जबलपुर (खबरगली) कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर प्रतिबंध लगाने की मांग पर संघ के महासचिव दत्तात्रेय होसबोले ने तीखा जवाब दिया है। होसबोले ने कहा कि किसी की इच्छा मात्र से आरएसएस पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता। इसके लिए ठोस और वाजिब कारण होने चाहिए। उन्होंने कहा कि अतीत में भी ऐसी कोशिशें हुईं, लेकिन समाज और अदालतों ने इसे खारिज किया।
जबलपुर में आरएसएस की तीन दिवसीय अखिल भारतीय कार्यकारिणी बैठक के समापन पर शनिवार को पत्रकारों से बातचीत में होसबोले ने कहा, “पहले भी तीन बार संघ पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश हुई, लेकिन समाज ने हमें स्वीकार किया और सरकारी व्यवस्था ने भी इन प्रतिबंधों को गलत माना। जो लोग अब ऐसी मांग कर रहे हैं, उन्हें इतिहास से सबक लेना चाहिए।” उन्होंने जोड़ा कि भारत की एकता, सुरक्षा और संस्कृति के लिए काम करने वाले संगठन पर प्रतिबंध की मांग करने वालों को ठोस कारण बताने होंगे।
बिहार और बंगाल चुनाव पर क्या बोले होसबोले?
बैठक में बिहार और पश्चिम बंगाल के आगामी चुनावों पर चर्चा के सवाल पर होसबोले ने स्पष्ट किया कि बिहार चुनाव पर कोई चर्चा नहीं हुई। हालांकि, उन्होंने कहा कि संघ का रुख साफ है कि मतदाताओं को जाति या पैसे के आधार पर नहीं, बल्कि राष्ट्र और समाज से जुड़े मुद्दों पर मतदान करना चाहिए। इसके लिए संघ जन जागरूकता अभियान चलाता है। पश्चिम बंगाल की स्थिति पर होसबोले ने चिंता जताई। उन्होंने कहा कि बंगाल में हालात गंभीर हैं। पिछले चुनावों के बाद वहां राजनीतिक नेतृत्व और मुख्यमंत्री के कारण नफरत और वैमनस्य का माहौल बढ़ा है। उन्होंने बताया कि पिछली बैठक में बंगाल पर एक प्रस्ताव पारित किया गया था। होसबोले ने कहा, “बंगाल एक सीमावर्ती राज्य है और बांग्लादेश से आने वाले लोगों के दबाव का सामना कर रहा है। अगर राजनीतिक नेतृत्व इस खतरे को खत्म करने में विफल रहता है, तो बंगाल को अस्थिरता और हिंसा के माहौल में धकेलना अन्याय होगा।”
खड़गे ने क्या कहा था?
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने हाल ही में कहा था कि आरएसएस पर फिर से प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। सपा प्रमुख अखिलेश यादव के एक बयान के जवाब में खड़गे ने कहा, “मेरा व्यक्तिगत विचार है कि आरएसएस पर प्रतिबंध लगना चाहिए। सरदार वल्लभ भाई पटेल ने जो तथ्य सामने रखे थे, अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह उनकी मर्यादा का पालन करें, तो यह प्रतिबंध लगना चाहिए।”
होसबोले का जवाब: समाज और अदालत ने दिया साथ
होसबोले ने खड़गे के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि आरएसएस का कार्य समाज में बढ़ रहा है और इसे व्यापक समर्थन मिला है। उन्होंने कहा, “पिछले प्रतिबंधों के दौरान समाज ने क्या कहा? अदालतों ने क्या कहा? यह सब इतिहास में दर्ज है। संघ का काम रुका नहीं, बल्कि बढ़ा है।”
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