' गिरे परे मनखे मन के तैं, दुख ला अपन बनाए गा, लक्ष्मण मस्तुरिया भइया तँय, उँकर पीर ला गाए गा' :अनुज शर्मा

'You are the fallen soul of a man, you will make the sorrow your own, Laxman Masturia brother you will sing his pain', on the birth anniversary of the people's poet Laxman Masturia, superstar Anuj Sharma participated in the program 'Purkha ke Surta' in Raipur Press Club, Chhattisgarh, Khabargali

जनकवि लक्ष्मण मस्तुरिया की जयंती पर रायपुर प्रेस क्लब में ‘पुरखा के सुरता’ कार्यक्रम में शामिल हुए सुपरस्टार अनुज शर्मा

रायपुर (खबरगली) आज लक्ष्मण मस्तूरिया जी के जयंती के बेरा मा राइपुर प्रेस क्लब म ' पुरखा के सुरता' कार्यक्रम आयोजित होइस ,जेमा स्वर्गीय लक्ष्मण मस्तूरिया जी के जीवन, काम और विचार उपर प्रेरक चर्चा होइस कार्यक्रम म पदमश्री ले सम्मानित विधायक धरसीवां अनुज शर्मा जी शामिल होईन| ए बेरा म पदमश्री अनुज शर्मा जी ह लक्ष्मण मस्तूरिया जी ल याद करत भावुक होके कहिन छत्तीसगढ़ के संस्कृति ला, देख अमावस खावत हे , लछमन मस्तुरिया के सुरता, मन मा रहि-रहि आवत हे। हमर बर मस्तूरिया जी बरगद रुख बरोबर हरे जेखर डारा मा झूलना झूल के हमन छत्तीसगढ़ के संस्कृति संगीत ला जीयत हन, ऊंखर लेखनी मां छत्तीसगढ़ दमकत हे, ऊंखर आवाज आजो हमला कहत हे मोर संग चलव रे, मोर संग चलव गा,| मस्तूरिया जी केवल कवि नो रहिन, वो हमर माटी के आवाज रहिन उनकर हर गीत म एक संवेदना, हर पंक्ति म एक चेतना, अउ हर स्वर म एक आंदोलन के लहर रहिस। आज उहाँ ला नमन करत, हमर मन ये बात ला अउ गहिरई ले समझिस — कि भाषा, बोली, गीत संग एक जनकवि कइसे इतिहास गढ़ सकथे। लक्ष्मण मस्तूरिया जी, आप हमेशा हमर माटी म जीवित रहिहव, आप मन के मया, आप मन के स्वर, हमर प्रेरणा रहिहव।