
कांग्रेस नेता राहुल गांधी, चुनाव आयोग, गूगल, मेटा, एक्स और केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को नोटिस जारी
पटना (खबरगली) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी दिवंगत मां हीराबेन पर बनाए गए कांग्रेस के एआई जनरेटेड वीडियो पर पटना हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। बुधवार को अदालत ने आदेश दिया कि यह वीडियो तुरंत हटाया जाए। साथ ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी, चुनाव आयोग, गूगल, मेटा, एक्स (पूर्व ट्विटर) और केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को नोटिस जारी किया गया है।
क्या कहा अदालत ने
याचिकाकर्ता की ओर से वकील संतोष कुमार, संजय अग्रवाल और प्रवीण कुमार ने दलील दी कि प्रधानमंत्री और उनकी मां को निशाना बनाते हुए सुनियोजित तरीके से अपमानजनक सामग्री फैलाई जा रही है। अदालत ने टिप्पणी की कि राजनीतिक दलों को सोशल मीडिया के दुरुपयोग से बचना चाहिए और जनता को गुमराह करने वाली सामग्री पर तुरंत रोक जरूरी है।
कांग्रेस ने वीडियो डिलीट किया
पटना हाईकोर्ट के आदेश के बाद बिहार कांग्रेस ने अपने एक्स (X) हैंडल से यह वीडियो डिलीट कर दिया। इससे पहले 14 सितंबर को दिल्ली में बीजेपी ने इस वीडियो के खिलाफ कांग्रेस पर एफआईआर दर्ज कराई थी।
क्या था AI वीडियो में
बिहार कांग्रेस ने 11 सितंबर को 36 सेकंड का एआई जनरेटेड वीडियो पोस्ट किया था। इसमें एक बुजुर्ग महिला, जो पीएम मोदी की मां हीराबेन जैसी दिखती है, और एक शख्स, जो प्रधानमंत्री से मिलता-जुलता दिखाया गया। वीडियो में महिला यह कहते हुए दिखाई देती है कि पहले नोटबंदी में लाइन में खड़ा किया, फिर पैर धोने का दिखावा किया और अब उनके नाम पर राजनीति की जा रही है।
बीजेपी ने किया पलटवार
बीजेपी ने इसे प्रधानमंत्री और उनकी मां के खिलाफ अपमानजनक करार देते हुए कांग्रेस पर राजनीतिक बहस का स्तर गिराने का आरोप लगाया। पार्टी नेताओं का कहना है कि कांग्रेस ने सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल कर सभी सीमाएं पार कर दी हैं।
बीजेपी का एआई वीडियो भी चर्चा में
गौरतलब है कि कांग्रेस के वीडियो से करीब 12 घंटे पहले बिहार बीजेपी ने भी अपने एक्स हैंडल पर एक एआई जनरेटेड वीडियो साझा किया था, जिसमें राहुल गांधी और तेजस्वी यादव को पीएम और सीएम पद को लेकर बहस करते हुए दिखाया गया था। केंद्र और राज्य सरकार से मांगा जवाब पटना हाईकोर्ट ने इस मामले में केंद्र और बिहार सरकार दोनों से जवाब मांगा है। अदालत ने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर गुमराह करने वाली सामग्री के प्रसार को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाने जरूरी हैं।
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