सूरत के बाद इंदौर में भी खेला, कांग्रेस के अक्षय कांति बम ने वापस लिया परचा, BJP में होंगे शामिल

After Surat, the game was played in Indore too, Akshay Kanti Bam of Congress withdrew his nomination, will join BJP, Shankar Lalwani, Khabargali

इंदौर (khabargali) लोकसभा चुनाव के बीच मध्य प्रदेश की इंदौर सीट पर भी खेला हो गया।इंदौर में कांग्रेस के प्रत्याशी अक्षय कांति ने अपना नामांकन वापस ले लिया है। इसके बाद कांग्रेस के प्रत्याशी बीजेपी में जाकर शामिल हो गए हैं। खबर लगते हैं कांग्रेसी खेमे में हडकंप मच गया है। नेता अब अगले कदम के लिए रायशुमारी कर रहे हैं।

बीजेपी ने इंदौर से शंकर लालवानी को उम्मीदवार बनाया है।लालवानी, इंदौर नगर निगम के सभापति और इंदौर विकास प्राधिकरण (आईडीए) के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। कांति बम को कांग्रेस ने पहली बार उम्मीदवार बनाया था। अक्षय कांति बम पेशे से कारोबारी हैं। नामांकन फॉर्म भरने के दौरान अक्षय कांति बम ने खुलासा किया था कि वह 14 लाख की घड़ी पहनते हैं। उनके पास पत्नी को मिलाकर करीब 87 करोड़ रुपए की संपत्ति है। नॉमिनेशन दाखिल करने के बाद अक्षय कांति बम लगातार चुनाव प्रचार कर रहे थे। आज नामांकन वापस लेने का आखिरी वक्त था। कलेक्ट्रेट जाकर अक्षय कांति बम ने नॉमिनेशन वापस ले लिया है।

वह एमपी सरकार के कद्दावर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के साथ उनकी गाड़ी में नजर आए हैं। कैलाश विजयवर्गीय ने गाड़ी में उनकी साथ सेल्फी ली है। साथ ही उसकी तस्वीर शेयर की है। कैलाश विजयवर्गीय ने पोस्ट करते हुए लिखा "इंदौर से कांग्रेस के लोकसभा उम्मीदवार अक्षय कांति बम का बीजेपी में स्वागत है।"

28 सीटों पर चुनाव लड़ रही कांग्रेस मध्य प्रदेश में

कांग्रेस पार्टी 28 सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ रही है। खजुराहो लोकसभा सीट पार्टी ने सपा दे दिया है। मध्य प्रदेश में 12 सीटों पर वोटिंग हो गई है। दो चरण की वोटिंग से पहले कांग्रेस को झटका लगा है। इंदौर में चौथे चरण में 13 मई को वोटिंग है। इससे पहले कांग्रेस को लगा बड़ा झटका है। मतदाताओं की तादाद के लिहाज से प्रदेश में सबसे बड़े लोकसभा क्षेत्र इंदौर में 25.13 लाख लोगों को मताधिकार हासिल है।

सूरत में कांग्रेस उम्मीदवार का परचा हुआ था रद्द

इससे पहले सूरत लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्‍याशी का नामांकन रद्द हो गया था। वहीं अन्य उम्मीदवारों ने अपना नामांकन वापस ले लिया था।कांग्रेस की गुजरात इकाई के प्रमुख शक्तिसिंह गोहिल ने आरोप लगाया था कि सूरत लोकसभा सीट से पार्टी के उम्मीदवार का नामांकन पत्र बीजेपी के इशारे पर खारिज किया गया था।