नीट काउंसलिंग में अस्पष्ट प्रक्रिया : एक ही शासकीय नोटिस में दो विरोधाभासी नियम

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चिकित्सा शिक्षा विभाग के काउंसलिंग नियम में खामी, समाधान को लेकर सीएम बघेल व स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव से चिकित्‍सकों की ने मांग

रायपुर (khabargali) संचनालय चिकित्सा शिक्षा ने विगत 19 जनवरी से MBBS/BDS की काउंसलिंग शुरू की है। इसके लिए उन्होंने नोटिस क्रमांक 577 जारी किया है। राजधानी के चिकित्‍सकों द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक आश्चर्यजनक रूप से काउंसलिंग की प्रक्रिया में नियमों का घोर उल्लंघन किया जा रहा है। दरअसल नियम क्रमांक 7 के अनुसार काउंसलिंग की प्रक्रिया में स्पष्ट रूप से दर्शाया गया है कि पहले प्रदेश की मेरिट लिस्ट जारी की जाएगी तत्पश्चात प्रत्याशियों से उनकी चॉइस फिलिंग की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। किंतु हकीकत इससे काफी दूर है, वर्तमान में छात्रों को बाध्य किया जा रहा है कि बिना मेरिट लिस्ट के रिलीज किए वह अपनी चॉइस फिलिंग ऑनलाइन करें।

इसके अलावा नोटिस क्रमांक 577 में पृष्ठ नंबर 3 में स्पष्ट रूप से दिखाया गया है की प्रथम राउंड में फ्री एग्जिट FREE EXIT का प्रावधान है। किंतु उसी नोटिस में पृष्ठ क्रमांक 10 कंडिका क्रमांक 10 में लिखा गया है कि अगर किसी को शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय मिलता है और वह जॉइन नहीं करता है तो उसे काउंसिलिंग से बाहर कर दिया जाएगा तथा उस की पात्रता समाप्त हो जाएगी।

इससे स्पष्ट है कि किस प्रकार एक ही शासकीय नोटिस में दो विरोधाभासी नियम होने की वजह से अभ्यार्थी अत्यंत भय में है तथा मानसिक पीड़ा का सामना कर रहे हैं। अभ्यार्थी इस विरोधाभाषी नियमों पर जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग कर रहे है।

जानकारी के अनुसार शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय में प्रवेश लेना अनिवार्य होगा, किन्तु निजी चिकित्सा महाविद्यालय/शासकीय दंत चिकित्सा महाविद्यालय/निजी दंत चिकित्सा महाविद्यालयों में प्रवेश लेना अनिवार्य नहीं होगा किन्तु, सभी आबंटित अभ्यर्थियों को संवीक्षा करवाना तथा संवीक्षा में पात्र होना अनिवार्य है। तथापि आबंटित शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय में प्रवेश न लेने वाले अभ्यर्थी काउंसिलिंग प्रक्रिया से बाहर हो जायेंगे। दस्तावेजों की संवीक्षा में अर्ह होने पर अभ्यर्थी आबंटित शासकीय चिकित्सा संस्था में प्रवेश लेकर काउंसिलिंग प्रक्रिया बने रहने का विकल्प दे सकेंगे। जबकि शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय के आबंटित महाविद्यालय तथा संवीक्षा में पात्र अभ्यर्थी बिना संस्था प्रवेश लए द्वितीय काउंसिलिंग में बने रहने का विकल्प दे सकेंगे। इससे संबंधित आदेशों में बताया गया था कि ऑनलाईन आवेदन के समय प्रविष्ट की हुई पात्रता या अन्य कोई भी जानकारी जैसे मूल निवासी, श्रेणी, संवर्ग, सीटों का प्रकार, महाविद्यालय चयन इत्यादि अपरिवर्तनीय होंगे। इसलिए तमाम अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं स्वास्थ्य मंत्री से निवेदन कर जल्द से जल्द इस विषय में संज्ञान लेकर उचित निर्देश संचनालय चिकित्सा शिक्षा को देने के लिए आग्रह किया है।

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