किदांबी श्रीकांत विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में फाइनल में हारे ,रजत जीतने वाले पहले भारतीय पुरुष बने
सिंगापुर के लोह कीन बने पहली बार विश्व चैंपियन
भारत ने किया दो पदकों के साथ समापन श्रीकांत को रजत, तो लक्ष्य सेन को मिला कांस्य
हुएल्वा (स्पेन)(khabargali) करोड़ों भारतीय खेलप्रेमियों का बड़ा सपना रविवार को उस समय चूर हो गया है, जब स्पेन में संपन्न हुई विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप के फाइनल में भारत के किदांबी श्रीकांत पुरुषों के सिंगल्स वर्ग के फाइनल में हार गए.इसी के साथ ही किदांबी के हाथ से विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाले सर्वकालिक पहले भारतीय पुरुष खिलाड़ी बनने का मौका हाथ से निकल गया और उन्हें रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा, जो शनिवार को ही उन्होंने सुनिश्चित कर लिया था.
किदांबी से पहले प्रणीण ने लक्ष्य सेन ने इसी ही प्रतियोगिता में शनिवार को कांस्य पदक सुनिश्चित किया था, तो एस प्रणीत ने पिछले साल और साल 1983 में प्रकाश पादुकोण ने विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था. बहरहाल, श्रीकांत यह उपलब्धि भी बहुत बड़ी है और यह देश के युवाओं को बैडमिंटन खेल चुनने के लिए प्रेरित करेगी. श्रीकांत को सिंगापुर के लोह केन ने फाइनल मुकाबले में सीधे गेमों में 21-15, 22-20 से हराकर पहली बार विश्व चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया. किदांबी श्रीकांत की लोह कीन येव के खिलाफ यह पहली हार है. इससे पहले दोनों खिलाड़ियों की एकमात्र भिड़ंत 2018 के राष्ट्रमंडल खेलों में हुई थी. उस मुकाबले में श्रीकांत ने सिंगापुरी खिलाड़ी को लगातार गेम में 21-17, 21-14 से मात दी थी. दोनों खिलाड़ियों के बीच यह मुकाबला 43 मिनट तक चला.
दूसरा गेम: श्रीकांत 20-22 से हारे
लगातार चार अंक बटोरकर लोह कीन येव ने 20-18 की बढ़त बना ली थी. इसके बाद श्रीकांत ने दो मैच प्वाइंट बचाते हुए मुकाबला 20-20 की बराबरी पर ला दिया. फिर श्रीकांत लय बरकरार नहीं रख पाए और मुकाबला उन्हें गंवाना पड़ा.
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