आटे के बाद अब घी-तेल के लिए भी तरस जाएगा पाकिस्तान

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जानें कैसे टूटने की कगार पर है बदहाल पड़ोसी मुल्क

इस्लामाबाद (khabargali) पाकिस्‍तान इस समय भयंकर आर्थिक संकट में घिरा हुआ है। अंतरराष्‍ट्रीय मुद्राकोष (IMF) की तरफ से कर्ज मिलने की पाकिस्‍तान की उम्‍मीदें खत्‍म हो गई हैं। बेलआउट पैकेज के लिए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की तरफ से जो सर्कुलर लोन प्‍लान पेश किया गया था, उसे खारिज कर दिया गया है। आर्थिक तंगी में फंसा यह मुल्‍क अब पूरी तरह से टूटने की कगार पर आ गया है। खबरों के अनुसार अब पाकिस्तान अपने परमाणु हथियार भी बेच सकता है। पाकिस्‍तान ने आईएमएफ का कर्ज हासिल करने के लिए अमेरिका की भी मदद लेनी चाही है। चीन से कर्ज तो मिला है लेकिन उस पर ब्‍याज इतना ज्‍यादा है कि चुका पाना काफी मुश्किल हो सकता है। भारत से टूटकर बना यह मुल्‍क अब पूरी तरह से बिखरने की तरफ बढ़ चुका है। मालूम हो कि पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार चार अरब डॉलर के नीचे पहुंच चुका है। देश की करेंसी का हाल-बेहाल है और एक डॉलर 260 पाकिस्तानी रुपये के बराबर हो गया है।

अव्‍यवस्‍था का माहौल

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देश में अव्‍यवस्‍था का माहौल है। महंगाई अपने चरम सीमा पर है। आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान में आटा के बाद घी और खाने के तेल की भी कमी हो गई है। इसके साथ ही व्यापारियों ने चेतावनी दी है कि आने वाले समय अन्य चीजों को लेकर भी संकट की स्थिति उत्पन्न होगी। लोग बुनियादी जरूरतों के लिए तरस रहे हैं। गेंहू संकट से लेकर बिजली और पेट्रोल तक की कमी हो गई है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान किस बदहाली से गुजर रहा है। दो महीने पहले तक पाकिस्तान के फाइनेंस मिनिस्टर रहे मिफ्ताह इस्माइल ने कहा है कि पाकिस्तान अब किसी भी वक्त डिफॉल्टर घोषित हो सकता है।

तहरीक-ए-तालिबान बना है शत्रु

कंगाल पाकिस्‍तान से 7 गुना ज्‍यादा हो गया है भारत का रक्षा बजट । पाकिस्‍तान भारत को अपना सबसे बड़ा शत्रु मानता है लेकिन हकीकत है कि उसे अब घर में ही बहुत बड़े खतरे का सामना करना पड़ रहा है। इधर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्‍तान के आतंकी अमेरिकी हथियारों से लैस हैं और वे लगातार पाक पर भीषण हमले कर रहे हैं। पाकिस्तान के पेशावर शहर में सोमवार को हुए आतंकी हमले में मरने वालों की संख्या बढ़कर 101 हो गई है।

बाढ़ ने बढ़ाई और मुश्किलें

 पाकिस्‍तान में पिछले साल आई बाढ़ की वजह से अर्थव्‍यवस्‍था पर संकट और गहरा गया। इस बाढ़ की वजह से अर्थव्‍यवस्‍था को करीब 30 अरब डॉलर का चूना लगा। अंतरराष्‍ट्रीय डोनर्स की तरफ से देश को नौ अरब डॉलर देने का ऐलान किया गया है। देश का विदेशी मुद्रा भंडार 3.2 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। यह आंकड़ा काफी खतरनाक है और सिर्फ तीन हफ्तों के आयात के लिए ही है। अगर आईएमएफ पाकिस्‍तान के साथ किसी समझौते पर पहुंच भी जाता है जो भी पैसा मिलने में समय लगेगा।

चीन का कर्ज जाल में फंसा

पाक का बिजली सेक्‍टर पर कर्ज 8.5 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। चीन वह देश है जिसने पाकिस्‍तान को सबसे ज्‍यादा कर्ज दिया है। चीन का कुल 30 अरब डॉलर का कर्ज पाकिस्‍तान पर है। यह देश के कुल कर्ज का 30 फीसदी है। पाकिस्‍तान इस समय चीनी ब्‍याज दरों और आईएमएफ की मांग के बीच फंसकर रह गया है। अब यह देखना होगा कि पहले मदद के लिए आगे कौन आता है।