
मध्यप्रदेश (खबरगली) मध्यप्रदेश में लिफ्ट और एस्केलेटर के नियमित मेंटेनेंस न होने से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने सरकार जल्द कानून बनाने जा रही है। नगरीय विकास एवं आवास विभाग लिफ्ट संबंधी बिल का ड्राफ्ट तैयार कर रहा है। लिफ्ट लगाने की अनुमति, नियमित निगरानी, मेंटेनेंस और इंस्पेक्शन आदि की व्यवस्था तय की जा रही है। शहरों में लगी सभी लिफ्ट का पंजीयन कराना अनिवार्य होगा। बिना अनुमति किसी भवन में लिफ्ट नहीं लगेगी।
पुराने भवनों में भी लगी हुई सभी लिफ्ट, एस्केलेटर आदि का पंजीयन निर्धारित प्राधिकारी के पास कराना अनिवार्य होगा। इसके लिए पूरा सिस्टम ऑनलाइन रहेगा। अभी मध्यप्रदेश नगर पालिका कॉलोनी विकास नियम में ही लिफ्ट संबंधी सेक्शन है। प्रदेश ऊंचे भवनों का निर्माण बढ़ रहा है, लेकिन लिफ्ट और एस्केलेटर आदि के प्रबंधन के लिए अधिनियम नहीं है। नगरीय विकास विभाग के पास इसकी जानकरी भी नहीं है कि किन भवनों में कितनी लिफ्ट और एस्केलेटर लगे हैं।
ऐसा होगा सिस्टम
- प्रस्तावित कानून के दायरे में सभी तरह की लिफ्ट व्यावसायिक, इंडिस्ट्रियल, हैवी ड्यूटी, वॉक वे, एस्केलेटर।
- लिफ्ट के लिए ऑर्गेनाइज्ड सिस्टम होगा। निकायों में एक अफसर अनुमति के लिए अधिकृत होगा।
- सिस्टम ऑनलाइन रहेगा। सभी लिफ्ट धारक को ब्योरा तय फॉर्मेट में देना होगा।
- घरों में लगी लिफ्ट को अनुमति की जरूरत नहीं होगी, पर जानकारी देनी होगी।
- व्यावसायिक-रहवासी भवनों में लगी लिफ्ट की जांच अवधि तय होगी।
- निगरानी ऑनलाइन होगी। उल्लंघन पर कार्रवाई।
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