हिजाब पर प्रतिबंध के कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

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नाराज़ छात्राओं ने परीक्षा का बहिष्कार किया, केरल के राज्यपाल, औवेसी और मुनव्वर राणा की बेटी सुमैया ने यह दी प्रतिक्रिया

बेंगलुरु (khabargali) कर्नाटक हिजाब विवाद मामले में हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने छात्राओं की याचिका खारिज करते हुए कहा है कि, हिजाब इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं है। स्कूलों की ओर से जारी यूनिफार्म की बाध्यता सही है। छात्र स्कूल यूनिफार्म पहनने से इंकार नहीं कर सकते हैं। इधर, कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी चल रही है।

कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले की 5 बड़ी बातें

1. हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि हिजाब पहनना इस्लाम की अनिवार्य धार्मिक प्रथा नहीं है। हाईकोर्ट की तीन-सदस्यीय खंडपीठ ने कहा, "गणवेश (यूनिफॉर्म) पहनने से विद्यार्थी इनकार नहीं कर सकते।"

2. हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि यूनिफॉर्म मौलिक अधिकारों पर एक उचित प्रतिबंध है. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने मुस्लिम लड़कियों की याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने साफ कहा, "हिजाब पहनना अनिवार्य धार्मिक प्रथा नहीं है।" मामले में हाईकोर्ट की पूर्ण पीठ ने पिछले महीने अपनी सुनवाई पूरी कर ली थी। खंडपीठ में मुख्य न्यायाधीश रितुराज अवस्थी, न्यायमूर्ति जेएम खाजी और न्यायामूर्ति कृष्ण एम दीक्षित शामिल हैं।

3. एक दर्जन मुस्लिम छात्राओं सहित अन्य याचिकाकर्ताओं ने अदालत को बताया था कि हिजाब पहनना भारत के संविधान और इस्लाम की आवश्यक प्रथा के तहत एक मौलिक अधिकार की गारंटी है। सुनवाई के ग्यारह दिन बाद हाईकोर्ट ने 25 फरवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

4. कर्नाटक सरकार ने 5 फरवरी को स्कूलों-कॉलेजों में हिजाब पहनने पर पाबंदी लगा दी थी। इसके खिलाफ कर्नाटक के कई शहरों में विरोध-प्रदर्शन हुए थे। इसके बाद मामला हाई कोर्ट पहुंचा, जहां कोर्ट ने 10 फरवरी को शैक्षणिक संस्थानों में सभी तरह के धार्मिक वेशभूषा पर अस्थायी रूप से प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद राज्य के कई हिस्सों में हिजाब पहनने वाली छात्राओं और शिक्षिकाओं को स्कूलों और कॉलेजों में प्रवेश करने से रोक दिया गया था।

5. कर्नाटक सरकार ने 5 फरवरी को स्कूलों-कॉलेजों में हिजाब पहनने पर पाबंदी लगा दी थी। इसके खिलाफ कर्नाटक के कई शहरों में विरोध-प्रदर्शन हुए थे। इसके बाद मामला हाई कोर्ट पहुंचा, जहां कोर्ट ने 10 फरवरी को शैक्षणिक संस्थानों में सभी तरह के धार्मिक वेशभूषा पर अस्थायी रूप से प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद राज्य के कई हिस्सों में हिजाब पहनने वाली छात्राओं और शिक्षिकाओं को स्कूलों और कॉलेजों में प्रवेश करने से रोक दिया गया था।

कुरान में हिजाब का 7 बार जिक्र लेकिन ड्रेस कोड के संदर्भ में नहीं : राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान

केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने हिजाब विवाद पर कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले के बाद अपना पक्ष रखा है। आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि इस्लाम खुद यह परिभाषित करता है कि धार्मिक प्रथा के लिए क्या आवश्यक है, इसलिए न्यायपालिका का काम आसान हो गया। कुरान में हिजाब का 7 बार जिक्र किया गया है, लेकिन ड्रेस कोड के संदर्भ में नहीं है।"

कॉलेज परीक्षा का बहिष्कार, एग्जाम हॉल से बाहर आ गईं छात्राएं

कर्नाटक हाईकोर्ट का फैसला आने के कुछ समय बाद कर्नाटक के यादगिर के सुरापुरा तालुका के केम्बावी सरकारी कॉलेज की छात्राओं परीक्षा का बहिष्कार किया और वे बाहर आ गईं। ये छात्राएं कॉलेज में हिजाब पहनकर ही परीक्षा देने पहुंची थीं। परीक्षा मंगलवार सुबह 10 बजे शुरू हुई थी। यह 1 बजे खत्म होने वाली थी।

उडुपी की मुस्लिम लड़कियों का एलान, बिना हिजाब नहीं जाएंगे स्कूल

कक्षाओं के अंदर हिजाब पहनने की अनुमति मांगने वाली याचिकाओं को कर्नाटक हाई कोर्ट द्वारा खारिज किए जाने के बाद उडुपी की मुस्लिम लड़कियों ने कहा है कि वे बिना हिजाब के कॉलेज नहीं जाएंगी और न्याय मिलने तक कानूनी रूप से केस लड़ेंगी। उन्होंने यह भी दावा किया कि फैसला असंवैधानिक है।

हिजाब पर फैसले से नाखुश औवेसी का बयान

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने हिजाब पर आए कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले से नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि अगर कॉलेजों में तिलक और सिंदूर लगाकर आने की इजाजत है तो हिजाब की क्यों नहीं। अगर कॉलेजों में धर्म को तवज्जो नहीं दी जाती है तो दिवाली क्यों मनाई जाती है। औवेसी ने जोर देकर कहा कि हिजाब पहनने से रोकना संवैधानिक अधिकारों का हनन करना है।

शायर मुनव्वर राणा की बेटी सुमैया राणा ने ये प्रतिक्रिया दी

शायर मुनव्वर राणा की बेटी सुमैया राणा ने हिजाब विवाद पर कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले से असहमति जताई है। उन्होंने कहा है कि कोर्ट को अपने फैसले पर फिर से विचार करना चाहिए। आजतक से बात करते हुए सुमैया राणा ने कहा कि उन्हें ये सुनकर बहुत अजीब लगा कि कोर्ट ने हिजाब को इस्लाम का हिस्सा नहीं माना। मुनव्वर राणा की बेटी ने पिता की शायरी से कुछ पंक्तियां भी पढ़ीं,

“हमारी बेबसी देखो उन्हें हमदर्द कहते हैं, जो उर्दू बोलने वालों को दहशतगर्द कहते हैं… मदीने तक हमने मुल्क की दुआ मांगी, किसी से पूछ लो इसको वतन का दर्द कहते हैं।”

सुमैया राणा ने आगे कहा कि कुरान की आयत 33 में अल्लाह की तरफ से कहा गया है कि बेटियां जब भी घर से निकलें, तो खुदको ढंककर निकलें। उन्होंने कहा कि इस्लाम में किसी पर जोर जबरदस्ती नहीं हैं, किसी तरह का तालिबानी एक्शन नहीं लिया जाता है।

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