बड़ी खबर: अब बस्तर पहुंचा बर्ड फ्लू, 4 दिन पहले मरे हुए कौवे की रिपोर्ट आई पॉजिटिव

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बचेली में एक किमी के क्षेत्र को सील किया गया .. बालोद में पक्षियों को नष्ट करने का काम जारी.

भारत में बर्ड फ्लू का संक्रमण फैलने के ये दो मुख्य वजह ..

दंतेवाड़ा (khabargali) वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का कहर अभी खत्म भी नहीं हुआ कि देश में फैल रहे बर्ड फ्लू ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। केंद्र ने चेतावनी दी है कि यह फ्लू इंसानों और अन्य पालतू पशु पक्षियों में फैल सकता है। छत्तीसगढ़ प्रदेश में सबसे पहला बर्ड फ्लू का पॉजिटिव केस बालोद में 13 जनवरी को मिला था। अब बर्ड फ्लू ने छत्तीसगढ़ के बस्तर में दस्तक दे दी है। दंतेवाड़ा के बचेली में 4 दिन पहले मृत मिले कौवे की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। आपको बता दें कि बचेली थाना के वार्ड 16 में 14 जनवरी को एक मरा हुआ कौवा मिला था। इसके बाद उसके सैंपल जांच के लिए भोपाल के पशु चिकित्सा विभाग को भेजे गए थे। जिसकी रविवार देर शाम रिपोर्ट आई। रिपोर्ट में कौवे में H-5N-8 इनफ्लुएंजा वायरस मिले हैं। पशुधन विभाग की एक टीम बचेली पहुंच गई है। वहां पर एक किमी के क्षेत्र को सील किया गया है। पशुधन विभाग की ओर से क्षेत्र में अलर्ट घोषित कर दिया गया है। मामले की पुष्टि विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. अजमेर सिंह कुशवाहा ने की है।

कबूतर और मृत मिली थी मुर्गियां

सूत्रों के अनुसार दो दिन पहले बचेली क्षेत्र में ही एक कबूतर भी मृत मिला था। इसके अलावा कुपेर गांव स्थित एक पोल्ट्री फार्म में भी 5 मुर्गियों के शव मिले थे। उनके भी सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। हालांकि उनकी रिपोर्ट अभी नहीं आई है। अधिकारियों के मुताबिक, बचेली में रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद इलाके की मुर्गियों को मारकर दफनाया जाएगा।

बालोद में मिला था पहला केस

प्रदेश में सबसे पहला पॉजिटिव केस बालोद में 13 जनवरी को मिला था। इसके बाद से डौंडी ब्लाक में गिधाली क्षेत्र के एक किमी में कबूतर और पोल्ट्री फार्म के मुर्गियों को प्रशासन के आदेश पर दफनाया जा रहा है। रविवार को एक हजार और मुर्गियों और 32 कबूतरों को दफनाया गया था। क्षेत्र में तीन दिनों से लगातार मुर्गियों को नष्ट करने का कार्य जारी है। शनिवार को भी 10 हजार मुर्गियां मारी गई थीं। साथ ही इस क्षेत्र के 10 किमी क्षेत्र में मांस बिक्री पर रोक लगाई गई है।

राजधानी में बढ़ी सतर्कता

बर्ड फ्लू को ध्यान में रखते हुए राजधानी रायपुर में संयुक्त संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं ने रविवार को शहर की पोल्ट्र्री फॉर्म का निरीक्षण का व्यपारियों से चर्चा कर बर्ड फ्लू की रोकथाम के लिये किये गये उपायों पर चर्चा की। संयुक्त संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं डॉ संजीव राय ने रविवार को शहर के शास्त्री बाजार,अमरदीप टॉकीज रोड,काली बाड़ी के चिकन व मटन का खुदरा व्यवसाय करने करने वालों की दुकानों का निरीक्षण कर व्यापारियों से मुलाकात की और बर्ड फ्लू के संबंध में चर्चा की।

भारत में बर्ड फ्लू का संक्रमण फैलने के दो मुख्य वजह

भारत में बर्ड फ्लू हमेशा साल के अंत महीनों यानी ठंडी के मौसम में ही फैलता आया है। इसके संक्रमण के अधिकांश मामले सितंबर या अक्टूबर से फरवरी-मार्च के बीच सामने आते हैं। आपको बता दें कि भारत में भारत में बर्ड फ्लू का संक्रमण फैलने के दो मुख्य वजह है, पहला प्रवासी पक्षियों द्वारा और दूसरा संक्रामक वस्तुओं से, जैसे कोई व्यक्ति, कपड़ा, सामान, खाने-पीने की वस्तुएं संक्रमित इलाके से देश के अंदर आई हों।