गंभीर मसला: सड़कों पर मामूली बातों पर बढ़ रही हिंसा

Serious issue, increasing violence on the streets over trivial matters, fatal attack on a Raipur doctor and his driver, Khabargali

रायपुर के एक डॉक्टर और उनके ड्राइवर के साथ हुआ जानलेवा हमला

रायपुर (khabargali) सड़क पर छोटी- छोटी बातों पर मनमुटाव को लेकर किस तरह वाहन चालकों पर आपस में हिंसा बढ़ रही है इसका उदाहरण गुरुवार को फिर देखने मिला। राजधानी के डीडीनगर थाना क्षेत्र में बाइक चलाते हुए मोबाइल फोन से बात करते हुए जा रहे दो युवकों को समझाना शहर के वरिष्ठ हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. सुरेंद्र शुक्ला के कार चालक को भारी पड़ गया। रास्ते मेें ट्रैफिक जाम हो रहा था, इसमें हादसे के खतरे को देखकर ड्राइवर ने समझाइश दी ही थी कि यह बाइक सवारों के आत्मसम्मान को इतना चोट कर गई कि उन्होंने ड्राइवर को गालियां देना शुरू कर दीं। जब ड्राइवर निखिल पटेल ने बाहर निकलकर उनको गालियां देने से रोका, तो आरोपियों ने उसके साथ मारपीट शुरू कर दी। घटना के वक्त कार में डॉ. शुक्ला भी थे। अपने ड्राइवर को पिटता देख वह भी कार से निकले और उनको रोकने की कोशिश की। दोनों युवकों ने ड्राइवर को छोड़कर डॉक्टर के साथ हाथापाई चालू कर दी। हालात बिगड़ता देख डा. शुक्ला और ड्राइवर कार में वापस बैठकर आगे जाने लगे, तो एक आरोपी ने सड़क के किनारे रखा भारी बोल्डर जैसा पत्थर उठाया और डॉक्टर पर हमले की कोशिश की। तुरंत सरकने से डॉ. शुक्ला बाल-बाल बचे, वह बड़ा सा पत्थर कांच को तोड़कर कार के अंदर जा गिरा। ड्राइवर ने फिर आपत्ति की, तो आरोपियों ने कांच की तरह सिर को तोड़ देने की धमकी देकर उस पर भी पत्थर से वार किया। खून से लथपथ ड्राइवर निखिल पटेल को कार में बैठाकर खुद सुरेंद्र शुक्ला को ड्राइव करके अस्पताल पहुंचे।

हालांकि पुलिस ने मामले में दलदल सिवनी निवासी सुरेन्द्र साहू और कुबेर रजक को गिरफ्तार किया है। उनके खिलाफ धारा 294, 323, 307, 427, 34 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है।

मरने-मारने को हो जाते हैं उतारू

सड़कों पर आए दिन यह नज़ारा देखने मिल रहा है कि हॉर्न बजाने को लेकर, साइड नहीं दिए जाने को लेकर, ग्रीन सिग्नल में तुरंत गाड़ी स्टार्ट नहीं करने को लेकर, जाम होने पर जरा सा किसी वाहन में टच हो जाने पर अगर किसी वाहन चालक ने प्रतिक्रिया दी तो मामला विस्फोटक हो जाता है और मामला ऊपर दिए घटनाक्रम में बदल जाता है। खास कर कार चालकों में उनका रूतबा हावी हो जाता है। जबकि लोगों को चाहिए कि ऐसे में अपने अहम को किनारे कर अपनी सहहृदयता दिखाएं और इन छोटी-छोटी बातों को नजरअंदाज करें और आगे बढ़ें वर्ना मामला बिगड़ते देर नहीं लग रही है।