अंधविश्वास के कारण हुई कवर्धा में महिला की हत्या की निंदा की डॉ. दिनेश मिश्र ने

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कोई नारी टोनही नहीं

रायपुर (khabargali) अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष डॉ दिनेश मिश्र ने कवर्धा जिले में जादू टोने के सन्देह हुई एक ग्रामीण महिला की हत्या की कड़ी निंदा करते हुए कहा जादू टोने का कोई अस्तित्व नही हैं ग्रामीणों को अंधविश्वास में पड़कर कानून हाथ में नहीं लेना चाहिए. 

डॉ दिनेश मिश्र ने कहा जानकारी मिली है कि कवर्धा के कोकदूर थाना के ग्राम देहानटोला में परमेश्वर नामक व्यक्ति ने अपनी पत्नी के बीमार होने का कारण पड़ोस में रहने वाली विधवा सखिना मेरावी के द्वारा किये तथाकथित जादू टोने को मानता था. गांव में ही उसने एक दी एक कार्यक्रम में सखीना बाई को देखा तो उसका क्रोध भड़क उठा और उसने मौका पा कर रात में उसने सखिना मेरावी की बल्ली से मार मार हत्या कर लाश घर में ही जला दी जिससे उसके घर में भी आग लग गयी.बताया जाता के किसी बैगा ने ही उसे यह सलाह दी थी उसे मारने के बाद जला देना नहीं तो वह भूत बन जाएगी .इस प्रकार अंधविश्वास में पड़ कर परमेश्वर ने एक निर्दोष विधवा महिला की जान ले ली जो अत्यंत दुःखद ,निंदनीय है.

डॉ दिनेश मिश्र ने कहा पिछले कुछ दिनों में टोनही /डायन के सन्देह में हत्याएं तथा कुछ ग्रामीणों से मारपीट की घटनाएं सामने आयी हैं सिर्फ अंधविश्वास ,जादू टोने जैसी भ्रामक मान्यताओं पर भरोसा कर किसी निर्दोष महिला एवं उसके परिवार पर हमला करने की घटनाएं, अनुचित है,दोषियों पर कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए.समिति प्रवास कर प्रताड़ित परिवारों से मिलेगी और ग्रामीणों को जागरूक करेगी .

डॉ. मिश्र ने कहा हर व्यक्ति की बीमारी,समस्या और उसके कारण अलग-अलग होते हैं जिनका समाधान सही चिकिसकीय उपचार ,तर्कसंगत उपाय से किया जा सकता है. बीमारियाँ अलग अलग कारणों से होती हैं संक्रमण होने से ,दुर्घटना होने,कुपोषण से व्यक्ति बीमार होता है संक्रमण भी विभिन्न बैक्टीरिया, वायरस ,फंगस से होता है ,तथाकथित जादू टोने ,से कोई बीमार नही हो सकता ,क्योंकि जादू टोने जैसी काल्पनिक मान्यताओं का कोई अस्तित्व ही नहीं है,इस लिए तथाकथित जादू टोने से ना ही कोई व्यक्ति किसी को भी मार कर सकता है, न ही किसी को परेशानी में डाल सकता हैं और न ही किसी व्यक्ति का किसी प्रकार से फसल आदि का कोई नुकसान कर सकता है ,जादू टोने ,टोनही, डायन की मान्यता सिर्फ अंधविश्वास है. जिसका का कोई अस्तित्व नहीं है ,और इस प्रकार के शक या सन्देह में किसी भी महिला को प्रताड़ित करना उसके व उसके परिवार के साथ मारपीट करना ,उसको जान से मारना अनुचित,क्रूर और अपराधिक है .ग्रामीणों को इस प्रकार के अंधविश्वास में नहीं पड़ना चाहिए .

डॉ मिश्र ने प्रशासन मांग की है कि इस मामले में तुरंत कार्यवाही की जाए तथा आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा मिले ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति इस प्रकार की अनुचित हरकत करने की चेष्टा ना कर सके.समिति इन सभी मामलों में ग्रामीणों से मिलेगी और जागरूक करेगी. डॉ. मिश्र ने कहा देश के अनेक प्रदेशों में डायन/ टोनही के सन्देह में प्रताडऩा की घटनाएँ आम है , जबकि कोई नारी टोनही या डायन नहीं हो सकती, उसमें ऐसी कोई जादुई शक्ति नहीं होती जिससे वह किसी व्यक्ति, बच्चों या गाँव का नुकसान कर सके। जादू-टोने के आरोप में प्रताडऩा रोकना आवश्यक है। अंधविश्वासों के कारण होने वाली टोनही प्रताडऩा/बलि प्रथा जैसी घटनाओं से भी मानव अधिकारों का हनन हो रहा है। जनजागरूकता के कार्यक्रमों से अंधविश्वास का निर्मूलन सम्भव है .

संपर्क : डॉ .दिनेश मिश्र ,

अध्यक्ष अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति Mob.9827400859 E-mail dr.dineshmishra@gmail.com

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