गलवान झड़प के बाद पहली बार मिले मोदी और जिनपिंग
कल से द्विपक्षीय बैठकों का सिलसिला, कई देशों के नेताओं से मुलाकात करेंगे पीएम मोदी
बाली, इंडोनेशिया (khabargali) इंडोनेशिया में आज से शुरू हुए रहे जी-20 शिखर सम्मेलन में शिरकत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को बाली पहुंचे। यूं तो पीएम मोदी इससे पहले भी विदेश में कई बड़े सम्मेलनों में हिस्सा ले चुके हैं पर पीएम मोदी का ये दौरा खास माना जा रहा है । इस सम्मेलन में कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष शामिल हुए। इस दौरान पीएम मोदी 20 से ज्यादा बैठकों में हिस्सा लेंगे, जिनमें खाद्य, सुरक्षा, ऊर्जा, यूक्रेन संकट जैसे कई अहम मुद्दों पर चर्चा होगी। पीएम मोदी आज बाली में भारतीय समुदाय के कार्यक्रम में भी पहुंचे।
प्रधानमंत्री मोदी ने खाद किल्लत पर जताई गहरी चिंता, सदस्य देशों के सहयोग को बताया जरूरी-
विश्व के शीर्ष 20 देशों यानी जी-20 के शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दुनिया के आसन्न खाद्य संकट पर गहरी चिंता जताते हुए कहा कि आज की खाद की कमी कल के खाद्यान्न के संकट का कारण बनेगी। उन्होंने दुनिया के प्रमुख ताकतवर देशों के संगठन को चेताते हुए कहा कि खाद और खाद्यान्न, दोनों की सप्लाई चेन को मजबूत बनाने की दिशा में पूरी ताकत से उतरना होगा। दुनिया के दो बड़े खाद और खाद्यान्न के उत्पादक देशों रूस-यूक्रेन के बीच लंबा खींचते युद्ध से गरीब देशों की मुश्किलें बहुत बढ़ गई हैं, पेट भरने के लाले पड़े हैं। इंडोनेशिया के बाली में शुरू हुए जी-20 देशों के शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने कोविड-19 की विभीषिका के दौरान अपनी 130 करोड़ की आबादी की खाद्यान्न जरूरतों को पूरा करने के साथ दुनिया के कई देशों को भी खाद्यान्न की आपूर्ति का विस्तार से जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भारत में 80 करोड़ की आबादी को मार्च 2020 से अब तक खाद्यान्न की मुफ्त आपूर्ति की जा रही है।सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रो समेत अन्य देशों के शीर्ष नेताओं की उपस्थिति में प्रधानमंत्री मोदी ने भविष्य के खाद्यान्न संकट की ओर सबका ध्यान खींचा।
कल कई देशों के साथ द्विपक्षीय नेताओं के साथ बैठक करेंगे मोदी-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल 16 नवंबर को बाली, इंडोनेशिया में जी 20 शिखर सम्मेलन में इंडोनेशिया, स्पेन, फ्रांस, सिंगापुर, जर्मनी, इटली, ऑस्ट्रेलिया और यूनाइटेड किंगडम के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगे।
जी-20 के बयान में रूस की आक्रामकता की कड़ी निंदा-
जी-20 की ओर से मंगलवार को जारी बयान में कहा गया कि रूस की आक्रामकता की कड़ी निंदा करता है और यूक्रेन के क्षेत्र से अपनी पूर्ण और बिना शर्त वापसी की मांग करता है। जी-20 के मसौदे में यह भी कहा गया है कि रूस के खिलाफ स्थिति और प्रतिबंधों पर अलग-अलग देशों के अलग-अलग विचार हैं। यह भी कहा गया कि G-20 सुरक्षा मुद्दों को हल करने का मंच नहीं है। शिखर सम्मेलन में जेलेंस्की के रूस को जी-20 से कूटनीतिक और आर्थिक रूप से अलग-थलग करने के लिए राजी करने की कोशिश में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन भी शामिल हो गए। इस दौरान वैश्विक वित्तीय दृष्टिकोण में खटास के बावजूद कई देशों के संकल्प का परीक्षण किया गया।
मोदी और जिनपिंग की G20 में डिनर के दौरान हुई मुलाकात-
इंडोनेशिया के बाली में जी-20 सम्मेलन के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात हुई। जी-20 डिनर के दौरान दोनों नेता मिले और हाथ मिलाने के बाद कुछ देर तक बात करते रहे। बता दें कि साल 2020 में हुई गलवान झड़प के बाद किसी मंच पर मोदी और जिनपिंग की यह पहली मुलाकात है। गलवान झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। वहीं इसके बाद चीन के साथ सीमा पर तनाव के हालात बने हुए हैं। इससे पहले पीएम मोदी ने जी-20 के मंच पर कई अन्य वैश्विक नेताओं से भी मुलाकात की।
भारत की ऊर्जा सुरक्षा की परवाह करे दुनिया, G20 से PM का सख्त संदेश-
कई अन्य नेताओं से की मुलाकात- इससे पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को यहां जी20 शिखर सम्मेलन से इतर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और कई अन्य वैश्विक नेताओं के साथ अनौपचारिक बातचीत की। साथ ही कई मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। मोदी ने वार्षिक जी20 शिखर सम्मेलन के एक सत्र को यहां संबोधित करते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन, कोविड-19 वैश्विक महामारी और यूक्रेन संकट के कारण उत्पन्न वैश्विक चुनौतियों ने दुनिया में तबाही मचा दी है और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला चरमरा गई है।
WHO चीफ ने पीएम मोदी को दिया धन्यवाद, नया केंद्र बनाने में सहयोग को लेकर की तारीफ-
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) चीफ टेड्रोस अधनोम घेब्रेसियस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया है। उन्होंने कहा कि 'हेल्थ फॉर ऑल' सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पारंपरिक स्वास्थ्य केंद्र को स्थापित करने में बड़ी मदद की है। प्रधानमंत्री मोदी और डब्लूएचओ चीफ दोनों ही इन दिनों जी-20 सम्मेलन में हिस्सा लेने बाली पहुंचे हैं। सम्मेलन के दौरान घेब्रेसियस ने कोरोना महामारी और उससे पैदा हुए आर्थिक संकट को लेकर भी कई बातें कहीं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टैग करते हुए ट्वीट किया और लिखा, ग्लोबल ट्रैडिशनल हेल्थ सेंटर के लिए डब्लूएचओ का सहयोग करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद। बता दें कि इसी साल की शुरुआत में भारत सरकार और WHO ने एक समझौता किया था जिसके तहत पारंपरिक चिकित्सा का केंद्र स्थापित किया जाना है। भारत सरकार इस प्रोजेक्ट में 25 करोड़ डॉलर निवेश करेगा। इसका उद्देश्य दुनियाभर में होने वाली पारंपरिक चिकित्सा का विकास करना है। रिसर्च और तकनीक के जरिए ऐसी पद्धतियों को बल देना इस सेंटर का काम होगा।
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