जमीन पर मिला महंत का शव, चल रहा था पंखा, तीन टुकड़े में मिली रस्सी
प्रयागराज (khabargali) अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और बाघंबरी गद्दी के महंत नरेंद्र गिरी की मौत के मामले की गुत्थी उलझती ही जा रही है। अब उनकी आत्महत्या के फौरन बाद का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें महंत नरेंद्र का शरीर फर्श पर दिखाई दे रहा है। इसमें फंदा बनी रस्सी के तीन टुकड़े और पंखे के चलते रहने से कई सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं. वीडियो उस वक्त का है जब पुलिस कमरे में पहुंची थी.
एक मिनट 45 सेकंड का है वीडियो
करीब एक मिनट 45 सेकंड के इस वीडियो में पुलिस अधिकारी मठ में मौजूद शिष्यों से पूछताछ करते हुए दिख रहे हैं. वीडियो में आईजी केपी सिंह भी दिखाई पड़ते हैं, उन्होंने पंखे को लेकर भी सवाल किया, जिसपर वहां खड़े सुमित ने बताया कि ये उसने ही चलाया था. केपी सिंह ने सभी से कहा कि शव को तुम्हें नीचे नहीं उतारना चाहिए था. इसके साथ ही पुलिसकर्मी भी सवालों के दायरे में हैं. क्राइम सीन की घेराबंदी क्यों नहीं की गई. लोग पैरों में जूते पहनकर कमरे में चहलकदमी करते दिखाई दे रहे हैं.
कमरे का पंखा किसने चलाया?
वीडियो में कमरे का पंखा चलता हुआ दिख रहा है. पंखे की रॉड जिसमें फंसी होती है, इसी में पीले रंग की नॉयलॉन की उस रस्सी का एक हिस्सा भी फंसा नजर आता है, जिससे बनाए गए फंदे पर महंत का शव लटका मिला. वीडियो में फर्श पर मृत पड़े महंत के गले में रस्सी का एक टुकड़ा भी फंसा दिखाई देता है. पंखे के ऊपरी सिरे तक कैसे बांध ली रस्सी? फंदे के तौर पर इस्तेमाल की गई रस्सी का एक हिस्सा महंत गिरि के गले में, दूसरा टुकड़ा पास में मेज पर और तीसरा टुकड़ा पंखे के सबसे ऊपरी सिरे में छत से लगने वाली रॉड में दिखाई दे रहा है. अब ऐसे में सवाल उठ रहा है कि गठिया यानी कि पैरों के जोड़ में तकलीफ के बावजूद महंत ने इतनी ऊंचाई तक खड़े होकर रस्सी कैसे बांधी होगी . रस्सी का दूसरा हिस्सा मेज पर है, जिसके पास में ही वसीयत के कागज भी दिखाई दे रहे हैं.
रस्सी के तीन हिस्से मिले
वीडियो में रस्सी के तीन हिस्से दिखाई पड़ते हैं, जिसको लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. रस्सी का एक हिस्सा पंखे से फंसा है, दूसरा महंत नरेंद्र गिरि के गले में था और तीसरा हिस्सा शीशे की मेज पर ही रखा था. सर्वेश द्विवेदी ही वो शख्स हैं, जिन्होंने महंत नरेंद्र गिरि का शव पंखे से उतारा था. उन्होंने कहा कि शव को उतारने के लिए उन्होंने ही अन्यों की मदद से रस्सी काटी थी, तब इतना ध्यान नहीं दिया कि रस्सी तीन हिस्सों में कटी या फिर दो हिस्सों में.
सुसाइड नोट को लेकर भी उठ रहे हैं सवाल
कमरे से मिला नरेंद्र गिरी का सुसाइड नोट सही है या फर्जी, इसको लेकर भी तरह-तरह की बातें की जा रही है. अनेक संतों का कहना है कि नरेंद्र गिरी हस्ताक्षर तक ठीक से नहीं कर पाते थे, ऐसे में 13 पन्ने का सुसाइड नोट लिख पाना समझ के बाहर है. निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रवींद्र पुरी का साफ तौर पर कहना है कि सुसाइड लेटर में कई खामियां हैं, इसलिए हमें बिल्कुल विश्वास नहीं है कि उसे महंत नरेंद्र गिरि ने लिखा होगा.
आनंद गिरि गिरफ्तार, पुलिस की जांच जारी
आपको बता दें कि सोमवार को प्रयागराज के बाघंबरी मठ के कमरे में महंत नरेंद्र गिरि की मौत हुई थी. उनका शव पंखे से लटका हुआ मिला था, साथ ही कमरे में एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ था. बुधवार को महंत नरेंद्र गिरि को भू-समाधि दी गई है. सुसाइड नोट के आधार पर आनंद गिरि, आद्या तिवारी और अन्य को पुलिस ने अपनी गिरफ्त में लिया है. प्रयागराज पुलिस ने आनंद गिरि को गिरफ्तार किया है, जबकि अन्यों को हिरासत में लिया है. इनके अलावा भी पुलिस अलग-अलग लोगों से पूछताछ कर रही है. बीते दिन महंत नरेंद्र गिरि के गनर्स से पूछताछ की गई, मौत के वक्त वो कहां पर थे ये सब सवाल किए गए. मठ में मौजूद लोगों से भी पुलिस ने सवाल किए हैं.
यूपी सरकार ने की सीबीआई जांच की सिफारिश
महंत नरेंद्र गिरि ने अपने सुसाइड नोट में आनंद गिरि पर मानसिक प्रताड़ना के आरोप लगाए थे और मौत का ज़िम्मेदार भी बताया था. यही कारण है कि नरेंद्र गिरि की मौत को लेकर कई सारे सवाल खड़े हो रहे हैं. कई संतों ने इस बात को कहा है कि ये एक साजिश है और हत्या है, नरेंद्र गिरि आत्महत्या नहीं कर सकते थे. उत्तर प्रदेश सरकार ने पहले इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था, लेकिन अब राज्य सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की है. संतों के द्वारा लगातार इसकी मांग उठ रही थी कि सीबीआई को जांच सौंपी जानी चाहिए.
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