दोनों युवा भाई बहन नेे खुशी- ख़ुशी पहली बार एक- एक यूनिट रक्तदान कर जरूरतमंदों के प्रति अपनी महती भूमिका निभाई।

ख़बरगली की अपील

तो आप सभी से निवेदन है वैक्सीन लगवाने से पहले स्वयं से ब्लड बैंकों में जाकर एक बार रक्तदान करें ताकि आने वाले समय में रक्त की कमी से मरीजों की जान न जाए। हम सब यह अच्छी तरह जानते है कि रक्तदान से शरीर में कोई कमजोरी नहीं आती है सभी को नियमित रक्तदान करना चाहिए। रक्तदान से न केवल दूसरे मानव का भला होता है अपितु रक्तदान करने वाला भी स्वस्थ रहता है। ऐसे में युवाओं से अपील है कि वैक्सीन लगने से पहले ज्यादा से ज्यादा रक्तदान और प्लाज्मा डोनेट करने में हिस्सा लें, ताकि लोगों की जिंदगी बचाई जा सके।