गंभीर खबर: राजधानी में नहीं थम रहा पीलिया का कहर: 1775 पीलिया के मिल सकते हैं संभावित मरीज

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अब पूरे शहर में पेयजल स्रोतों की होगी जांच

रायपुर (khabargali) रायपुर में कोरोना संक्रमण के दहशत के बीच पीलिया का प्रकोप फ़ैल गया है | नलों के जीवाणुयुक्त पानी पी लेने के बाद अब शहर की आधी आबादी जद में आ चुकी है। स्वास्थ्य विभाग के जारी आकड़ों के मुताबिक गंदा पी लेने से अभी 1775 लोगों को पीलिया या पेट संबंधी अन्य बीमारियां होने की संभावना है। अभी तक पीलिया के 519 पीड़ित हैं। अगर पेट संबंधी बीमारियों से ग्रसित लोगों की संख्या मिला दी जाए तो यह आकड़ा 620 के लगभग पहुंचता है। सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों में बड़ी तादाद में पीलिया पीड़ित मरीज जांच के लिए पहुंच रहे है | सरकारी अस्पतालों में तो इनका आंकलन हो रहा है , लेकिन निजी अस्पतालों में इलाज करा रहे मरीजों को लेकर स्पष्ट आंकलन नहीं मिल पा रहा है | जिस तेजी से सरकारी अस्पतालों में मरीजों का आना जारी है | उससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि पीलिया की रफ़्तार भी जोर मार रही है |

पीलिया का एकमात्र कारण गंदा पानी

इसका एकमात्र कारण गंदा पानी होना बताया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग अब शहर के सभी एरिया के नल, ओवरहेड टैंक व अन्य पेयजल स्त्रोतों से पानी का सैंपल लेकर जांच कराएगाा। मेडिकल कॉलेज में अभी तक 58 जगहों के पेयजल स्त्रोतों की जांच हुई है, जिसमें से 32 स्थानों का पानी दूषित पाया गया। स्वास्थ्य विभाग के एक आला अधिकारी ने बताया कि गर्मी बढऩे पर पीलिया पीडि़तों की संख्या में भी बढ़ोत्तरी होगी। पानी में एकोली, सूडोमोनास, प्रोटियाज, क्लेव सियोला आदि वायरस पाए गए हैं, जो सीधे लीवर को प्रभावित करते हैं। हालांकि, राहत की बात है कि अभी तक पीलिया से एक भी मौत नहीं हुई है। उनका कहना है कि पीलिया से बचना है तो दूषित पानी के सेवन से बचे।

इन स्थानों में फैला है पीलिया

पीलिया का प्रकोप स्वीपर कॉलोनी, खोखो पारा, विजय नगर कचना क्रॉसिंग के पास, भैरवनगर मठपुरैना, बीएसयूपी सड्डू, बजंरगपारा, मस्जिदपारा मोवा, एकता चौक सड्डू, स्कूल पारा दलदल शिवनी, खपराभट्टी, चगोराभाठा, शिवनगर, अटारी (नंदनवन), भाठापारा टाटीबंध, चंगोराभाठा, कबीर नगर, पुरैना, तेलीबांधा और बीएसयूपी भाठागांव आदि क्षेत्रों में फैला हुआ है। सतनामी पारा, ठाकुर पारा, मटकोलवा पारा, बेहावापारा, मलसाय तालाब, अश्वनी नगर, पुरानी हनुमान नगर, कुंदरापारा वार्ड-33 और वार्ड-37 हिरदी गली नांगड़ापारा आदि जगहों का पानी दूषित पाया गया।

नगर निगम व स्वास्थ्य अमला जुटा

पीलिया से बचाव के लिए लोगों को जागरूक कर रहे इसकी रोकथाम के लिए नगर निगम जहां पुरानी पाइप लाइन को बदलने में जुटा है, वहीं स्वास्थ्य विभाग की कुल 17 टीमें वार्डों में दौराकर लोगों के खून की जांच करने में लगी हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम और मितानिन क्लोरीन के टैबलेट बांट रही हैं।पीलिया से बचने के लिए अब निगम अधिकारी और वार्ड के पार्षदों द्वारा जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है। वहीं, महापौर एजाज ढेबर, जलकार्य विभाग के अध्यक्ष सतनाम पनाग और निगम प्रशासन ने शहरवासियों को पीलिया व अन्य जलजनित रोगों से बचाव के लिए पानी को उबालकर पीने की नसीहत दे रहे हैं। महापौर ढेबर ने लोगों से अपील की है कि पीलिया से बचने का सबसे जरूरी उपाय है, पानी को उबाल कर पीना। उन्होंने नागरिकों से आह्वान करते हुए कहा कि जिसमें पीलिया के लक्षण दिखे, उसे तुरंत डॉक्टरी उपचार शुरू करना चाहिए। पानी को 20 मिनट तक उबालकर ठंडा कर पीना चाहिए। 20 लीटर पीने के पानी में एक क्लोरीन गोली पीस कर डालकर 30 मिनट बाद उसका उपयोग करना चाहिए।

रायपुर के तीन अस्पतालों में होगा मरीजों का उपचार

राज्य शासन के स्वास्थ्य विभाग ने नगर निगम क्षेत्र के पीलिया मरीजों के उपचार के लिए शहर में डॉ.भीमराव अंबेडकर अस्पताल, डीकेएस सुपर स्पेशयलिटी अस्पताल और शासकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय रायपुर को चिन्हांकित किया है। नगर निगम के मुताबिक नगरीय प्रशासन एवं विकास संचालनालय के पीलिया नियंत्रण समन्वयक अधिकारी उपसंचालक डॉ.चोपडा ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने शासकीय आयुर्वेदिक चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर में आस-पास के क्षेत्रों के पीलिया मरीजों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए और आजाद चौक से भिलाई की ओर जाने वाले मार्ग और समांतर क्षेत्र पुरानी बस्ती,आमापारा,खो-खो पारा,समता कॉलोनी,गोपियापारा, ईदगाह भाठा, विवेकानंद आश्रम, डीडी नगर, चंगोराभाठा, कुशालपुर,कोटा,चिरहुलडीह वार्ड , कुकरबेडा, टाटीबंध, हीरापुर, गोगांव, अटारी, सुन्दरनगर, लाखेनगर, सरस्वती नगर और ब्राम्हणपारा क्षेत्र के मरीजों के लिए एलोपेथिक उपचार की व्यवस्था की गई है। इसी तरह डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल रायपुर और डीकेएस सुपर स्पेशयलिटी अस्पताल में उपरोक्त क्षेत्रों को छोड़कर शहर के बाकी सभी क्षेत्र के पीलिया के मरीजों का उपचार किया जाएगा। पीलिया के मरीज इन दोनों चिकित्सालयों में से कही भी एलोपेथिक उपचार प्राप्त कर सकते हैं।

लॉकडाउन नही होता तो और बढ़ता पीलिया

चिकित्सकों के अनुसार गंदे पानी के उपयोग के कारण शहर में पीलिया के मरीज बढ़ते जा रहे हैं | लॉक डाउन के कारण सड़क किनारे लगने वाले चाय नाश्ते के ठेले बंद है | वर्ना पीलिया पीड़ितों की तादाद और तेजी से बढ़ती | जानकारी के मुताबिक रायपुर के पानी में जगह-जगह ई-कोलाई ,क्लेबसिएला और स्यूडोमोनास बैक्टीरिया मिलाने का खुलासा हुआ है। यह जांच नेहरू मेडिकल कॉलेज के डिपार्टमेंट ऑफ माइक्रोबायोलॉजी द्वारा की गई है।

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