बड़ी खबर : बड़ी खबर : संघ प्रमुख मोहन भागवत की रायपुर में बैठक शुरू इस बीच कांग्रेस ने दागे 6 सवाल…

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रायपुर (khabargali) राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर संघ चालक मोहन भागवत दो साल बाद शनिवार शाम को रायपुर पहुंचे हैं। श्री भागवत की बैठक प्रदेश कार्यालय जागृति मंडल में छत्तीसगढ़ ( महाकोशल प्रांत) चल रही है. भागवत के साथ बैठक में चुनिंदा पदाधिकारी ही शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार संघ प्रमुख की आज दिनभर अलग-अलग बैठक होगी. दोपहर 3 से 6 बजे तक कुछ चुनिंदा लोगों से मुलाकात और चर्चा करेंगे. भागवत शाम 7 से रात 9 बजे तक बौद्धिक चर्चा करेंगे. 17 अगस्त को भागवत रायपुर से रवाना हो जाएंगे.

बड़े बदलाव के संकेत

संघ प्रमुख के इस दौरे से बडे बदलाव के संकेत हैं. वहीं संघ और भाजपा संगठन के बीच तालमेल बढ़ाने पर भी चर्चा की संभावना है. बैठक में विभिन्न सामयिक मसलों पर संघ की ओर से विभिन्न क्षेत्रों में किये जा रहे कार्यों की समीक्षा की जा रही. संगठन के लोगों से चर्चा के बाद आगे की रूपरेखा तय की जाएगी.

कांग्रेस ने पूछे मोहन भागवत से 6 सवाल

इधर, कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह ने वीडियो जारी कर एवं छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता एवं सचिव विकास तिवारी ने प्रेस नोट जारी कर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से 6 सवाल पूछे हैं, काग्रेस प्रवक्ता ने यह विश्वास जताया है कि खुद को सामाजिक सांस्कृतिक संगठन कहलाने वाले संघ के प्रमुख मोहन भागवत अवश्य इन प्रश्नों का जवाब देंगे। जिससे राज्य की जनता यह जान सके की गोवंश और प्रभु राम के प्रति उनका प्रेम दिखावा है या फिर वास्तविकता!

ये हैं कांग्रेस के 6 सवाल

1- छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार ने गौ धन न्याय योजना प्रारंभ की है जिसका संघ की स्थानीय इकाई ने स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री जी को शुभकामनाएं और बधाई पत्र प्रदान किया था। क्या मोहन भागवत योजना का समर्थन करते हैं? अगर हां तो क्या केंद्र सरकार के स्तर पर इस योजना को पूरे देश में प्रारंभ करने की कोई पहल करेंगे ?

2- राम जन्म भूमि पूजन और कार्यारंभ के अवसर पर अयोध्या जाने वाले मोहन भागवत क्या माता कौशल्या का दर्शन करने के लिए उनके मंदिर जाएंगे ?

3- छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार लगभग 135 करोड़ रुपए खर्च करके राम वन गमन पर्यटन परिपथ का निर्माण करवा रही है। इस कांसेप्ट प्लान को केंद्र की स्वदेश दर्शन योजना में शामिल करने हेतु पत्र भेजा गया है। क्या मोहन भागवत राम वन गमन परिपथ को केंद्र की इस योजना में शामिल कराने हेतु कोई ठोस पहल करेंगे ?

4. संघ प्रमुख भागवत क्या पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह और पूर्व धर्मस्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल जो कि संघ के ही स्वयंसेवक हैं उन्हें बुलाकर क्या वह पूछेंगे कि किन कारणों से मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की माता कौशल्या के विश्व के एक मात्र मंदिर के गर्भ गृह में सालों-साल से ताला लगा हुआ रखा था और माता के भक्तों उनका दर्शन नहीं कर पा रहे थे क्या ऐसे कारण थे कि एक ओर पूरे देश में अयोध्या के राम मंदिर पर भाजपा और आरएसएस राजनीति कर रही थी ?

5. जहां एक और भाजपा और आरएसएस गौ माता,गौ सेवा का ढिंढोरा पिटती है क्या श्री भागवत पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह और पूर्व कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल सहित पूर्व गौ सेवा आयोग और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बड़े नेता विश्वेश्वर पटेल से पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के अंतिम कार्यकाल के सालों में आठ हजार से अधिक गोवंश की भूख से मौत पर प्रश्न करने के क्या वह पता करेंगे कि किन कमीशनखोरो के कारण गोवंश की भूख से मौत होती थी और संघ समर्थित रमन सरकार पर आरएसएस प्रदेश ईकाई चुप्पी साधे रखी थी।

6. जहां एक और कोरोना कोविड-19 महामारी संक्रमण के कारण गरीब एवं मध्यमवर्गीय परिवारो के करोड़ो लोगों का रोजगार छीन गया है और खाने कमाने के लाले पड़ गए हैं इस हेतु कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार को अनुरोध करते हुए कहा था कि देश के गरीब लोगों के बैंक खातों में सात हजार पाँच सौ रुपया प्रति आगामी छह माह तक ट्रांसफर करें जो की कुल राशि तिरसठ हजार करोड़ रुपयों की होती है ।बावजूद बीस लाख करोड़ कि हवा हवाई घोषणा करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ढेला भर रुपया इन गरीब और जरूरतमंदों को नहीं दिया गया क्या संघ प्रमुख मोहन भागवत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहकर केंद्र के तीस लाख से अधिक रिक्त पदों में से तीन लाख पदों पर प्रदेश के बेरोजगार युवा और युवतियों को देने के लिए अनुरोध करेंगे।

भाजपा के उपाध्यक्ष सच्चिदानंद उपासने ने भी एक वीडियो जारी कर कही बड़ी बात

15 साल सत्ता के बाद हमारी ऐसी स्थिति क्यों ? चिंतन की जरूरत

भाजपा के उपाध्यक्ष सच्चिदानंद उपासने ने एक वीडियो जारी कर बड़ा बयान देते हुए कहा कि संघ के सरसंघचालक रायपुर में है, ऐसे में हमें चिंता करने की जरूरत है कि हमारी ऐसी हालत क्यों हुई ? 15 वर्षों तक सत्ता में रहने के बाद हम इस स्थिति में क्यों आए हैं ? हमारे धारदार नेतृत्व में कहीं ना कहीं रोक लगी है। हम निर्णय कर पाने में देरी क्यों कर रहे हैं ? उपासने ने कहा कि हम बैठकर आपस में संवाद करें। निर्णय में अधिक से अधिक लोगों को शामिल करें। तभी स्वस्थ निर्णय, अच्छा निर्णय होगा। जनसंघ की पहचान थी कि जो कार्यकर्ता काम करते थे उन्हें महत्व मिलता था।

उपासने ने संघ और पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ताओं की उपेक्षा पर नाराजगी जताते हुए कहा कि हजारों कार्यकर्ता मान अपमान सहा, जेल गए, हत्या हुई, तब जाकर सरकार मिली. अभी वक्त है हमारे निष्ठावान कार्यकर्ता उत्साहित हैं। कोई उसे प्यार करे, स्नेह करे, उसकी पीठ पर हाथ रखे, वह पद का भूखा नहीं है स्नेह का भूखा है। यदि उन्हें अपना कर चलें तो 15 साल की पहचान फिर से वापस पा सकते हैं।

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