शिक्षिका

73 वें गणतंत्र दिवस पर लता बघेल की कविता

ख़बरगली @ सहित्य डेस्क

भारत में पहले राजाओं का राज है चला।

फिर मुग़ल बादशाहों ने भी राज है किया।।

मुग़ल गये तो मराठों का राज आ गया।

ये देश देखो अंग्रेजों के हाथ आ गया।।

ज़ुल्म हुए और दुःख भरी कहानियां बनी।

अपने ही देश में रानियां दासियां बनी।।

स्वतन्त्र था, खुशहाल था,जो देश में मेरा।

गुलामियों की जंजीरों में जकड़ गया।।

वीर और वीरांगनाएं देश के लिए।

हंसते हंसते देखो अपनी जान दे गये।।

फिर स्वतंत्रता मिली देश आज़ाद हो गया।