सफलता की कहानी : कोसा कृमिपालन ने खोले समृद्धि के द्वार

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रायपुर (khabargali) रेशम विभाग की कोसा कृमिपालन योजना ने 20 परिवार के लिए समृद्धि के द्वार खोल दिए हैं। एक और जहां उनका जीवन खुशहाल हुआ है वहीं यह योजना इन परिवारों के लिए वरदान साबित हुआ है। रायगढ़ जिले के बरमकेला विकासखंड अंतर्गत ग्राम तोरना में 20 परिवारों का समूह कोसा उत्पादन स्वावलंबन समूह तोरना कोसा कृमिपालन में संलग्न है। इस समूह में 11 परिवार ग्राम सण्डा और 9 परिवार बार गांव के हैं।

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रेशम विभाग के अपर संचालक डॉ. राजेश बघेल ने बताया कि तोरना ग्राम में 47 हेक्टेयर के क्षेत्र में अर्जुन पौधों का रोपण किया गया है। प्रत्येक परिवार सदस्य को 2 हेक्टेयर प्लॉट आवंटित है, उसमें ही वह कोसा की खेती करते हैं कोसा की खेती 6 माह की अवधि में होती है, इस अवधि में उसकी देखभाल भी करनी होती है। देखभाल के अंतर्गत अर्जुन के पेड़ों की कटाई-छटाई आदि की जाती है। इस प्लाट में वर्ष 2021-22 में इन 20 सदस्यों के द्वारा 16 लाख 86 हजार 401 रुपए के 12 लाख 65 हजार 500 कोसा फलों का उत्पादन किया गया। एक ही स्थान पर 20 परिवारों के समूह द्वारा एक साथ काम करने से एक नया और अनोखा माहौल बना हुआ है।

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कोसा उत्पादन स्वावलंबन समूह तोरना सदस्य परिवारों ने कोसा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और ग्रामोद्योग मंत्री गुरु रूद्रकुमार का हृदय से धन्यवाद देते हुए आभार जताया है। रेशम विभाग की यह योजना समूह के लिए वरदान है। जिससे वे लगातार जुड़े रहना चाहते है।

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