अब निगम सरकारों में अविश्वास का संकट! घेराबंदी में जुटी भाजपा

After the change of power, now there is a crisis of distrust in corporate governments!  BJP engaged in siege, Raipur Mayor Ejaz Dhebar, Raipur Municipal Corporation Leader of Opposition Meenal Choubey, Bilaspur, Chhattisgarh, Khabargali

रायपुर/ बिलासपुर (khabargali) राज्य की सत्ता में बदलाव के साथ ही अब शहर की सत्ता में भी बदलाव की मांग तेज हो गई है। रायपुर महापौर एजाज ढेबर समेत कई शहरों के महापौर की मुसीबत बढ़ती दिखाई दे रही है। रायपुर के पहले रायगढ़ जगदलपुर और भाटापारा में कांग्रेसी महापौर के खिलाफ नो कॉन्फिडेंस मोशन लाया जा चुका है। नगर निगम रायपुर में महापौर ढेबर खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी शुरू हो चुकी है। मंगलवार को रायपुर नगर निगम की नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने भाजपा पार्षद दल की बैठक बुलाई, बैठक में महापौर ढेबर से इस्तीफा की मांग की गई है।

मीनल चौबे ने कहा है जिस तरह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नैतिकता के आधार पर खुद जाकर राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया। इस प्रकार महापौर को भी तत्काल इस्तीफा देना चाहिए। क्योंकि रायपुर नगर निगम की चार में से एक भी विधानसभा सीट पर महापौर जीत नहीं दिलवा सके हैं। मीनल चौबे ने स्पष्ट कहा कि अगर ढेबर इस्तीफा नहीं देते हैं तो उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा।

नगर निगम में फिलहाल बीजेपी के 31 और निर्दलीय पांच पार्षद हैं। 34 कांग्रेस के पार्षद है जिनमें से कई पार्षद बीजेपी के संपर्क में है। महापौर की कार्य प्रणाली से कई कांग्रेसी पार्षद लंबे समय से नाराज चल रहे थे। वह पूरे तरीके से भाजपा का साथ देंगे। इसमें सभापति महापौर को प्रमोद दुबे को पर्यवेक्षक बनाकर भेजा गया था। प्रमोद दुबे ने तीनों नगर निगम में सरकार बचाने में सफलता हासिल की थी।अविश्वास प्रस्ताव की खबर के बाद महापौर ढेबर ने पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर से जाकर मुलाकात की ।

बिलासपुर में भी नगर निगम की राजनीति गरमाने लगी

 बता दें कि विधानसभा चुनाव व प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद अब निगम सरकारों के बीच अविश्वास का संकट खड़े होने लगा है। रायपुर नगर निगम से इसकी शुरूआत भी हो गई है। जिसके बाद अब प्रदेश के दूसरे बड़े शहर बिलासपुर में भी नगर निगम की राजनीति गरमाने लगी है। यहां विपक्ष में बैठी भाजपा भी इसे लेकर गुणा भाग में जुट गई है। अपनी ही पार्टी में मेयर को लेकर नाराजगी का भी लाभ यहां भाजपा को मिल सकता है। हालांकि, इन सब के बीच कांग्रेस की निगम सरकार अपने को बहुमत के साथ सुरक्षित मान रही है।

दरअसल, प्रदेश में सरकार के साथ बिलासपुर शहर में भी भाजपा विधायक बनाने में कामयाब रही है। ऐसे में अब भाजपा की नगर निगम सरकार पर भी है। वैसे तो निगम चुनाव को लेकर अभी लंबा वक्त है। भाजपा इस बीच निगम के सियासी समीकरण में भी सेंधमारी कर सकती है।रायपुर में अविश्वास के साथ इसकी शुरूआत हो गई है। ऐसे में अब प्रदेश के दूसरे नगर निगमों पर भी अविश्वास का संकट गहराने लगा है।

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