चुनो चुनौती सीना तान’, पीएम मोदी ने पढ़ी कविता
लाल किले से पीएम मोदी ने 90 मिनट के अपने संबोधन में कही क्या महत्वपूर्ण बातें...यहाँ पढ़ें
नई दिल्ली (khabargali) देश आज स्वतंत्रता दिवस के रंग में डूबा हुआ है। पूरा भारतवर्ष आज अपनी आजादी का 77वां उत्सव मना रहा है। इस अवसर पर पीएम मोदी ने आज 10वीं बार लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराया और देश को संबोधित किया। अपने 90 मिनट के अपने संबोधन के दौरान पीएम ने लाल किले से देश के सामने विकास का विजन रखा और उन्होंने 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की अपनी सरकार की योजना रखी। प्रधानमंत्री ने आज अपने भाषण की शुरुआत में मणिपुर का जिक्र किया। उन्होंने अपने भाषण के दौरान केंद्र सरकार की नीतियों और देश की उपलब्धियों को जनता के सामने रखा। पीएम मोदी ने भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तृष्टीकरण पर जोरदार प्रहार किया। पीएम ने कहा हमें इन तीनों बुराइयों से मुक्ति पाना है। उन्होंने कहा हमें ऐसा भारत बनाना है जो राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का था, स्वतंत्रता सेनानियों का था, वीरांगनाओं का था।
'पूर्वोत्तर राज्य में शांति से समाधान'
प्रधानमंत्री ने पीएम ने कहा कि मणिपुर में जो हिंसा का दौर चला, कई लोगों को अपना जीवन खोना पड़ा, मां-बेटियों के सम्मान के साथ खिलवाड़ हुआ, लेकिन कुछ दिनों से लगातार शांति की खबरें आ रही हैं, देश मणिपुर के लोगों के साथ है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार पूर्वोत्तर राज्य में शांति सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है।
तीन गारंटी पर पीएम का फोकस
पीएम मोदी का फोकस तीन गारंटी पर रहा। प्रधानमंत्री ने तीन गारंटी का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। घरों के निर्माण के लिए आसान ऋण और लोगों को सस्ती दवाएं और शहरों में उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए जन औषधि केंद्रों की संख्या 10 हजार से बढ़ाकर 25 हजार करने का लक्ष्य रखा गया है। जन औषधि केंद्र की ये दुकानें उन स्थानों पर खोली जाएंगी, जहां पर दवाओं की उपलब्धता कम है । पीएम ने यह भी कहा कि जन औषधि केंद्रों ने लोगों, विशेषकर मध्यम वर्ग को नई शक्ति दी है।
मिशन 2047 पर ये कहा
भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए 2047 का लक्ष्य निर्धारित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अगले पांच साल यह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण होंगे कि आजादी के 100 साल पूरे होने तक देश की आकांक्षाएं पूरी हो जाएं।
जनसांख्यिकी, लोकतंत्र, विविधता पर जोर
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान इस बात पर जोर दिया कि कैसे भारत की जनसांख्यिकीय ताकत, अपने लोकतंत्र और विविधता के साथ अपनी विकास यात्रा को मजबूत करने में मदद कर सकती है। उन्होंने कहा कि इन तीनों का मिलन देश के सपनों को पूरा कर सकता है।
भ्रष्टाचार, वंशवाद और तुष्टिकरण की बुराइयों के खिलाफ है मिशन
साथ ही प्रधानमंत्री के संबोधन के दौरान विपक्ष भी निशाने पर रहा। उन्होंने कहा कि देश का मिशन भ्रष्टाचार, वंशवाद और तुष्टिकरण की बुराइयों को खत्म करना होना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले सालों में सरकार ने भ्रष्टाचारियों की जो संपत्ति जब्त की है वह पहले की तुलना में 20 गुना ज्यादा है। उन्होंने कहा, ‘‘आपकी कमाई का यह पैसा लोग लेकर भागे थे। 20 गुना ज्यादा संपत्ति को ज़ब्त करने का काम किया है हमने। इसलिए ऐसे लोगों की मेरे प्रति नाराजगी होना स्वाभाविक है। लेकिन मुझे भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को आगे बढ़ाना है।” मोदी ने कहा कि ये तीनों विकृतियां भारत के लोकतंत्र को कभी मजबूती नहीं दे सकतीं। उन्होंने कहा ‘‘यह बीमारी है। परिवारवादी पार्टियों का मंत्र है परिवार का, परिवार के द्वारा और परिवार के लिए।
नीति और इरादे हैं साफ
प्रधानमंत्री ने कहा कि सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करने के लिए सरकार की नीतियां स्पष्ट और इरादे साफ हैं। उन्होंने कहा कि सभी की भलाई सुनिश्चित करने की नीति ही हमें एक विकसित राष्ट्र बनने में मदद कर सकती है।
पीएम मोदी ने दिया क्षेत्रीय भाषाओं पर जोर
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान क्षेत्रीय भाषाओं पर भी जोर दिया। पीएम ने कहा कि केंद्र क्षेत्रीय भाषाओं में उच्च शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा रहा है। उन्होंने क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध निर्णयों का सक्रिय हिस्सा बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद दिया। पीएम मोदी ने जब सुप्रीम कोर्ट की तरफ से स्थानीय भाषा में जजमेंट का जिक्र किया तो सीजेआई चंद्रचूड़ वहीं पास में मौजूद थे। सीजेआई ने पीएम मोदी की इस बात पर हाथ जोड़कर कर अभिवादन किया।
विश्वकर्मा योजना की घोषणा
पीएम मोदी ने विश्वकर्मा योजना की घोषणा की। पीएम ने कहा कि केंद्र अगले महीने पारंपरिक कौशल वाले लोगों के लिए कम से कम 13,000 करोड़ के आवंटन के साथ एक 'विश्वकर्मा योजना' शुरू करेगा। उन्होंने कहा कि यह योजना नाई, सुनार और धोबी जैसे कुशल श्रमिकों पर केंद्रित होगी। उन्होंने कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के कई समुदायों को नई ताकत देने के लिए अगले महीने विश्वकर्मा जयंती के मौके पर ‘विश्वकर्मा योजना’ आरंभ की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह योजना भारत के लाखों व्यवसाइयों और कारीगरों के उत्थान के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगी। प्रधानमंत्री ने कुछ पेशेवर कामों का उल्लेख करते हुए कहा कि इन कार्यों में लगे ज्यादातर लोग ओबीसी समुदाय से हैं। मोदी ने कहा, ‘‘इन लोगों को नई ताकत देने के लिए, आने वाली विश्वकर्मा जयंती पर करीब 13-15 हजार करोड़ रुपये से विश्वकर्मा योजना प्रारंभ की जाएगी। ”
एक पृथ्वी, एक परिवार और एक भविष्य पर जोर
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘भारत दुनिया का मित्र है जो केवल अपने बारे में नहीं सोचता। उन्होंने कहा कि कोविड के बाद भारत ने ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य’ दृष्टिकोण अपनाने की वकालत की है।
अगली 15 अगस्त को फिर आउंगा
लाल किले से देश को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, ‘साल 2014 में मैंने परिवर्तन लाने का वादा किया था। आप देशवासियों ने मुझ पर भरोसा किया। मैंने भी आपको निराश नहीं किया। आपका भरोसे को मैंने विश्वास में बदल दिया। 2019 में परफोर्मेंस के आधार पर आपने फिर मुझे आर्शीवाद दिया। परिवर्तन ने मुझे दोबारा मौका दिया। मैं आपके हर सपने के पूरा करुंगा। अगली बार 15 अगस्त को इसी लाल किले से देश की उपलब्धियों और विकास को आपके सामने पेश करूंगा। अगली 15 अगस्त को फिर आउंगा।’
पीएम मोदी ने अपने भाषण की समाप्ति पर एक कविता पढ़ी
यह कविता इस प्रकार है… ”चलता चलाता काल चक्र, अमृतकाल का भाल चक्र, चलता चलाता काल चक्र, अमृतकाल का भाल चक्र, सबके सपने, अपने सपने, पनपे सपने सारे, वीर चले, धीर चले, चले युवा हमारे, नीति सही, रीति नई, गति सही, राह नई, चुनो चुनौती सीना तान, जग में बढ़ाओ देश का नाम”
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