बिहार-यूपी के नदियों में तैरतीं अधजली लाशों से परेशान होते लोग

Dead bodies khabargali

बिहार(khabargali)। राज्य में बक्सर के चौसा प्रखंड में ही गंगा नदी में ही सिर्फ़ लाशें तैरती नहीं दिखी हैं, बल्कि ज़िले के सिमरी प्रखंड के केशोपुर पंचायत, वीस का डेरा, तिलक राय का हाता और मानसिंह पट्टी में भी स्थानीय लोगों के मुताबिक़ गंगा में लाशें फेंकी जा रही हैं.

बक्सर के सिमरी में भी लाशें मिलने का दावा किया गया है. सिमरी पश्चिमी के ज़िला पार्षद विजय मिश्रा ने बीबीसी को बताया, "लोग ग़रीब हैं, दाह संस्कार नहीं कर पा रहे है. प्रशासन का भी कोई सहयोग नहीं मिल रहा है तो परिजन शव ऐसे ही गंगा जी में फेंक कर चले जा रहे है. घाट किनारे आकर शव लग रहे हैं. मानसिंह पट्टी, केशोपुर पंचायत जो गंगा जी से एकदम नज़दीक 100-150 मीटर की दूरी पर हैं, वहाँ दुर्गंध फैल रही है.".

हालाँकि, सिमरी के प्रखंड विकास पदाधिकारी अजय कुमार सिंह ने बीबीसी से कहा, "चौसा प्रखंड में लाशें मिलने के बाद 10 मई की शाम से ही अंचलाधिकारी और मैं ख़ुद भी प्रखंड के गंगा से सटे इलाक़ों में गया था लेकिन हमें ऐसा कोई मामला नहीं मिला है. अगर भविष्य में ऐसी कोई लाश मिलती है, तो हम उसका रीति रिवाज के मुताबिक़ ही दाह संस्कार करेंगे."

71 लाशों का पोस्टमार्टम

गंगा नदी के किनारे बसा बक्सर ज़िला, बिहार और उत्तर प्रदेश का सीमावर्ती ज़िला है. इसके उत्तर में यूपी का बलिया, दक्षिण में बिहार का रोहतास ज़िला, पश्चिम में यूपी का ग़ाज़ीपुर और बलिया ज़िले तथा पूरब में बिहार का भोजपुर ज़िला लगता है.

बक्सर प्रशासन ने 10 मई तक 30 से 40 लाशें होने की बात कही थी. लेकिन चौसा श्मशान घाट पर मिली 71 लाशों का पोस्टमार्टम हुआ है.