केरल के कमाल: डोज ले 87 हज़ार जादा लोगन के टीकाकरण, मोदी ह करिस तारीफ़

Kerala vaccination khabargali

नई दिल्ली(khabargali)। ए आम बात नो हय के नरेंद्र मोदी असन भारत के प्रधानमंत्री वामपंथी शासन वाले राज्य केरल के तारीफ़ करय।

फेर उन ह मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के नेतृत्व वाले राज्य के स्वास्थ्यकर्मी मन के बड़ प्रशंसा करे हवय अऊ वो एखर सेती काबर की राज्य ह कोरोना वैक्सीन के नुक़सान ल कम करे हवय। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ह वैक्सीन के 10 फ़ीसदी तक व्यर्थ होय ल लेके छूट दे हवय जबकि तमिलनाडु जईसे राज्य मन म एखर व्यर्थ होय के दर 8.83% अऊ लक्षद्वीप म ए यह रिकॉर्ड रूप ले 9.76% हवय।

अइसने हाल लगभग सबो राज्य के हवय फेर केरल ह दिलचस्प रूप ले अलग आँकड़ा पेश करे हे।

प्रधानमंत्री मोदी ह करिस तारिफ

केरल ल 73,38,806 वैक्सीन के डोज़ मिले रिहीस, जेमा ओहा लोगन ल 74,26,164 डोज़ दिन हवय। एखर मतलब केरल ह 87,358 जादा लोगन ल वैक्सीन दिस अऊ वैक्सीन ल बेकार नई होवन दिस। एखर ज़िक्र राज्य के मुख्यमंत्री पी. विजयन ह अपन ट्वीट म घलो करे हवय। जेन ट्विट ल पीएम मोदी ह रिट्वीट करे हवय।

Good to see our healthcare workers and nurses set an example in reducing vaccine wastage.

Reducing vaccine wastage is important in strengthening the fight against COVID-19. https://t.co/xod0lomGDb

— Narendra Modi (@narendramodi) May 5, 2021

केरल ह कईसे बनाईस ए रिकॉर्ड?

अइसे नई हे कि केरल ह सब मनखे ल देवईय्या वैक्सीन के इंजेक्शन म मात्रा कम कर दे हे बल्कि ओहा केंद्र के माध्यम ले उपलब्ध कराय गे वैक्सीन के ख़ुराक के इस्तेमाल बर एक कुशल प्रणाली अपनाय हवय।

पांच मिलीलीटर (एमएल) के हर शीशी म वैक्सीन के 10 ख़ुराक होथे। एखर मतलब हवय के ओ शीशी ले 10 लोगन ल वैक्सीन दे जा सकथे। इस बेरा वैक्सीन के ख़ुराक म कमी झन होवय एखर सेती कंपनी मन हर शीशी म जादा ख़ुराक घलो डालत हवय।उदाहरण के तऊर म हर शीशी म 0.55 एमएल या 0.6 एमएल जादा दवा होथे।

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राज्य सरकार ल सलाह देवईय्या कोविड एक्सपर्ट्स कमिटी के सदस्य डॉक्टर अनीश टीएस बीबीसी हिंदी ले किहीस, "हमारी अच्छी तरह से प्रशिक्षित नर्सें वैक्सीन की एक बूंद की बर्बादी के बिना 10 की जगह शायद 11 या 12 लोगों को वैक्सीन देने में सक्षम हैं."

तिरुवनंतपुरम गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज म कम्युनिटी मेडिसिन के असोसिएट प्रोफ़ेसर डॉक्टर अनीश ह कहिथे के सब शीशी के बने ढंग ले इस्तेमाल के 'कई कारण' हवय।

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वो ह बताथे, "एक दूसरा बेहद महत्वपूर्ण कारण यह है कि जब कोई शीशी खुलती है तो उसे चार घंटे के अंदर-अंदर 10 से 12 लोगों को देना होता है. अगर शीशी चार घंटे तक रह गई तो वो निष्प्रभावी हो जाती है और बेकार जाती है. इसलिए जब स्वास्थ्य केंद्र पर 10 से कम लोग होते हैं तो उस दिन टीकाकरण स्थगित कर दिया जाता है."

एखरे साथ ही अस्पताल मन ल वैक्सीन घलो सुव्यवस्थित ढंग ले  बांटे जावत हे कोनो भी अस्पताल ल 200 ले जादा शीशी नई दे जावत हे