मुख्यमंत्री साय के निवास में कल होंगे विविध आयोजन
रायपुर (khabargali) गत वर्ष की तरह ही छत्तीसगढ़ सिविल सोसायटी 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाने जा रही है। छत्तीसगढ़ सिविल सोसायटी के अभिनव कार्यक्रम "वीर बाल दिवस" की तैयारियों को लेकर रविवार को राजधानी स्थित मुख्यमंत्री निवास पहुंना में श्री विष्णुदेव साय से भेंट हुई तथा 26 दिसंबर को मुख्यमंत्रीजी के मुख्य आथित्य में यह समारोह आयोजित होगा । शाम 5 से 6 बजे तक आयोजित होने वाले कार्यक्रम की रूपरेखा तय करने हेतु अधिकारियों के साथ मीटिंग भी सफलतापूर्वक संपन्न हुई।
राष्ट्र निर्माण के लिए योगदान का भाव एवं देश प्रेम के मूल्यों को स्थापित करने के उद्देश्य से वीर बाल दिवस पर आयोजित कार्यक्रमों में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय शामिल होंगे । मुख्यमंत्री श्री साय के राजधानी स्थित निवास पहुंना में साहसी बच्चों का सम्मान किया जाएगा। प्रदेश के सभी पंजीकृत बाल देखरेख संस्थाओं में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के संदेश का प्रसारण किया जाएगा। इस अवसर पर केन्द्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा बनाई गई ऑडियो-विजुअल की स्क्रीनिंग के साथ ही वीर बाल दिवस पर आधारित डिजिटल प्रदर्शनी का आयोजन होगा। इस अवसर पर वीर बाल प्रतियोगिता के विजेताओं को भी पुरस्कृत किया जाएगा।
गौरतलब है कि श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के पुत्रों के सर्वाेच्च बलिदान और साहस की स्मृति में पूरे देश के साथ ही छत्तीसगढ़ में भी 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाया जाएगा। प्रदेश में वीर बाल दिवस के अवसर पर जिला स्तर, नगर पालिका, वार्ड, ब्लॉक, ग्राम पंचायत स्तर पर विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। इन गतिविधियों का उद्देश्य युवाओं और किशोरों, देश वासियों, महिलाओं में राष्ट्रनिर्माण के लिए योगदान एवं मूल्यों को स्थापित करना और सुदृढ़ बनाना है। इसके लिए विशेषकर स्वतंत्रता सेनानियों एवं प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (PMRBP) से पुरस्कृत पूर्व विजेताओं के अनुभवों को साझा किया जा रहा है। वीर बाल दिवस के पूर्व 22 एवं 23 दिसंबर को माई भारत पोर्टल पर किशोर लड़कियों और लड़कों का पंजीकरण और गतिविधियों को पोर्टल में अपलोड किया है। इस दौरान विकसित भारत हेतु शपथ लेने एवं वीर बाल प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया, प्रतियोगिता में बहादुरी के विषय पर चित्रकला, पठन (सस्वर पाठ), गायन, कविता और निबंध प्रतियोगिता आयोजित की गई। इन प्रतियोगिताओं में विजयी प्रतिभागियों को वीर बाल दिवस पर पुरस्कृत किया जाएगा।
वीर बाल दिवस के आयोजन के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग, खेल एवं युवा कल्याण विभाग, पंचायत, उच्च शिक्षा और नगरीय प्रशासन विभाग को नोडल एजेंसी बनाया गया है। गतिविधियों में एनवायके, एनएसएस, एनसीसी के वालेंटियर्स भी मोबिलाईजेशन में सहयोग कर रहे है।
छत्तीसगढ़ सिविल सोसायटी का प्रयास रंग लाया
गौरतलब है कि वीरबाल दिवस 26 दिसंबर को मनाया जाये , इसके लिए छत्तीसगढ़ सिविल सोसायटी विगत कुछ वर्षों से प्रयासरत थी। छत्तीसगढ़ सिविल सोसायटी के संयोजक डॉ. कुलदीप सोलंकी निरंतर जन भावनाओं की आवाज को पहुंचाने के लिए काम करते रहे हैं। इसी कड़ी में उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदीजी और केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र लिखकर निवेदन किया था कि 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने की घोषणा करें। उन्होंने अपने पत्र में लिखा था कि इतिहास साक्षी है कि 26 दिसंबर 1705 को छोटे साहिबजादे जोरावरसिंगजी और फतेहसिंगजी (जिनकी उम्र मात्र 9 एवं 5 साल थी) दोनों को अत्याचारी वजीर खान ने जिंदा दीवार में चुनवा दिया था।
दोनों साहिबजादों ने अदम्य साहस वीरता और बहादुरी का परिचय देते हुए अत्याचार का सामना किया, अपने अंतिम समय तक यह आह्वान करते रहे कि -
देह सिवा वर मोहि इहै , सुभ कर्मन ते कबहुँ ना टरों। ना डरो असि सो जब जाइ लरो, निसचै करि अपुनी जीत करों।।
डॉ. कुलदीप सोलंकी ने लिखा था कि ऐसे अदम्य साहस एवं वीरता का दूसरा प्रमाण मानव सभ्यता में नहीं है। अतः आपसे निवेदन है की हम अपनी 300 से भी अधिक वर्षों की गलती को सुधारें एवं 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने का आदेश जारी करें। उल्लेखनीय है कि डॉ कुलदीप सोलंकी द्वारा वीर बाल दिवस की घोषणा के लिये चलाये गए हैश ट्रेग #वीरबालदिवस ने विश्व के टॉप 10 में दूसरा स्थान बनाया था ।
प्रधानमंत्री ने सुनी भावनाओं की आवाज
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदीजी ने 9 जनवरी 2022 को प्रकाश पर्व के अवसर पर घोषणा की थी, कि सिखों के 10 वें गुरु; गुरु गोविंद सिंगजी के चारों साहिबजादों को श्रद्धांजलि देने के लिए इस साल से 26 दिसंबर को ‘वीर बाल दिवस के रूप में मनाया जाएगा। इन महान हस्तियों ने धर्म के महान सिद्धांतों से विचलित होने के बजाय मौत को चुना। "श्री गुरु गोविंद सिंगजी और चार साहिबजादों की बहादुरी और आदर्शों ने लाखों लोगों को ताकत दी। उन्होंने कभी अन्याय के आगे सिर नहीं झुकाया। उन्होंने समावेशी और सौहार्दपूर्ण विश्व की कल्पना की। यह समय की मांग है कि और लोगों को उनके बारे में पता चले’’ --इस हेतु वीर बाल दिवस मनाया जाएगा।
इस परम्परा को आगे ले जाने के लिए सिविल सोसायटी द्वारा कार्यक्रम का आयोजन 26 दिसंबर 2023 मुख्यमंत्री निवास पहुना में माननीय मुख्यमंत्री जी के मुख्य में आथित्य को किया जाएगा। छत्तीसगढ़ सिविल सोसायटी भी छत्तीसगढ़ के चार साहसी बच्चों को चयनित करके वीर बाल दिवस - 26 दिसंबर को चार साहिबजादो के नाम पर सम्मानित करेगी।
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