
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात में महाराष्ट्र मंडल के अध्यक्ष काले ने रखी मांग
रायपुर (खबरगली)छत्तीसगढ़ के युवाओं को स्वातंत्र्य वीर विनायक दामोदर सावरकर के जीवन चरित्र को समझाने, खासकर स्वतंत्रता संग्राम में उनके संघर्ष का प्रत्यक्ष अनुभव कराने के लिए राज्य सरकार सौ- सौ युवाओं का ग्रुप बनाकर उन्हें अंडमान के सेल्युलर जेल की यात्रा कराए। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से सीएम हाउस में हुई विशेष मुलाकात में इस आशय की मांग महाराष्ट्र मंडल के अध्यक्ष अजय मधुकर काले ने की। छत्तीसगढ़ राज्य मेडिकल सर्विस कॉरपोरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष दीपक म्हस्के के नेतृत्व में साय से मुलाकात करने वालों में महाराष्ट्र मंडल के दिव्यांग बालिका विकास गृह के प्रभारी प्रसन्न निमोणकर, भवन प्रभारी निरंजन पंडित और सचेतक रविंद्र ठेंगड़ी भी शामिल रहे।
इस अवसर पर म्हस्के ने कहा कि सावरकर को लेकर युवाओं की अंडमान यात्रा बिल्कुल सामयिक और समय की मांग है। बच्चे भ्रामक इतिहास को ही सत्य मान लें, उससे पहले उन्हें सेल्यूल जेल का भ्रमण करवाकर न केवल सावरकर को लेकर सत्यता से रूबरू करना चाहिए, बल्कि उनमें भी राष्ट्रवाद की भावना प्रबल करना चाहिए।
निमोणकर ने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर वीर सावरकर के बारे में जो बातें लिखी गईं हैं, उनसे उलट उनका व्यक्तित्व देशभक्ति और सेवा- समर्पण से ओतप्रोत है। आज की युवा पीढ़ी सोशल मीडिया यूनिवर्सिटी को ही अपना सब कुछ मानती और स्वीकार करती है। ऐसे में युवाओं की अंडमान यात्रा न केवल उनकी आंखें खोलने वाली होगी, बल्कि दूसरे युवाओं को भी भ्रामक इतिहास से बाहर लाने में मददगार होगी।
रविंद्र ठेंगडी ने कहा कि राजनीतिक मंचों पर वीर सावरकर को लेकर की जा रही हल्की बातें उस समय असरहीन हो जाएंगी, जब हमारी युवा पीढ़ी स्वातंत्र्य वीर के व्यक्तित्व से परिचित होंगी। इसके लिए युवाओं को अंडमान की सैर कराई जानी चाहिए। मुख्यमंत्री से चर्चा करते हुए काले ने कहा कि शिलालेख के साथ वीर सावरकर की एक प्रतिमा राजधानी के व्यस्ततम चौराहे पर लगाई जानी चाहिए। नगर निगम व संस्कृति विभाग के माध्यम से राज्य सरकार का यह प्रयास आमजनों को प्रेरित करने होगा।
महाराष्ट्र मंडल के अध्यक्ष के अनुसार विनायक दामोदर सावरकर और छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन प्रसंगों को शालेय पाठ्यक्रम में शामिल करना चाहिए। क्योंकि भारत के इतिहास के असली हीरो यही लोग हैं और हमें सम्मान व स्वाभिमान के साथ जिंदगी जीते हुए राष्ट्र सेवा की प्रेरणा देते हैं। कक्षा सातवीं के पाठ्यक्रम में पुण्यश्लोका लोकमाता रानी अहिल्या बाई होल्कर के अध्याय को शामिल करने के लिए काले ने सीएम साय का आभार भी व्यक्त किया।
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