
रायगढ़ (खबरगली) महाराष्ट्र राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी लिमिटेड (महाजेनको) ने आज रायगढ़ जिले के तमनार तहसील में स्थित गारे-पल्मा सेक्टर II (GP-II) कोयला खदान का कार्य प्रारंभ किया। खदान के बॉक्स कट गतिविधि की शुरुआत महाजेनको के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक श्री बी. राधाकृष्णन (IAS) की उपस्थिति में की गई। इस अवसर पर निदेशक (वित्त) श्री मनीष विश्वनाथ वाघिरकर, निदेशक श्री अभय हरने, कार्यकारी निदेशक श्री नितिन वाघ, श्री पंकज सपाटे, प्रशासनिक अधिकारीगण, वरिष्ठ अधिकारी और समस्त टीम उपस्थित रहे।

महाजेनको ने इस परियोजना के लिए सभी आवश्यक पर्यावरणीय, वन, खनन और प्रशासनिक अनुमतियाँ प्राप्त कर ली हैं। आज खदान का विधिवत शुभारंभ किया गया और संचालन की सभी आवश्यक अनुमतियों के तहत बॉक्स कट गतिविधि स्थानीय ग्रामीणों और प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति में संपन्न हुई। खदान से कोयले का निष्पादन जनवरी माह से करने की योजना है। GP-II कोयला खदान परियोजना छत्तीसगढ़ राज्य की सबसे बड़ी खदानों में से एक है, जिसकी वार्षिक उत्पादन क्षमता 23.6 मिलियन टन है। यह खदान महाराष्ट्र राज्य की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, विशेष रूप से चंद्रपुर, कोराडी और पारली जैसे थर्मल पावर प्लांट्स को कोयला आपूर्ति सुनिश्चित करेगी। इससे राष्ट्रीय ग्रिड को 3200 मेगावाट से अधिक बिजली प्राप्त होगी। इस खदान के संचालन से भारत की कोयला आयात निर्भरता में उल्लेखनीय कमी आएगी और देश को स्थानीय कोयला संसाधनों के माध्यम से ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में मजबूती मिलेगी। यह 'आत्मनिर्भर भारत' के विज़न को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। परियोजना से करीब 3400 प्रत्यक्ष और हजारों अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित होंगे, जिससे स्थानीय ग्रामीणों को आजीविका के नए साधन प्राप्त होंगे। साथ ही, खदान के संचालन से राज्य को रॉयल्टी, जीएसटी और अन्य करों के रूप में भारी राजस्व प्राप्त होगा, जिससे सामाजिक कल्याण और क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा मिलेगा।

महाजेनको के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक श्री बी. राधाकृष्णन ने इस अवसर पर कहा कि रोजगार सृजन, राजस्व वृद्धि और सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत शिक्षा, स्वास्थ्य और कौशल विकास के लिए कंपनी सतत योगदान देगी। पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के लिए महाजेनको ने 32 वर्षों में 2256.60 हेक्टेयर क्षेत्र में 56.4 लाख स्थानीय प्रजातियों के पौधे लगाने का संकल्प लिया है। GP-II परियोजना समावेशी विकास, पर्यावरणीय संतुलन और ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है, जो छत्तीसगढ़ राज्य को राजस्व और रोजगार के रूप में दीर्घकालिक लाभ प्रदान करेगा।
नोट: कोयला खनन में बॉक्स कट एक प्रारंभिक खुदाई होती है, जो सतही खदान (ओपन-कास्ट माइन) शुरू करने के लिए की जाती है। इसमें सतह पर एक आयताकार गड्ढा खोदकर कोयला परत तक पहुँच बनाई जाती है, ताकि आगे की खनन प्रक्रिया शुरू हो सके।
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