चौबे कालोनी स्थित श्री चिंताहरण हनुमान मंदिर में भजनों से गूंजेगा परिसर

The premises of Shri Chintahar Hanuman Temple located in Chobey Colony will reverberate with Hanuman bhajans, Sunderkand recitation, Bhajan Sandhya, Hanuman Chalisa, Tableau and Bhandara, famous singer Shrikant Sharma and party will perform, program organized by Bhakt Seva Mandal and Deepak-Naresh Kedia, Raipur, Chhattisgarh, Khabargali

सुंदरकांड पाठ, भजन संध्या ,हनुमान चालीसा,झांकी व् भंडारा मशहूर सिंगर श्रीकांत शर्मा एण्ड पार्टी देंगे प्रस्तुति

भक्त सेवा मंडल व दीपक-नरेश केडिया द्वारा कार्यक्रम का आयोजन

रायपुर (खबरगली) चौबे कालोनी स्थित श्री चिंताहरण हनुमान मंदिर में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी श्री हनुमान जन्मोत्सव शनिवार 12 अप्रैल को उत्साह व उमंग के साथ मनाया जाएगा। कार्यक्रम के संबंध में दीपक-नरेश केडिया ने बताया कि पूरे मंदिर परिसर को आकर्षक फूलों से सजाया जाएगा। सुबह से ही पूजा-अर्चना व प्रसाद वितरण का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। संध्या 5 बजे मशहूर सिंगर श्रीकांत शर्मा एण्ड पार्टी द्वारा सुंदरकांड पाठ एवं भजन संध्या का आयोजन किया गया है। जिसमें हनुमान जी की झांकी भी प्रस्तुत की जाएगी। संध्या 8 बजे सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ, आरती की जाएगी। साथ ही सभी के लिए विशाल भंडारे का आयोजन किया गया है।

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श्री चिंताहरण हनुमान मंदिर में विगत 3 वर्षों से प्रत्येक मंगलवार को संध्या 7.30 बजे से संगीतमय सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ भी किया जाता है जिसमें लगभग 600 लोग उपस्थित रहते है। पूरा परिसर जय श्री हनुमान, जय श्री राम के नारों से गूंजता है।

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हनुमान जन्मोत्सव चैत्र माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन हनुमानजी का जन्म हुआ था, हनुमान जी को कलयुग में सबसे प्रभावशाली देवताओं में से एक माना जाता है। विष्णु जी के राम अवतार के बाद रावण को दिव्य शक्ति प्रदान हो गई। जिससे रावण ने अपनी मोक्ष प्राप्ति हेतु शिवजी से वरदान माँगा की उन्हें मोक्ष प्रदान करने हेतु कोई उपाय बताए। तब शिवजी ने राम के हाथों मोक्ष प्रदान करने के लिए लीला रची। शिवजी की लीला के अनुसार उन्होंने हनुमान के रूप में जन्म लिया ताकि रावण को मोक्ष दिलवा सके। इस कार्य में रामजी का साथ देने हेतु स्वयं शिवजी के अवतार हनुमान जी आये थे, जो की सदा के लिए अमर हो गए। रावण के वरदान के अनुसार उन्हे मृत्यु के साथ साथ उसे मोक्ष भी दिलवाया।

हनुमान जन्मोत्सव का पर्व बेहद शुभ माना जाता है। इसका हिंदुओं में बड़ा धार्मिक महत्व है। इस दिन भाव के साथ पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। भक्त इस दिन को बहुत खुशी और उत्साह के साथ मनाते हैं। बजरंगबली का जन्म राजा केसरी और माता अंजनी से हुआ था।

एक साल में दो बार मनाया जाता है जन्मोत्सव

 हनुमान जन्मोत्सव हर साल दो बार मनाया जाता है। एक चैत्र माह की पूर्णिमा और दूसरी कार्तिक माह की चतुर्दशी तिथि को। ग्रंथों के अनुसार, एक बार भूख से बेहाल बाल हनुमान ने भोजन की लालसा में फल समझकर सूर्यदेव को निगल लिया था, जब इंद्रदेव ने उन्हें भगवान सूर्य को मुख से निकालने को कहा, तो उन्होंने मना कर दिया, जिसके चलते देवराज इंद्र क्रोध में आ गए और उन्होंने हनुमान जी पर वज्र से प्रहार कर दिया, जिससे वे मूर्छित हो गए। इस वाक्य को देख पवनदेव क्रोधित हो गए और उन्होंने पूरे जगत से वायु का प्रवाह रोक दिया। इसके बाद ब्रह्मा जी और अन्य देवताओं ने अंजनी पुत्र को दूसरा जीवन प्रदान किया और अपनी-अपनी कुछ दिव्य शक्तियां भी दी। यह घटना चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि के दौरान हुई थी, तभी से इस दिन को भी हनुमान जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाने लगा।

पौराणिक कथाओं के अनुसार, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को वीर हनुमान का जन्म मां अंजनी के गर्भ से हुआ था। कहा जाता है उनके जन्म के समय कई प्रकार के शुभ संयोग बन रहे थे, जिनका एक साथ बनना बेहद दुर्लभ माना जाता है।

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