पत्रकारिता के पुरोधा ...वरिष्ठ साहित्यकार, पत्रकार रमेश नैयर जी का निधन..पढ़ें ऐसी रही उनकी यात्रा..
रायपुर (khabargali) अपनी निर्भीक और निष्पक्ष पत्रकारिता से प्रदेश और देश को दिशा देने वाले वरिष्ठ पत्रकार रमेश नैयर का बुधवार को आकस्मिक निधन हो गया है। नैयर जी कई भाषाओं के ज्ञाता थे और एक बेहतर साहित्यकार, पत्रकार, व्यंगकार और कवि थे। जिस आयोजन में वक्ता के रूप में जाते तो मंच जीते लेते। उनका जन्म गुजरात के कुंजाह में 10 फरवरी 1940 को हुआ था। वर्तमान में कुंजाह पाकिस्तान में स्थित है।
इन संस्थानों में कुशल सेवाएं दीं
वरिष्ठ पत्रकार रमेश नैयर ने देशबंधु, युगधर्म, एम पी क्रॉनिकल, लोक स्वर, ट्रिब्यून, संडे आॅब्जर्वर और दैनिक भास्कर में लंबे समय तक पत्रकारिता की। उन्होने चार पुस्तकों का संपादन भी किया। अंग्रेजी, उर्दू और पंजाबी की सात पुस्तकों का हिंदी में अनुवाद भी किया। दूरदर्शन, आकाशवाणी तथा अन्य टेलीविजन चैनलों के लिए लेखक, राजनैतिक समीक्षक और विषय विशेषज्ञ के रूप में कार्य किया।
ढ़ेरों सम्मान मिले
श्रेष्ठ पत्रकारिता के लिए आॅल इंडिया आर्टिस्ट एसोसिएशन, शिमला का 1984-85 का सामाजिक पत्रकारिता के लिए पुरस्कार, पत्रकारिता के लिए झाबरमल शर्मा स्मृति शिखर सम्मान, श्रेष्ठ पत्रकारिता के लिए प्रथम वसुन्धरा सम्मान, ग्रामीण अंचलीय पत्रकार संघ जनपद मेरठ द्वारा पुरस्कृत और सम्मानित।छत्तीसगढ़ विधानसभा की पत्रकार दीर्घा सलाहकार समिति के सभापति भी रहे।
रायपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष भी रहे
रमेश नैयर जी रायपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष रहे। प्रेस क्लब आॅफ इंडिया दिल्ली तथा प्रेस क्लब चंडीगढ़ के सदस्य, तीन वर्षों तक इंडियन फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट पुणे की चार सदस्यीय गवर्निंग काउंसिलिंग के सदस्य थे।
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