
नई दिल्ली (खबरगली) 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव गहरा गया है। 26 पर्यटकों की हत्या के इस हमले पर भारत की कड़ी प्रतिक्रिया ने पाकिस्तान को हिला कर रख दिया है। इसी दबाव में पाकिस्तान सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए ISI प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल असीम मलिक को देश का नया राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) नियुक्त किया है।
देर रात जारी हुआ नोटिफिकेशन
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 29 अप्रैल को असीम मलिक की नियुक्ति का निर्णय लिया गया, लेकिन इसका आधिकारिक नोटिफिकेशन 30 अप्रैल की रात को जारी किया गया। असीम मलिक को सितंबर 2024 में ISI प्रमुख बनाया गया था और अब उन्हें NSA की भी जिम्मेदारी सौंप दी गई है। इस पद पर यह नियुक्ति मुईद यूसुफ के 2022 में इस्तीफे के बाद की गई है, तब से यह पद खाली था।
भारत की निर्णायक कार्रवाई से बढ़ी बेचैनी
हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई उच्चस्तरीय बैठकों में सेना को आतंकवाद के खिलाफ फ्री-हैंड दे दिया है। उन्होंने स्पष्ट कहा है कि कार्रवाई का तरीका, लक्ष्य और समय सेना तय करेगी। इससे पाकिस्तान में बेचैनी बढ़ गई है। अमेरिका से लगाई गुहार# भारत के कड़े रुख से घबराए पाकिस्तान ने अब अमेरिका से मदद मांगी है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से आग्रह किया है कि वे भारत पर संयम बरतने का दबाव बनाएं। उन्होंने दावा किया कि भारत का आक्रामक रवैया क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा बन सकता है।
युद्ध की आशंका का दावा
पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार ने दावा किया है कि भारत अगले 24 से 36 घंटों में पाकिस्तान पर हमला कर सकता है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक वीडियो जारी कर कहा कि अगर भारत ने कोई उकसाने वाला कदम उठाया, तो उसे कड़ी जवाबी कार्रवाई झेलनी पड़ेगी।
कौन हैं असीम मलिक?
असीम मलिक को ‘स्वॉर्ड ऑफ ऑनर’ भी मिल चुका है। असीम नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी (एनडीयू) में चीफ इंस्ट्रक्टर के साथ-साथ कमांड एंड स्टाफ कॉलेज क्वेटा में इंस्ट्रक्टर के तौर पर भी काम कर चुके हैं। मलिक ने अमेरिका से ग्रेजुएशन किया है और उन्होंने रॉयल कॉलेज ऑफ डिफेंस स्टडीज, लंदन से भी पढ़ाई की है। असीम मलिक को सुरक्षा और विदेशी मामलों के सबसे बेहतरीन विशेषज्ञों में से एक माना जाता है। मलिक को बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में काम करने का अच्छा अनुभव है। यहां काफी समय से आंदोलन चल रहा है। साथ ही भारत का डर भी साफ दिखाई देता है। माना जा रहा है कि इसी वजह से आईएसआई चीफ की कमान के बाद अब उन्हें सुरक्षा सलाहकार की जिम्मेदारी दी गई है। वह बलूचिस्तान में इन्फैंट्री डिवीजन के प्रमुख रह चुके हैं। बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में लगातार हमले हुए हैं। पिछले एक साल में यहां हमलों की संख्या में भी काफी इजाफा हुआ है।
ताकत में और इजाफा
पाकिस्तान में आईएसआई चीफ कितना ताकतवर है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसकी नियुक्ति सीधे प्रधानमंत्री करते हैं। वहीं, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार भी सीधा पीएम को रिपोर्ट करता है। लेकिन यह बात जगजाहिर है कि यहां एनएसए और आईएसआई चीफ दोनों सेना प्रमुख के इशारे पर काम करते हैं। देश के अंदरूनी मामलों में न सिर्फ उनका दखल देखने को मिला है बल्कि विदेश नीति को लेकर भी उनका प्रभाव देखने को मिला है। वहीं, असीम मलिक को आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीब दोनों का करीबी माना जाता है।
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