झूठी निकली 86 किलो चांदी डकैती की शिकायत, कारोबारी को 33 घंटे रखा कस्टडी में, फिर भी ढूंढ नहीं पाए

The complaint of the theft of 86 kg of silver turned out to be false; the businessman was held in custody for 33 hours, yet he could not be found.

रायपुर (खबरगली)  आगरा की सिल्वर कंपनी के कर्मचारी राहुल गोयल (अग्रवाल) को रायपुर पुलिस ने 33 घंटे से ज्यादा समय तक अपनी कस्टडी में रखा, फिर भी 86 किलो चांदी में से एक टुकड़ा भी बरामद नहीं कर सकी है। न पुलिस उन सट्टेबाजों का खुलासा कर पाई है, जिनके पास राहुल रकम हार गया है। इस मामले में सबसे अहम सबूत सीसीटीवी कैमरे का डीवीआर है। उस डीवीआर को भी पुलिस बरामद नहीं कर पाई है। राहुल ने शनिवार को करीब 12 बजे स्वयं के साथ राजधानी पैलेस में डकैती होने की सूचना कोतवाली पुलिस को दी थी। 

डकैतों द्वारा 86 किलो चांदी ले जाने की जानकारी पुलिस को दी थी। इसके बाद दोपहर करीब 1 बजे से क्राइम ब्रांच की टीम ने राहुल को अपनी कस्टडी में लेकर पूछताछ शुरू की। शनिवार से लेकर रविवार और सोमवार तक करीब 33 घंटे उसे कस्टडी में रखा गया, फिर भी 86 किलो चांदी तो दूर पुलिस चांदी का एक टुकड़ा भी खोज नहीं कर पाई। उल्लेखनीय है कि राहुल की डकैती होने की शिकायत फर्जी निकली है। उसके खिलाफ कोतवाली थाने में केस दर्ज किया गया है।

इस मामले में आगरा की सिल्वर कंपनी चैन फाउंडेशन ऑफ आगरा के पार्टनर विजय अग्रवाल ने कोतवाली थाने में राहुल गोयल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। इसमें उन्होंने लूट की झूठी कहानी बनाकर 86 किलो चांदी गायब करने का आरोप लगाया है। पुलिस ने राहुल के खिलाफ बीएनएस की धारा 316(4) के तहत केस दर्ज किया है। बताया जाता है कि राहुल ने सभी चांदी कुछ कारोबारियों के पास छिपाकर रखी है। 40-45 किलो एक कारोबारी को दी है। राहुल अलीगढ़ का रहने वाला है। 

लंबे समय से कंपनी की चांदी के जेवरों को रायपुर में आर्डर के हिसाब से बेचता था। कंपनी ने 19 अप्रैल से 26 सितंबर 2025 के बीच आरोपी राहुल को अलग-अलग दिन करीब 245 किलो चांदी के जेवर भेजे गए थे। इसमें से करीब 59 किलो चांदी के जेवर बिक्री के बाद लगभग 100 किलो जेवर कंपनी को वापस कर दिया था।

86 किलो चांदी राहुल के पास ही, जिसे उसने सदरबाजार के राजधानी पैलेस के अपने लैट में रखा था। उसी को अज्ञात नकाबपोशों द्वारा लूटकर ले जाने की शिकायत की थी। पुलिस ने पूछताछ में यह शिकायत झूठ होने का खुलासा किया है। साथ ही राहुल को सट्टे में रकम हारने का दावा किया है। उसी की भरपाई के लिए चांदी गायब करना बताया है।

शहर में जुआ-सट्टा फिर उजागर, नहीं पकड़ती पुलिस

रायपुर में लूट, डकैती के ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिसमें आरोपी द्वारा जुआ-सट्टा, एमसीएक्स में रकम हारने के चलते फर्जी घटना करने का खुलासा होता है। पुलिस उन सट्टेबाजों-सटोरियों को नहीं पकड़ती है, जबकि उनकी पास पूरी जानकारी आ जाती है। इस मामले में भी पुलिस ने राहुल को सट्टे में रकम हारने और उसकी भरपाई के लिए डकैती की झूठी कहानी गढ़ने का खुलास किया है। 

लेकिन उन सटोरियों के नाम का खुलासा नहीं किया, जिनके पास राहुल ने रकम हारी है। इससे पहले कारोबारी चिराग के मामले में भी यही हुआ। चिराग ने लूट की झूठी कहानी गढ़ी। इसकी वजह एमसीएक्स, सट्टा जैसी बातें सामने आई, लेकिन पुलिस ने सटोरियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की।

काफी भरोसा था, शिकायत नहीं थी

सिल्वर कंपनी में विजय अग्रवाल और अरविंद अग्रवाल पार्टनर है। विजय का कहना है कि राहुल करीब दो साल से जुड़ा है। इससे पहले जुए-सट्टे की उसकी शिकायत नहीं थी। उस पर काफी भरोसा करते थे। इसलिए कंपनी की ओर से जेवर भेजे गए थे। किसी कारोबारी को 45 किलो जेवर देना बताया है।

कारोबारियों पर पर्दा डाल रही पुलिस

राहुल ने चांदी के जेवर जिन कारोबारियों को दिया है, पुलिस अब उन्हें बचाने की कोशिश में लगी है। सूत्रों के मुताबिक राहुल ने जिन लोगों को जेवर दिया है, वह कच्चे में दिया है। कई कारोबारी जीएसटी से बचने के लिए चांदी के जेवर कच्चे में लेते हैं। पुलिस अब उन कारोबारियों से जेवर बरामद करने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने से पीछे हट रही है।
 

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