" मुझे थोड़ा मैं होने दो ", " कभी कभी कविता यूं ही मचल उठती है " - प्रिया मिश्रा " वेंणी " की 2 कविताएं khabargali May 11 / 2019 "मुझे थोड़ा मैं होने दो" मुझे थोड़ा मैं होने दो मैं ज़र्रा ज़र्रा बहक रही मुझे थोड़ा स्थिर होने दो मुझे थोड़ा मैं होने दो मैं तुममे खोती बहकी बहकी पागल सी बन फिरती हूँ Tags Priya Mishra Venni प्रिया मिश्रा वेंणी खबरगली कविता khabargali Read more about " मुझे थोड़ा मैं होने दो ", " कभी कभी कविता यूं ही मचल उठती है " - प्रिया मिश्रा " वेंणी " की 2 कविताएंLog in to post comments