पेरिस के सिटी हॉल में गूंजा छत्तीसगढ़..

Triambak sharma
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त्र्यम्बक शर्मा ने कहा कि कार्टूनिस्टों को नफ़रत फैलाने और अतिरेक होने से बचना चाहिए...

पेरिस (khabargali) कार्टून ग्लोबल फ़ोरम इंटर्नैशनल डे के अवसर पर आयोजित गोल मेज़ सम्मेलन में विश्व के 32 देशों के कार्टूनिस्ट शामिल हुए. पेरिस के सिटी हॉल में 2 अक्तूबर 2019 को आयोजित इस गोल मेज़ सम्मेलन में भारत की एकमात्र कार्टून पत्रिका कार्टून वॉच की ओर से त्र्यम्बक शर्मा शामिल हुए.

फ़्रान्स से कार्टून वॉच ने की अंतरराष्ट्रीय सम्मान की शुरुआत..

कार्टून वॉच पत्रिका अब तक राष्ट्रीय स्तर पर ही जीवन गौरव सम्मान प्रदान करती थी. विगत 15 वर्षों से यह सम्मान कार्टून के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले कार्टूनिस्टों को दिया जाता है.29 सितम्बर 2019 को फ़्रान्स के शहर लिमोज़ में विगत 38 साल से किए जा रहे आयोजन में अंतरराष्ट्रीय सम्मान की शुरुआत की गई. कार्टून वॉच के सम्पादक त्र्यम्बक शर्मा ने बताया कि विश्व भर के कार्टूनिस्ट इस आयोजन में भाग लेते हैं और लगातार 8 दिन चलने वाले इस वृहद आयोजन को बहुत आत्मीयता से किया जाता है.

आयोजन की शुरुआत मेअर रह चुके कार्टून प्रेमी स्वर्गीय जेराअल्ड ने की

सेंट जस्ट लि मार्टेल नाम की जगह पर यह कार्यक्रम किया जाता है. यह ऐसी जगह है जहाँ गाँव जैसी हरियाली और शांति है साथ ही शहर जैसी आधुनिकता भी. यहाँ के लोग बाहर से आने वाले कार्टूनिस्ट को अपने घर में आतिथ्य भाव से रुकवाते हैं. इसके लिए वे आपस में चर्चा कर लेते हैं या फिर लाटरी की तरह नाम निर्धारित करते हैं. आयोजन स्थल पर लंच डिनर चाय काफ़ी और वाइन की व्यवस्था की जाती है. यहाँ के स्कूली बच्चे खाने की व्यवस्था सम्हालते हैं. आज जब भारत में बैठक के खिलाना समाप्त होता जा रहा है वहीं ये बच्चे टेबल कुर्सी में बैठे अतिथियों को दौड़ दौड़ कर भोजन परोस रहे होते हैं. वे ही प्लेट उठाते हैं और जगह साफ़ भी करते हैं. यहाँ वेटर नहीं होते. इस कार्यक्रम की शुरुआत यहाँ के मेअर रह चुके कार्टून प्रेमी स्वर्गीय जेराअल्ड ने की थी.

5 लोगों को कार्टून वॉच का लाइफ़ टाइम अवार्ड

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इस मौक़े पर नवरात्रि के पहले दिन सबसे पहले दो महिलाओं को और फिर तीन पुरुष को कार्टून वॉच का लाइफ़ टाइम अवार्ड प्रदान किया गया. कार्यक्रम को त्र्यम्बक शर्मा अंग्रेज़ी में संचालित कर रहे थे और उसका फ़्रेंच भाषा में अनुवाद निकोलस ने किया. यहाँ प्रदान किए गए सम्मान पत्र में भी अंग्रेज़ी और फ़्रेंच भाषा का प्रयोग किया गया. श्री शर्मा ने इस अवसर पर घोषणा की कि भविष्य में विभिन्न देशों के कार्टूनिस्ट को कार्टून वॉच का यह सम्मान प्रदान किया जाएगा, जिसके चयन के लिए कार्टूनिंग ग्लोबल फ़ोरम के सदस्य अपने सुझाव देंगे. इस अवसर पर कोरिने विलजर, क्रिस्टीन गीओट,गाई हेंनेकुइन, फ़िलिप हैनेरी और सबआस्टिन पीडेकेरफ को सम्मानित किया गया. सभी ने अपने सम्बोधन में भारत से आए छत्तीसगढ़ की कार्टून पत्रिका के प्रति आभार व्यक्त किया और आगामी वर्ष से इसे करने की सहमति प्रदान की. इस मौक़े पर मुंबई से अरुण इनामदार, इंग्लैंड से स्टीव बेल, जर्मनी से , ईरान से, फ़्रान्स के अलगअलग हिस्सों से, अमेरिका से और अन्य कई देशों के कार्टूनिस्ट उपस्थित थे.

गांधी जी की 150 वी जयंती होना सुखद संयोंग

सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए त्र्यम्बक शर्मा ने सबसे पहले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को याद किया और बताया कि यह सुखद संयोग है कि यह सम्मेलन गांधीजी की 150 वीं जयंती पर आयोजित हो रहा है. उन्होंने कहा कि यूनाइटेड नेशन आज के दिन को विश्व अहिंसा दिवस के रूप में मनाता है और हम आज उस शहर में हैं जहाँ पर 12 लोगों पर गोलियाँ बरसाई गई जिसमें 8 कार्टूनिस्ट मारे गए. श्री शर्मा ने कहा कि कार्टूनिस्ट को जानबूझकर विवादास्पद कार्टून बनाकर मशहूर होने से बचना चाहिए. पेरिस से निकलने वाले कार्टून साप्ताहिक अख़बार चार्ली हेबदो के अतिरेक कार्टूनों और उसकी प्रतिक्रिया को ज़हन में रखते हुए श्री शर्मा ने कहा की भारत में कहा जाता है कि अति सर्वत्र व्रजऐत, इसलिए करतूनिस्टों को अतिरेक होने से बचना चाहिए. उन्होंने कहा कि आजकल विश्व के अनेक कार्टूनिस्ट नग्नता को कार्टून में शामिल कर रहे हैं, जबकि असली कार्टूनिस्ट वह है जो बिना आपके कपड़े उतारेआपकी नग्नता को रेखांकित कर दे.

कार्टूनिस्ट के लिए काम नहीं- डेरिल केगल

इस मौक़े पर अमेरिका के कार्टूनिस्ट डेरिल केगल ने कहा कि कार्टूनिस्ट वह बेच रहे हैं जिसका कोई ख़रीददार नहीं है, अख़बारों में कार्टूनिस्टों के लिए काम नहीं है. उन्होंने कहा कि फ़ोरम को सम्पादकों का भी एक सम्मेलन कराना चाहिए जिस से वे कार्टूनिस्ट को अपने अख़बार में जगह देना शुरू करें. इस सम्मेलन में सभी देशों के कार्टूनिस्ट ने अपने अपने विचार रखे और अभिव्यक्ति कि स्वतंत्रता के संदर्भ में अपनी बात रखी.अधिकतर कार्टूनिस्ट हेट स्पीच वाले कार्टून के ख़िलाफ़ दिखे और कुछ पूर्ण स्वतंत्रता के पक्षधर भी. कुछ ने कहा कि अभिव्यक्ति कि स्वतंत्रता का आशय पूर्ण स्वतंत्रता है.इस अवसर पर इटली,मलेसिया,रूस,यूएसए, इंगलैण्ड, अफगानिस्तान सहित 32 देशों के कार्टूनिस्ट उपस्थित थे.

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