
धमतरी (खबरगली) धमतरी में 28 साल की महिला ने जलपरी जैसा दिखने वाले एक अद्भुत बच्चे को जन्म दिया है। डाक्टर का दावा है कि यह छत्तीसगढ़ का पहला और भारत का दूसरा केस है। बच्चे के दोनों पैर जलपरी की तरह आपस में जुड़े थे। बच्चे का जब जन्म हुआ तो डाक्टर-नर्स हैरान रह गए। यह दुर्लभ मरमेड बेबी जिंदगी और मौत से संघर्ष करता रहा। अंतत: जन्म से तीन घंटे बाद इसकी मौत हो गई। डाक्टरी भाषा में इसे मरमेड सिंड्रोम (सिरेनोमेलिया) कहा जाता है। ऐसे बच्चों का जन्म के बाद भी जेंडर पता नहीं चल पता।
प्रसूता का डिलीवरी कराने वाली गायनी विशेषज्ञ डॉ. रागिनी सिंह ठाकुर ने बताया कि 1 अक्टूबर को एक महिला डिलीवरी के लिए जिला अस्पताल पहुंची। पेट में थोड़ा भी पानी नहीं था। ऐसी स्थिति में तत्काल सीजर से डिलीवरी करानी पड़ी। शिशु के ऊपर का हिस्सा क्लीयर था।
आंख, नाक, हार्ट विकसित थे, लेकिन रीढ़ की हड्डी से नीचे का हिस्सा फ्यूज था। बच्चे के नीचे का हिस्सा जलपरी की तरह था। बुधवार को 12.30 बजे बच्चे का 800 ग्राम के शिशु का जन्म हुआ और 3 घंटे के बाद उसकी मौत हो गई।
क्या है मरमेड सिंड्रोम
दुर्लभ जन्मजात विकृति है, जिसमें पैर एक साथ जुड़े होते हैं। इससे एक जलपरी की पूंछ जैसी आकृति बन जाती है इसलिए इसका उपनाम सिरिनोमेलिया पड़ा है। लडक़ों में यह स्थिति लड़कियों की तुलना में तीन गुना ज्यादा देखी जाती है। जानकारी के अनुसार ऐसा दुर्लभ केस अंतरराष्ट्रीय जनरल आफ रिप्रोडक्शन, गर्भनिरोधक, प्रसूती एवं स्त्री रोग के अनुसार 1542 से अब तक 300 मामले ही हैं। 2016 में उत्तरप्रदेश की एक महिला ने देश के पहले जलपरी शिशु को जन्म दिया था, लेकिन यह शिशु सिर्फ 10 मिनट तक ही जीवित था।
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