कोरोना वायरस के खौफ में जेल बंदी.. आवश्यक सावधानियां बरतने के निर्देश

Jail korona khabargali

रायपुर (khabargali) देश में कोरोना वायरस का खौफ बढ़ता जा रहा है। एक तरफ जहां इसे महामारी घोषित किया जा चुका है वहीं दूसरी ओर इससे बचाव के लिए सरकार द्वारा तमाम जागरूकता व अन्य व्यवस्थाएं की जा रही हैं। कोरोना वायरस के खौफ के जेल भी अछूती नहीं रह गई है। जेल में भी कैदी इस वायरस से खौफ में हैं। जेल में बंद पुराने कैदियों ने नए कैदियों के साथ रहने से इंकार कर दिया है। अन्य प्रदेशों की तरह छत्तीसगढ़ राज्य शासन के निर्देशानुसार कोरोना वायरस के संभावित संक्रमण एवं फैलाव को रोकने के लिए जेल मुख्यालय द्वारा प्रदेश के सभी जेल अधीक्षकों को परिपत्र जारी कर जेलों में आवश्यक सावधानियां बरतने के निर्देश दिए गए हैं।

जारी परिपत्र में कहा गया है कि 31 मार्च 2020 तक सभी जेलों में बंदियों को उनके परिजनों से दी जाने वाली मुलाकात प्रतिबंधित की जाती है। मुलाकात अतिआवश्यक होने पर केवल उनके अधिकृत अधिवक्ताओं को पूर्ण सतर्कता बरतते हुए केवल न्यायालयीन कार्य हेतु मुलाकात दी जाए। जेल से बाहर उपचार के लिए अस्पतालों में जाने वाले बंदियों को भी कोरोना वायरस संक्रमित होने की संभावना रहती है। इसलिए अस्पाताल से लौटने वाले बंदियों के हाथ, पैर तथा चेहरा साबुन से लगभग 20 सेकेण्ड तक जेल प्रहरी की उपस्थिति में धुलवाने के बाद ही प्रवेश करवाएं।

परिपत्र में कहा गया है कि जेल में दाखिल होने वाले नए बंदी तथा छुट्टी से लौटने वाले बंदियों की उचित स्क्रीनिंग करवाएं। यदि किसी भी बंदी में कोरोना वायरस के लक्षण परिलक्षित हो तो उन्हें तत्काल चिकित्सक को दिखाए। जेल में प्रवेश करने वाले अधिकारी-कर्मचारी में से किसी को भी खांसी, जुखाम एवं बुखार (कम से कम 2-3 दिन से लगातार होने) सांस लेने में तकलीफ नाक बहने, गले में खरास, उल्टी, सांस की बीमारी के लक्षण परिलक्षित होते हैं, तो उन्हें जेल के अन्दर प्रवेश नहीं दिया जाए। सभी अधिकारी-कर्मचारी जेल में प्रवेश करने से पूर्व हाथ, पैर एवं चेहरा साबुन से अनिवार्य रूप से धोवें, इसके लिए जेल के गेट पर आवश्यक व्यवस्था की जाए।

बंदियों को पेशी पर ले जाते समय आवश्यक सावधानी बरतने निर्देश जारी

राज्य शासन द्वारा कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए प्रसारित निर्देशों के तहत जेल मुख्यालय द्वारा सभी पुलिस अधीक्षकों को परिपत्र जारी कर बंदियों को पेशी पर ले जाते समय आवश्यक सावधानी बरतने निर्देश दिए गए हैं। परिपत्र में कहा गया है कि प्रदेश के सभी जेलों से बंदियों को न्यायालयों में पेशी पर ले जाने वाले पुलिस अधिकारी-कर्मचारी पूर्ण रूप से स्वस्थ हो। पेशी पर ले जाने वाले वाहनों को कीटाणुनाशकों से नियमित रूप से कीटणुरहित किया जाए। न्यायालय में पेशी के दौरान बंदियों को रखे जाने वाले लाॅक-अप नियमित रूप से कीटाणुनाशकों से कीटाणुरहित किया जाए। न्यायालय में बंदियों को किसी भी प्रकार अनाधिकृत मुलाकात नहीं दी जाए।

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