पहली बार सुप्रीम कोर्ट में मूक बधिर वकील के लिए दुभाषिया पेश हुआ

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दिव्यांग बेटियों को सुप्रीम कोर्ट लेकर पहुंचे थे सीजेआई 

नई दिल्ली (khabargali) सुप्रीम कोर्ट ने पहली बार एक मूक-बधिर वकील द्वारा सांकेतिक भाषा का उपयोग करते हुए एक दुभाषिया के माध्यम से बहस की सुनवाई की है। पिछले शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट की वर्चुअल कार्यवाही इस रोचक वाकये की गवाह बनी है। इस सुनवाई के दरमियान बधिर महिला वकील सारा सनी के लिए पहली बार दुभाषिया पेश हुआ। इस सुनवाई के लिए वर्चुअल कार्यवाही का प्रबंधन करने वाले नियंत्रण कक्ष ने सारा सनी को पहले स्क्रीन स्पेस देने से इंकार कर दिया था। लेकिन बाद में सीजेआई के हस्तक्षेप के बाद उन्हें यह स्पेस दिया गया। सीजेआई ने कहा कि बेशक, दुभाषिया कार्यवाही में शामिल हो सकता है। कोई समस्या नहीं है। इसके बाद दोनों स्क्रीन पर आए और सुप्रीम कोर्ट के सामने अपनी दलीलें रखीं। जब उनकी सुनवाई की बारी आई तो उनके दुभाषिया सौरभ रॉय चौधरी स्क्रीन पर दिखाई दिए और चौधरी ने सनी द्वारा दी गई सांकेतिक भाषा को पढ़ते हुए सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के समक्ष अपनी दलीलें देनी शुरू कीं।

मूक बधिर वकील सनी की उपस्थिति की व्यवस्था एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड संचिता एन द्वारा की गई थी। अदालत में भी सीजेआई चंद्रचूड़ ने देश भर की अदालतों को विकलांग वकीलों और वादियों के स्वागत योग्य स्थानों में बदलने के अपने मिशन पर लगातार आवाज उठाई है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ न्याय तक समान पहुंच को सुनिश्चित करने का आह्वान करते रहे हैं। पिछले साल, उन्होंने न्याय प्रणाली को और अधिक सुलभ बनाने को लेकर कई निर्देश दिया था। उन्होंने अदालत में आने पर दिव्यांग लोगों के सामने पेश आने वाली चुनौतियों को समझने के लिए सुप्रीम कोर्ट परिसर की विस्तृत पहुंच ऑडिट का आदेश दिया था।

जानें सारा सनी को-

सारा सनी देश की पहला बधिर वकील हैं। उन्होंने अपनी विकलांगता के समक्ष आई चुनौतियों को पार पाने की कोशिश की है। अपनी श‌िक्षा, जिसे मैंने उन्होंने व्यावसायिक शिक्षा के दरमियान अर्जित किया है, और सक्रिय श्रवण कौशल कारण मैं खुद को वास्तव में सक्षम मानती हैं।

उन्होंने बैंगलोर स्थित सेंट जोसेफ कॉलेज ऑफ लॉ से एलएलबी किया है। कानून की पढ़ाई से पहले, उन्होंने बैंगलोर स्थित ज्योति निवास कॉलेज से वाणिज्य में स्नातक की डिग्री ली है। उनके माता-पिता सनी और बेट्टी हैं। पिता चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं। उनके दो भाई-बहन हैं। मारिया उनकी जुड़वां बहन है। वह चार्टर्ड एकाउंटेंट है। उनका बड़ा भाई प्रतीक इंजीनियर है। उनके पिता कोट्टायम से हैं।

दिव्यांग बेटियों को सुप्रीम कोर्ट लेकर पहुंचे थे सीजेआई

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने खुद दो दिव्यांग बेटियों को गोद लिया है। इस साल की शुरूआत में सुप्रीम कोर्ट में सुबह करीब दस बजे उस समय सब हैरान हो गए जब श्री चंद्रचूड़ अपनी दोनों दिव्यांग बेटियों (फोस्टर) को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए। सीजेआई दोनों को व्हील चेयर पर ही अपने कोर्ट रूम नंबर 1 में लेकर पहुंचे और दिखाया कि कोर्ट में कैसे कामकाज होता है। वह कहां बैठते हैं। वकील कहां से बहस करते हैं।