पीएम मोदी का संसद में बड़ा एलान- अयोध्या में राम मंदिर निर्माण हेतु ट्रस्ट को दी मंजूरी

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1. केंद्र सरकार ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए एक स्वायत्त ट्रस्ट श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के गठन को मंजूरी दे दी
2. यह ट्रस्ट अयोध्या में भगवान श्रीराम की तीर्थस्थली पर मंदिर के निर्माण और संबंधित विषयों पर निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र होगा
3. यह मंदिर कैसा होगा फिलहाल इस पर कोई अंतिम रूपरेखा तैयार नहीं, लेकिन वीएचचपी के नक्शे के मुताबिक होगा
4. योगी सरकार ने मस्जिद के लिए पांच एकड़ जमीन देने का एलान किया 

 

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न्यू दिल्ली (khabargali) अयोध्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में मतदान से तीन दिन पहले अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर ट्रस्ट बनाने का एलान किया। इस ट्रस्ट का नाम ‘श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ रखा गया है । संसद सत्र के पांचवें दिन बुधवार को पीएम मोदी ने कहा,'आज मैं बहुत ही अहम मुद्दे पर एक जानकारी देने के लिए उपस्थित हुआ हूं। यह विषय करोड़ों देशवासियों की तरह मेरे हृदय के लिए भी करीब है।  यह विषय अयोध्या में श्रीराम जन्मस्थली पर भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण से जुड़ा हुआ है।' पीएम नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में बताया कि यह ट्रस्ट अयोध्या में भगवान श्रीराम की तीर्थस्थली पर मंदिर के निर्माण और उससे संबंधित विषयों पर निर्णय लेने के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र होगा। जिसके बाद गृहमंत्री अमित शाह ने बताया कि इस ट्रस्ट में 15 ट्रस्टी होंगे जिसमें एक दलित समाज का सदस्य होगा। वहीं योगी सरकार ने मस्जिद के लिए अयोध्या के रौनाही में पांच एकड़ जमीन दिए जाने की घोषणा की है। इस बाबत सरकार ने अधिसूचना भी जारी कर दी है। पीएम मोदी ने कहा कि इस ऐतिहासिक क्षण में हम सभी सदस्य मिलकर अयोध्या में श्रीराम धाम के जीणोद्धार के लिए, भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए, एक स्वर में अपना समर्थन दें। इस दौरान संसद भवन में जय श्री राम के नारे भी लगे।

दो मंजिला मंदिर में 212 स्तंभ 

वीएचपी ने कई साल मंदिर निर्माण के लिए अलग-अलग नक्शों पर विचार किया और फिर एक नक्शा तैयार किया। इस नक्शे को राम मंदिर का मूल स्वरूप माना जा रहा है। इस प्रस्तावित नक्शे के मुताबिक मंदिर 128 फीट ऊंचा, 140 फीट चौड़ा और 270 फीट लंबा होगा। इस दो मंजिला मंदिर में 212 स्तंभों होंगे। इसकी छत में एक शिखर होगा जिसे भव्यता को ध्यान में रखकर बनाया जाएगा। 

यह होगी खासियत 

मंदिर में पांच प्रवेशद्वार (सिंहद्वार, नृत्यमंडप, रंग मंडप, पूजा-कक्ष और गर्भगृह) होंगे। रामलला की मूर्ति निचले स्तर पर ही विराजमान होगी। खास बात यह है कि मंदिर में लोहे का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। पूरे मंदिर के निर्माण में करीब 1.75 लाख घन फुट पत्थर की आवश्यकता होगी। 

हो चुका है आधा काम 

मंदिर निर्माण के लिए द्वार और स्तंभों की नक्काशी कई साल से चल रही है। हालांकि, गर्भगृह का निर्माण अभी होना है जहां मूर्ति की पूजा की जाएगी। बताया जाता है कि स्तंभ तैयार हैं लेकिन गर्भगृह की तैयारी अभी नहीं हुई है। अभी तक 106 स्तंभ बनकर तैयार हो चुके हैं और 106 स्तंभों की नक्काशी अभी होनी है। पत्थरों का काम 1990 में ही शुरू हो चुका था और इसलिए इसमें बहुत सारा काम पहले ही हो चुका है। सूत्रों के मुताबिक मंदिर निर्माण का कार्य आसान नहीं है और इसे पूरा करने में कम से कम चार साल लगेंगे। सड़कें ठीक नहीं हैं इसलिए पत्थरों की आपूर्ति की रफ्तार सुस्त है। इसके अलावा, हस्तशिल्प नक्काशी में समय लगता है। हालांकि, भूतल के लिए जितनी नक्काशी की आवश्यकता है वह पूरी हो चुकी है। 

ट्रस्ट के एलान के साथ ही अध्यक्ष पद के लिए रेस शुरू

राम मंदिर निर्माण को लेकर ट्रस्ट के बनने के बाद ही अध्यक्ष पद के लिए रेस शुरू हो गई है। इसमें सबसे ऊपर महंत नृत्य गोपाल दास का नाम चल रहा है। अयोध्या के साधु-संतों से लेकर विश्व हिंदू परिषद की तरफ से उम्मीद जाहिर की जा रही है ट्रस्ट का अध्यक्ष पद महंत नृत्य गोपाल दास को दिया जा सकता है।

मस्जिद के लिए पांच एकड़ जमीन देगी योगी सरकार, यूपी कैबिनेट का फैसला

अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए न्यास बनाने की घोषणा के साथ ही योगी सरकार ने मस्जिद के लिए भी पांच एकड़ जमीन देने का एलान किया है। मस्जिद के लिए रौनाही (अयोध्या) में जमीन दी जाएगी। 

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