बेलगाम लूट और भ्रष्टाचार की ट्वेंटी-ट्वेंटी चल रहा कांग्रेस के भीतर : संजय श्रीवास्तव

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रायपुर (khabargali) छत्तीसगढ़ भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने एक प्रेस वार्ता लेकर छत्तीसगढ़ सरकार पर निशाना साधा, प्रेस वार्ता के प्रमुख अंश संजय श्रीवास्तव ने प्रेस वार्ता में कहा कि कोरोना जैसे आपातकाल को भी कांग्रेस ने लूट और भ्रष्टाचार के अवसर में बदल दिया है. इंसानियत तार तार हो रहा है और हर जगह केवल भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार है। एक तरफ कांग्रेस सरकार दिन-रात पैसे-पैसे रट रही है, दूसरी तरफ जो भी पैसे केंद्र से भी आते हैं, उसे अनियमितता और लूट की भेंट चढ़ा दिया जाता है।

कोविड-19 का सारा दारोमदार टेस्ट पर है लेकिन, यहां इलाज टेस्ट के लिए निजी लैब्स को अधिकृत कर दिया गया है। लोगों के इलाज़ में लाखों रु खर्च हो रहे हैं। जबकि टेस्ट में भी अत्यधिक आप्रदाहिक लापरवाही बरती जा रही है। किसी के टेस्ट रिपोर्ट में किसी का नाम पता मिला दिया जा रहा है, यह अत्यधिक चिंतनीय है। कोरोना से लड़ाई जनता अब खुद लड़ रही है, और जो थोड़ा बहुत खर्च सरकार कर रही है उसमें भी ऊपर से नीचे तक केवल और केवल भ्रष्टाचार हो रहा है।

प्रदेश भर से कोरेंटाईन सेंटर से मरीजों के वीडियो आ रहे हैं जिनमें सामान्य खाना-पीना तक नहीं मिलने की बात वे कह रहे हैं, इधर उन केन्द्रों के नाम पर 580 रूपये किओ टमाटर, उनके पीने के लिए बोतलबंद पानी, तमाम तरह के फल आदि की खरीदी दिखा कर करोड़ों के वारे न्यारे किये जा रहे हैं। घोर आपत्तिजनक बात यह है कि बाकायदा आरटीआई से सूचना प्राप्त कर पत्रकार बंधू स्टोरी करते हैं, इनकी लूट का खुलासा करते हैं, उसके आधार पर भी भाजपा विषय उठाती है तो फर्जी कागजातों के सहारे कांग्रेस टूट पड़ती है। घिनौनी बात यह है कि कांग्रेस उसे जातिगत रंग देने की भी कोशिश करने से नहीं चूकती। कांकेर से संबंधित ऐसे ही मीडिया के खुलासे पर भाजपा ने सवाल उठाया तो सरकार ने उधर जांच भी बिठायी और इधर उसी दिन फैसले भी सुना दिए कि कोई लूट नहीं हुई है। कांग्रेस के मीडिया विभाग ने कहा है कि यह भाजपा दुष्प्रचार कर रही है। क्या भाजपा को ऐसे मुद्दे उठाने का अधिकार नहीं है? खुद कांग्रेस एक कॉलम की किसी चुटकी टाइप चीज़ों के आधार पर भी शिकायत कर देती है जबकि विपक्ष के स्वाभाविक अधिकार का हनन करने में तमाम बदनीयती के साथ जुट जाती है।

कांकेर के मामले में अखबार ने खबर प्रकाशित की उसमे यह भी बताया गया कि इसका खुलासा RTI से हुआ है। फिर इस पर कलेक्टर ने जांच के आदेश भी दे दिए तो यह भाजपा का झूठ था तो जांच किस विषय की? क्या अब ये कांग्रेस का मीडिया विभाग तय करता है कि जांच के नतीजे क्या हो? कांकेर के मामले में अखबार ने खबर प्रकाशित की उसमे यह भी बताया गया कि इसका खुलासा RTI से हुआ है। फिर इस पर कलेक्टर ने जांच के आदेश भी दे दिए तो यह भाजपा का झूठ था तो जांच किस विषय की? क्या अब ये कांग्रेस का मीडिया विभाग तय करता है कि जांच के नतीजे क्या हो? क्यों न एक बड़े भ्रष्टाचार, जिस पर जांच के आदेश हुए उसे दबाने और संरक्षण देने कांग्रेस के मीडिया विभाग पर कार्यवाही हो? सरकार पर आरोप लगने पर कार्यवाही के बदले पार्टी का बचाव में उतरना यह दीखता है कि टमाटर की लाली ऊपर तक बंट रही है। जिस फर्जी बिल को कांग्रेस ने जारी किया है उसमें तारीख तक पूरी नही लिखी? उसमें कही नही लिखा कि एक कैरेट का पैसा लिया जा रहा है जबकि तमाम सब्जियां किलो में है। आधिकारिक रूप से वैसे भी ‘कैरेट’ कोई माप नहीं है। अखबार ने जो प्रकाशित किया उसमें 580 रूपये की बात है जबकि कांग्रेस द्वारा जारी कथित बिल में राशि 550 रु है। जाहिर है यह बिल अलग है हालांकि इस बिल के माध्यम से भी भ्रष्टाचार से इनकार नहीं किया जा सकता। सबसे बड़ा प्रश्न है कि कांग्रेस के मीडिया विभाग के पास शासकीय बिल कैसे आते है? क्या पार्टी ने ये बिल्स आरटीआई से हासिल किये हैं? क्या कांग्रेस के पास सभी 22,375 क्वारन्टीन सेंटर्स के बिल उपलब्ध है? क्या कांग्रेस का मीडिया विभाग यह तय करता है कि किस कांग्रेसी से कब शासकीय खरीदी कराया जाय? क्वारेंटाइन केन्द्रों करोड़ो का बिल देने के बाद भी सुबह का नाश्ता और शाम की चाय नही दी गयी।

बोर का पानी देकर मिनरल वाटर का बिल लगाया जा रहा है। राशन का चावल देकर अलग से चावल का बिल लगाया जा रहा है। पंचायतों को दिए चावल की वसूली सरकार ने पंचायतों से काफी बड़ी कीमत पर की है। मेडिकल साम्रगी में खरीद में भी करोड़ो रुपये की गड़बड़ी की गई है जिसकी जांच के आदेश स्वास्थ्य सचिव ने खुद दिए हैं। केंद्र द्वारा दिए गए पैसे का हिसाब बार-बार मांगे जाने पर भी प्रदेश सरकार नहीं दे रही है, क्या ऐसे ही ‘टमाटर’ अरबों रूपये के खरीद लिए गए हैं? भाजपा यह हम मांग करती है कि क्वारन्टीन सेंटर्स में हुए खर्च का जल्द से जल्द एक विशेष ऑडिट हो। कोर्ट की निगरानी में एक कमिटी बनाकर सारे दस्तावेज उन्हें सौपे जाएं? कांग्रेस ये बताये कांकेर और सूरजपुर में प्रति मजदूर व्यक्ति 3541 और 3385 कैसे हुआ? जबकि बाकी सेंटर्स में यह खर्च इससे कम है। भाजपा यह मांग करती है कि कोरोना काल के तमाम खर्च पर प्रदेश सरकार श्वेत पत्र जारी करे.