सीएम बघेल ने कहा- पीएम मोदी में हिम्मत है तो एक राष्ट्र-एक बाज़ार के साथ एक दर लागू करें, कोई आंदोलन नहीं होगा

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प्रदेश कांग्रेस का वर्चुअल किसान सम्मेलन संपन्न

रायपुर (khabargali) केंद्र सरकार के कृषि कानून को लेकर शनिवार दोपहर प्रदेश कांग्रेस की वर्चुअल किसान सम्मेलन का आयोजन किया गया. सम्मेलन में प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन से सीएम भूपेश बघेल, छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया और पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने किसानों को संबोधित किया. कांग्रेसियों ने इस दौरान केंद्र सरकार के नये किसान कानून को काला कानून बताया और कहा कि इस कानून के लागू हो जाने से देश के किसान औद्योगिक घरानों की कठपुतली बनकर रह जाएंगे.

सम्मेलन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुली चुनौती देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी में हिम्मत है तो एक राष्ट्र-एक बाज़ार के साथ एक दर लागू करें, कोई आंदोलन नहीं होगा. केंद्र के काले कानून से किसान बर्बाद हो जाएंगे. अब एमएसपी खत्म करने की कोशिश की जा रही है.

मुख्यमंत्री ने देशभर में किसान आंदोलन चलाने पर राहुल गांधी को धन्यवाद दिया. साथ ही कहा कि किसानों की आवाज़ बुलंद करने वे सड़क पर उतर आए हैं. कृषि कानून का विरोध पूरे देशभर में है. आज पूरे देश में मोदी सरकार के खिलाफ हल्ला बोल है. मोदी सरकार किसानों को तबाह करने में लगी है. जीएसटी लाकर व्यापारियों को, उपभोक्ताओं को तबाह किया. जीएसटी का पैसा करीब 4 हजार करोड़ छत्तीसगढ़ के हिस्से का मोदी सरकार नहीं दे रही है. कालाधन लाने की बात थी लेकिन वह सफेद हो गया. चीनी घुसपैठ देश में जारी है. मोदी सरकार इसे रोक नहीं पाई. अब कृषि कानून जो कि किसानों के लिए कानून है इससे गांव, गरीब, किसान, मजदूर सब बर्बाद हो जाएंगे. किसानों की आय दोगुना करने की बात कही थी वो भी नहीं हुआ. बोनस रोक दिया. मोदी सरकार की कोशिश है कि मंडी खत्म करने की, एमएसपी खत्म करने की है.

श्री बघेल ने कहा ,  प्रधानमंत्री मोदी से मैं कहना चाहता हूँ कि मोदी सरकार अगर एक राष्ट्र, एक बाज़ार की बात कर रही, तो एक दर भी लागू कर दे. भारत सरकार तय कर दे कि समर्थन मूल्य से नीचे खरीदी नहीं होगी. कांग्रेस आंदोलन नहीं करेगी. किसान को साथ लेकर हम पीएम मोदी का धन्यवाद करेंगे. अगर नहीं कर सकते तो कृषि कानून को वापस ले.

उक्त सम्मेलन में कांग्रेस संगठन के 307 ब्लॉकों और 36 जिला कांग्रेस मुख्यालयों में आयोजन किया गया. सभी ब्लॉक से 100—100 किसानों को जोड़ा गया.