छत्तीसगढ़ राज्य बने 20 साल बीत गए, इससे पहले तैनात डॉक्टरों ने ऑपरेशन क्यों नहीं किया ..? सवाल उठा
रायपुर (khabargali) छत्तीसगढ़ राज्य बने 20 साल बीत चुके हैं लेकिन बड़ी विडंबना है कि यहां जिला अस्पताल में स्थित ईएनटी विभाग में पहली बार आज सर्जरी की गई। जबकि ओपीडी आने वाले मरीजों की तादाद भी तेजी से बढ़ गई है। दो माह में यहां कान से जुड़ी समस्याओं को लेकर 200 मरीज इलाज कराने पहुंचे। इस मामले में जब जिला अस्पताल अधीक्षक पी के गुप्ता से पूछा गया तो उन्होंने ही सवाल उठाया कि इसके पहले जो डॉक्टर थे उन्होंने ऑपरेशऩ क्यों नहीं किया? बहरहाल आज जिला अस्पताल पंडरी रायपुर में पहली ENT सर्जरी "टाइम्पोप्लास्टी" (tympanoplasty) की गई । अब सिविल सर्जन डॉ प्रकाश गुप्ता के नेतृत्व में जिला अस्पताल में सभी ऑप्रेशन शुरु हो चुके हैं । पिछले 3 महीनों से जिला अस्पताल रायपुर में डॉ नीति वर्मा( MS ENT) पोस्टेड हैं । डॉ नीति वर्मा 3 साल मेकाहारा के कैंसर सर्जरी विभाग में काम कर चुकी है । और आगे की योजना जिला अस्पताल रायपुर में ENT सर्जरी को रेगुलर बेसिस पर करने और कैंसर सर्जरी शुरू करने की भी है।
21 वर्षीय लड़की रचना( बदला हुआ नाम ) को लंबे समय से कान से मवाद आने की शिकायत थी । जिसका सफल आपरेशन सवा घंटे में माइक्रोस्कोप की मदद से किया गया । आपरेशन की शुरुवात में temporalis fascia निकालकर मरीज के बाएं कान के पर्दे बनाये गए। मरीज को दोनों कानों से पस बहने की परेशानी थी पिछले कई सालों से दोनों कान के पर्दे में छेद था। बांया कान में ज्यादा परेशानी थी, आज उसका आपरेशन किया गया। माईक्रोस्कोप से ऑपरेशऩ एक से डेढ़ घंटा चला, ऑपरेशन सफल रहा है। दो दिन निगरानी में रखने के बाद डिस्चार्ज किया जाएगा। दूसरे कान का ऑपरेशन तीन से चार माह बाद किया जाएगा।
बीमारी का नाम – द्विपक्षीय क्रोनिक सपेरिटिव ओटिटिस मीडिया (bilateral chronic supprative otitis media)
इस बीमारी में कान का बहना ,कान में दर्द, कम सुनाई देना , कानों में झनझनाहट होना जैसे लक्षण होते है। बचाव के उपाय में कान को सूखा रखना, रेगुलर कानों की जांच करवाना और अंतिम उपाय के रूप में टाइम्पोप्लास्टी करवाना होता है। स्वास्थ के प्रति जागरूकता के अभाव के चलते काफी मरीजों को इस बीमारी का पता नही रहता । तथा वो इसे सामान्य स्थिति मान लेते हैं । जिससे बाद में सर्जरी की संभावना बढ़ जाती है ।
16 मरीज प्रति 1000 में प्रभावित
छत्तीसगढ़ में लगभग 16 मरीज प्रति 1000 सामान्य व्यक्ति इससे प्रभावित हैं । वर्तमान समय मे आवश्यकता से अधिक कागजी कामों के चलते लोग मेकाहारा जाने से कतराते हैं , डॉ नीति वर्मा के आने के बाद जिला अस्पताल रायपुर में Ent की ओपीडी भी बढ़ी है । और सर्जरी निशुल्क और नियमित होने की स्थिति में इसका लाभ आमजन को आगे भी मिलेगा।
Tympanoplasty क्या है?
टाइम्पेनोप्लास्टी एक सर्जिकल तकनीक है जो उन मुद्दों की मरम्मत या सही करने पर केंद्रित है जिनका मध्य कान की हड्डियों या कर्णमूल के साथ क्या करना है। टाइम्पोप्लास्टी सर्जरी के दो मुख्य दृष्टिकोण हैं। एक दृष्टिकोण में कान नहर तक पहुंचकर कान में प्रवेश करना शामिल है। टाइम्पोप्लास्टी के एक दूसरे दृष्टिकोण में कान के ठीक पीछे एक छोटा चीरा बनाना शामिल है, जिससे मध्य कान की हड्डी संरचना के साथ-साथ ईयरड्रम तक पहुंचना संभव हो जाता है। टाइम्पोप्लास्टी के दोनों रूपों को कान के साथ समस्याओं को ठीक करने या ठीक करने के लिए नियोजित किया जा सकता है। जब ईयरड्रम क्षतिग्रस्त हो गया है और अपने आप ही उपचार करने में सक्षम नहीं है, तो सर्जरी में कार्टिलेज की एक छोटी मात्रा में कटाई और एक काम करने योग्य इयरड्रम के पुनर्निर्माण के लिए इसका उपयोग करना शामिल होगा। ढंग से, हड्डी के टुकड़ों को वापस जगह में ले जाया जा सकता है और चिपकी हुई हड्डी को निकालने के लिए विभिन्न तरीकों का उपयोग करके सुरक्षित किया जाता है। जबकि शल्यचिकित्सा के बाद संक्रमण के मामले में कुछ हद तक जोखिम होता है, ज्यादातर लोग जो इस प्रकार की प्रक्रियाओं से गुजरते हैं, जटिलताओं के रास्ते में ज्यादा अनुभव नहीं करते हैं।
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