क्या यूक्रेन युद्ध जीत रहा है?

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समंदर में रूस पर तेज होगा हमला, यूक्रेन को Harpoon और Naval Strike Missiles देने की तैयारी में अमेरिका

नई दिल्ली (khabargali) रूस और यूक्रेन की जंग को तीन महीने होने जा रहे हैं और अब तक युद्ध किसी अंजाम तक नहीं पहुंचा है। इसकी एक वजह यूक्रेन को दूसरे देशों से मिल रही सैन्य मदद भी है। किसी को नहीं पता है कि यह युद्ध कब और कैसे खत्म होगा लेकिन यह करीब-करीब साफ है कि रूस अभी नहीं जीत रहा है। रूस अब तक यूक्रेन की सरकार को बदलने और कीव पर कब्जा करने में नाकाम रहा है और अब तो रूस यूक्रेन के पूर्वी भाग के कुछ इलाकों में सिमटकर रह गया है। इतना ही नहीं रूस को यूक्रेनी सेना को पीछे धकेलने में भी मुश्किलें आ रही हैं। तो क्या यूक्रेन युद्ध जीत रहा है?

अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों ने यूक्रेन को भारी हथियार मुहैयार कराए हैं। इससे यूक्रेन को रूस के जमीनी और हवाई हमलों का जवाब देने में काफी मदद मिली। इसी बीच अब समंदर में भी रूस के हमलों का जवाब देने के लिए अमेरिका यूक्रेन को एंटी-शिप मिसाइल देने की तैयारी कर रहा है। न्यूज एजेंसी ने अमेरिकी अधिकारियों और सांसदों के हवाले से बताया है कि अमेरिका यूक्रेन को दो तरह की एंटी-शिप मिसाइल देने की तैयारी में है। इनमें एक मिसाइल Harpoon है, जिसे Boeing ने बनाया है, जबकि दूसरी Naval Strike Missile है, जिसे Kongsberg और Raytheon Technologies ने मिलकर बनाया है. ये मिसाइलें लंबी दूरी तक मार कर सकती हैं और युद्धपोतों को डुबा सकती हैं।

जानकारों का कहना है कि यूक्रेनी सेना ने बेहद चतुराई से काम किया है और रूसी सेना की कमजोरियों पर वार कर फायदा उठाया है। सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज के एलियट कोहेन ने मामले को लेकर कहा, 'मुझे लगता है कि यहां जिस परिदृश्य को कम करके आंका जा रहा है, वह वास्तविक रूसी पतन की संभावना है। मुझे लगता है कि मौलिक स्तर पर पुतिन पहले ही हार चुके हैं और मुझे व्यक्तिगत रूप से यह कल्पना करना मुश्किल लगता है कि वह बहुत लंबे समय तक सत्ता में रहें।' जिस तरह से रूसी सेना ने यूक्रेन को नुकसान पहुंचाया है उसे डॉक्यूमेंट किया गया है लेकिन यूक्रेनी सेना ने रूसी सेना को कितना नुकसान पहुंचाया है यह बेहतर तरीके से डॉक्यूमेंट नहीं किया गया है। यह सच है कि कई जगहों पर यूक्रेनी सेना पीछे हटी थी लेकिन अब उन जगहों पर फिर एक बार यूक्रेनी सेना का नियंत्रण है। इसमें पूर्वी यूक्रेन का हिस्सा शामिल नहीं है क्योंकि वहां अभी भी रूसी सैनिक बड़े हिस्से में जमे हुए हैं।

सुरक्षा थिंक टैंक रॉयल यूनाइटेड सर्विसेज इंस्टीट्यूट के पूर्व निदेशक माइकल क्लार्क ने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि यूक्रेन के पतन की संभावना है। यूक्रेन को जीत सुनिश्चित करने के लिए जो कुछ भी करना होगा वह करने जा रहे हैं।' युद्ध में कई बार ऐसी स्थितियां बन जाती हैं जब किसी भी पक्ष की हार या जीत नहीं होती है। बराबरी पर छूट जाता है। ऐसे हालात में यह संभव है कि किसी पक्ष का अधिक नुकसान हुआ हो और किसी का कम लेकिन जीत या हार किसी की नहीं होती। विश्लेषकों का कहना है कि अगर यूक्रेन डोनबास में मौजूदा रूसी आक्रमण का सामना कर सकता है, तो यूक्रेनियन अगले कुछ हफ्तों में अपने जवाबी हमले को तेज कर देंगे।

स्कॉटलैंड के सेंट एंड्रयूज विश्वविद्यालय में रणनीतिक अध्ययन के प्रोफेसर फिलिप्स ओ ब्रायन बताते हैं कि ऐसा लगता है कि रूस ने जो एज हासिल किया था उसे खो रहे हैं। लेकिन बड़ा सवाल यही है कि वह किस पॉइंट पर आगे बढना बंद कर देंगे और क्या यूक्रेनी सेना उन्हें पीछे धकेल सकेगी? किंग कॉलेज लंदन के प्रोफेसर लावरेंस फ्रेडमेन का कहना है कि अगर यूक्रेनी सेना रूसी सेना को पीछे धकेलने में सफल रहती है तो वहां कहां जाकर रुकेंगे, यह बड़ा सवाल है। क्या यूक्रेन 23 फरवरी से पहले की स्थिति चाहता है या फिर क्रीमिया को वापस लेने पर भी यूक्रेन की नजर है?