पटाखों की गूंज में गुम हुए निर्देश, रात 12 बजे तक होती रही आतिशबाजी
रायपुर (khabargali) पूरे देश सहित छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से लेकर प्रदेश के हर हिस्से में 2 साल बाद धूमधाम से दीपावली मनाई गई। कोरोनाकाल के बाद खुशी का माहौल इस दिवाली के साथ लौटा। लोग दिवाली मनाने में इस कदर व्यस्त थे कि उन्हें न्यायालय और प्रशासनिक निर्देशों का अहसास तक नहीं रहा। प्रशासनिक निर्देश के मुताबिक रात 8:00 से 10:00 बजे तक ही पटाखे जलाने की अनुमति थी, लेकिन पूरे प्रदेश में देर तक आतिशबाजी होती रही। लोग कोरोना के चलते पिछली दिवाली नहीं मना पाये थे लेकिन इस बार दोगुने उत्साह व खुशियों के साथ लोगों ने दिवाली मनाई। बाजार गुलजार रहे। लोगों ने जमकर खरीदारी की। हर घर,हर मोहल्ला ही नहीं बल्कि पूरा शहर रंगीन लाइट, रंगोली व आतिशबाजी से देर रात तक गुलजार रहा। मां लक्ष्मी की पूजा के बाद लोग घरों से बाहर आकर जहां मेल मिलाप करते रहे । मंदिरों व सार्वजनिक समितियों ने भी विशेष तौर पर लक्ष्मी पूजा की तैयारी कर रखे थे। वीआईपी रोड स्थित राम मंदिर में भगवान राम का नमन करते हुए सैंकड़ों दीपक जलाए गए। स्थानीय जनप्रतिनिधि भी शहरवासियों के बीच शुभकामना देने निकले।
आतिशबाजी ने एक ही दिन में प्रदूषण के स्तर को काफी ज्यादा बढ़ाया
आतिशबाजी को लेकर प्रशासन ने आदेश जारी कर दिया था लेकिन सुप्रीम कोर्ट राहत दी थी। इसकी वजह से पुलिस प्रशासन ने भी दिवाली मनाने वालों के आनंद में किसी तरह का खलल नहीं डाला। समय से आगे जाकर भी लोगों की आतिशबाजी का सिलसिला चलता रहा। काफी समय बाद भी जब पुलिस नहीं आई तो लोगों के हौसले बढ़ गए। दरअसल NGT ने देश में बढ़ते प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए इस बार आतिशबाजी को सीमित करने का मशवरा दिया था। इस मशवरे को गंभीरता से लेते हुए उच्च न्यायालय ने सख्ती लागू कर दी थी। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाते हुए आदेश को निरस्त कर दिया था। दिवाली के मौके पर हुई आतिशबाजी ने एक ही दिन में प्रदूषण के स्तर को काफी ज्यादा बढ़ा दिया है। आने वाले दिनों में इसके गंभीर परिणाम देश और प्रदेश जनता को ही भुगतना पड़ेगा इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता।
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